आज प्रदेश में अपराधी बेखौफ हैं और नागरिक खौफजदा- हुड्डा

  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक
  • भर्ती घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सौंपा राज्यपाल को ज्ञापन
  • अभी तो सिर्फ सेल्समैन पकड़ा गया है, दुकान मालिक का पकड़ा जाना बाकी- हुड्डा
  • भर्ती घोटाले, बेरोजगारी, डीएपी, यूरिया की किल्लत, जलभराव, बदहाल कानून-व्यवस्था समेत दर्जन भर मुद्दों पर काम रोको व स्थगन प्रस्ताव लाएंगे कांग्रेस विधायक- हुड्डा

8 दिसंबर, चंडीगढ़ः 

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें जनसरोकार के मुद्दों को आगामी विधानसभा सत्र में उठाने के बारे में रूपरेखा तैयार की गई। ये तय किया गया कि कांग्रेस विधायकों की तरफ से एचएसएससी-एचपीएससी भर्ती घोटाले, डीएपी और यूरिया की किल्लत, कानून-व्यवस्था की खस्ता हालत, यूनिवर्सिटीज की भर्तियों में हस्तक्षेप, भर्तियों में देरी, अलग-अलग महकमों के खाली पड़े पद, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, जलभराव और नंबरदारों की नियुक्ति जैसे अलग-अलग मुद्दों पर काम रोको और स्थगन प्रस्ताव लाएंगे। किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस लेने, शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी की मांग को एकबार फिर सदन में उठाया जाएगा।

बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भर्ती घोटाले की जांच हाई कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि एचपीएससी का डिप्टी सेक्रेटरी अकेले इतने बड़े भर्ती घोटाले को अंजाम नहीं दे सकता। भर्ती माफिया ने परचून की दुकान पर सामान की तरह नौकरियों को बेचा है। लेकिन अभी तो सिर्फ दुकान का सेल्समैन ही पकड़ा गया है, उसका मालिक पकड़ा जाना बाकी है। इंसाफ का तकाजा है कि सबसे पहले एचपीएससी, एचएसएससी के चेयरमैन और सदस्यों को सस्पेंड किया जाना चाहिए। इसको लेकर कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा और मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की।

ज्ञापन में कहा गया है कि भर्ती घोटाले के अलावा 2004 में चयनित एचसीएस अधिकारियों को विभिन्न अनियमितताओं के बावजूद 2016 में स्वेच्छा से चुन-चुन कर नियुक्तियां दी गई। ये नियुक्तियां सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट की अवहेलना करके की गई थी। उसकी भी गहनता से जांच होनी चाहिए।

हुड्डा ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 70% पद और स्वास्थ्य महकमे में लगभग 10 हजार पद खाली हैं। सरकार की तरफ से पिछले विधानसभा सत्र में कोरोना से हुई मौतों की जानकारी जुटाने के लिए एक हाईलेवल कमेटी बनाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन आज तक उस कमेटी का कोई पता ठिकाना नहीं है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की गंभीरता का पता चलता है।

हुड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य महकमे के साथ प्रदेश का शिक्षा तंत्र भी खस्ता हालत में है। शिक्षा महकमे में करीब 40,000 पद खाली पड़े हुए हैं। यही वजह है कि हरियाणा लगातार बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में टॉप पर है। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश का युवा पूरे देश से 4 गुना ज्यादा यानी 29.3% बेरोजगारी दर झेल रहा है। इसकी वजह से प्रदेश में अपराधों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। आज प्रदेश में अपराधी बेखौफ हैं और नागरिक खौफजदा हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बेरोजगारी और अपराध के साथ-साथ महंगाई भी लगातार बढ़ती जा रही है। विधायक दल की बैठक में फैसला हुआ है कि जनता से जुड़े इन तमाम मुद्दों पर विधानसभा में सरकार से जवाब मांगा जाएगा। साथ ही ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम के जरिए आम जनता की जो समस्याएं विपक्ष तक पहुंची हैं, उन्हें भी विधानसभा में जोर-शोर से उठाया जाएगा।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यूनिवर्सिटीज की भर्तियों में हस्तक्षेप और नंबरदारों की नियुक्तियों पर रोक लगाने को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा में खुद के दिए आश्वासन के विरुद्ध यूनिवर्सिटीज की भर्तियों को एचपीएससी और एचएसएससी के मार्फत करवाने का फैसला लिया है। साथ ही नंबरदारों की नियुक्ति पर रोक लगाकर सरकार की सबसे छोटी इकाई खत्म करने का काम किया है। हुड्डा ने कहा कि नंबरदार नहीं तो सरकार नहीं।

आज प्रदेशभर से आए आढ़ती और व्यापारियों ने भी नेता प्रतिपक्ष को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने फल-सब्जी मंडी में सरकार द्वारा लगाए गए 2 प्रतिशत टैक्स को खत्म करने की मांग की। हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार को कांग्रेस सरकार की तरह इस टैक्स को जीरो करना चाहिए।