भाजपा राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर दुर्घटना मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में करवाने की मांग की है। इस दुर्घटना में भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और उनके रक्षा सलाहकार समेत 13 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने सीडीएस रावत की मौत की जाँच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की है, लेकिन भाजपा सांसद चाहते हैं कि इस मामले की जाँच सरकार या उसकी एजेंसियों के बजाय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश करें।
नयी दिल्ली (ब्यूरो):
एक दैनिक हिन्दी समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में स्वामी ने कहा, “मैं इस मामले में सवाल खड़ा नहीं कर रहा हूँ। मेरा कहना है कि सेना के एक बड़े अधिकारी की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हुई है, वो भी अपने देश में। वो एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे और उसका पायलट भी मिलिट्री से ही था। इसलिए मिलिट्री पर कोई दबाव नहीं आना चाहिए।”
स्वामी को आशंका है कि सेना पर दबाव बनाकर कहीं तथ्यों को दबा न दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले की जाँच ऐसे व्यक्ति से करवानी चाहिए, जो न तो सेना से हो और न ही सरकार से। उनकी नजर मेें वो सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ही हो सकते हैं। अपनी बातों को बल देने के लिए स्वामी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या के मामले का उदाहरण दिया और कहा कि कैनेडी की हत्या के बाद उनकी मौत की जाँच का जिम्मा अमेरिका के चीफ जस्टिस को दिया गया था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह सार्वजनिक मामला है। उन्होंने कहा कि हमारे दुश्मन, लोगों को गुमराह करने के लिए कई तरह के दुष्प्रचार कर रहे हैं, इसलिए इसकी वास्तविकता को सामने लाने के लिए मेरी यह मांग है कि इस दुर्घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में होनी चाहिए और सेना से जुड़े अधिकारी जांच के लिए एक्सपर्ट के तौर पर कमेटी में होने चाहिए।
उन्होने कहा कि कमेटी की जांच रिपोर्ट को सर्वमान्य बनाने के लिए यह जरूरी है क्योंकि देश के लोगों को आज भी सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके भी इस मांग को उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, सीडीएस, उनकी पत्नी और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की मृत्यु कैसे हुई, इस बारे में संदेह पैदा होता है। इसलिए सरकार को किसी बाहरी व्यक्ति जैसे एससी जज द्वारा सरकारी जांच का नेतृत्व कराना चाहिए।