पूर्व एम पी धरम वीर गांधी किन्ही कारणों से शामिल नहीं हो पाए

चंडीगढ़।

दिसम्बर  लोग अपने परिवार का भविष्य बनाने के लिए विदेशों में चले तो जाते हैं, लेकिन पीछे से उनकी संपत्ति पर लोगों की बुरी नजर रहती है। लोगों की प्रॉपर्टीज पर कब्जे हो जाते हैं, फिर उन्हें छुड़वाने के लिए पूरी उम्र निकल जाती है। इस काम में सिर्फ प्रॉपर्टी के ठेकेदार ही नहीं बल्कि सरकार के नुमाइंदों का भी हाथ रहता है। ये कहना है इंग्लैंड बेस्ड एनआरआई दिलप्रीत सिंह गिल का। गिल चंडीगढ़ सेक्टर-46 के रहने वाले हैं और उनकी लुधियाना में पैतृक संपत्ति है। लेकिन बीतों दिनों नगर निगम लुधियाना ने उनके मकान पर बुलडोजर चलवा दिया। जिसके बाद उन्होंने मोहाली के एनआरआई सेल में लुधियाना नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ ट्रेसपास, चोरी और अन्य आरोपों के तहत शिकायत दी है। मोहाली एनआरआई सेल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही दोषी अफसरों पर कार्रवाई करेंगे। शनिवार को दिलप्रीत सिंह गिल और उनकी पत्नी गुरप्रीत गिल ने पंजाब सरकार, पुलिस और नगर निगम लुधियाना के अफसरों के खिलाफ चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दिलप्रीत ने कहा कि उनके परिवार को लुधियाना के मंत्री भरत भूषण आशू की शह पर परेशान किया जा है। उन्होंने बताया कि 1952 में मेरे बुजुर्गों को लुधियाना में जमीन अलॉट हुई थी। उस जमीन में से पौने दो एकड़ जमीन का मालिकान हक मेरे पास है। दिलप्रीत ने बताया कि 1962 में मेरा पूरा परिवार इंग्लैंड चला गया था। फिर हम 1992 में वापस आए और अपनी जमीन की चार दिवारी करने की कोशिश की तो लोगों ने उन्हें रोका। लोगों ने कहा कि ये जमीन कई साल से खाली पड़ी थी और यहां हम सैर करते हैं। मामला नगर निगम तक पहुंचा। नगर निगम ने भी उन्हें यहां निर्माण करने से रोक दिया। नगर निगम ने कहा कि ये जमीन अब उनके दायरे में है और यहां पार्क, सड़कें और कम्युनिटी सेंटर बनाया जाना है। इस दौरान दिलप्रीत और उनका परिवार नगर निगम के खिलाफ लुधियाना सेशंस कोर्ट चला गया। वहां कोर्ट ने उनके फेवर में ऑर्डर कर दिए और नगर निगम को उनके पजेशन में दखल देने पर रोक लगा दी। अब कोर्ट के ऑर्डर के बावजूद नगर निगम की टीम कुछ दिन पहले बिना किसी नोटिस के उनका घर गिराने पहुंच गई। तब वे दिल्ली में थे और उनके नौकर ने उन्हें फोन कर सूचना दी। जब तक वे कुछ कर पाते, नगर निगम ने उनके घर पर बुलडोजर चला दिया। जिस कारण अब उन्होंने नगर निगम के अफसरों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है।