राहुल कांग्रेस का नेतृत्व करना एक व्यक्ति का दिव्य अधिकार नहीं, 90% चुनाव हारती है पार्टी – प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि राहुल गांधी को लगता है कि लोग खुद ही नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर कर देंगे। लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत के पीछे अहम रोल निभाने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस पिछले दस सालों में 90 प्रतिशत से अधिक चुनाव हार चुकी है, लेकिन ऐसे नेतृत्व का चुनाव भी लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए। इससे एक दिन पहले ममता बनर्जी ने भी राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा था।मुंबई में बुधवार को शरद पवार से मुलाकात के बाद टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने एकजुट होकर बीजेपी खिलाफ लड़ने का आह्वान किया और कहा, यूपीए क्या है? अब कोई यूपीए नहीं है।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़/कोलकत्ता :

प्रशांत किशोर ने टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘इस झांसे में बिल्कुल नहीं आना चाहिए कि लोग नाराज़ हो रहे हैं। वो मोदी को सत्ता से बाहर कर देंगे। आपको कई दशकों तक बीजेपी से लड़ना होगा। ये समस्या राहुल गांधी के साथ है कि उन्हें लगता है कि ये बस कुछ समय की बात है और लोग खुद ही नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर कर देंगे।’ इसके बाद कांग्रेस ने इस टिप्पणी पर तंज कसते हुए कहा था, ‘एक कंसल्टेंट की कोई विचारधारा नहीं होती है।’ एक अन्य इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा था, ‘राहुल गांधी को सच में बहुत मेहनत करनी होगी क्योंकि कांग्रेस 1985 के बाद से ही अपनी जमीन खोती जा रही है।’

पश्चिम बंगाल  की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियों को मिलाकर मुख्य रूप से विपक्ष में लीडरशिप की भूमिका बनाने में जुटी हैं तो अब वहीं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर  ने कांग्रेस पर तंज कसा है। पिछले कुछ वक्त से प्रशांत किशोर कांग्रेस पर हमला बोलने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने ट्वीट करके विपक्ष की लीडरशिप और कांग्रेस  की भूमिका पर सवाल भी उठाया और तंज भी कसा। पीके ने ट्वीट करके कहा कि विपक्ष में कांग्रेस की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व किसी एक विशेष व्यक्ति का दैवीय हक नहीं है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत के पीछे अहम रोल निभाने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस पिछले दस सालों में 90 प्रतिशत से अधिक चुनाव हार चुकी है, लेकिन ऐसे नेतृत्व का चुनाव भी लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए। इससे एक दिन पहले ममता बनर्जी ने भी राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा था।

प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके कहा, ‘कांग्रेस जिस विचार और दायरे का राजनीति में प्रतिनिधित्व करती है, वह एक मजबूत विपक्ष के लिए महत्वपूर्ण पार्टी है। लेकिन कांग्रेसी की लीडरशिप किसी एक खास विशेष व्यक्ति का दिव्य अधिकार नहीं है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो विपक्ष के लीडर के तौर पर ममता बनर्जी को आगे करना प्रशांत किशोर का चुनावी दिमाग है।

2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस अपनी रणनीति में जुटी हुई है। सीएम ममता बनर्जी ताबड़तोड़ दौरे कर रही हैं। वह आम चुनावों से पहले बीजेपी के सामने एक मजबूत विपक्ष को तैयार करने में जुटी हुई हैं। अपनी मुंबई यात्रा के दौरान उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की थी।

अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में पूछा था कि आखिर यूपीए कहां हैं? राहुल गांधी के बारे में उन्होंने इशारे से हमला करते हुए बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोग तो आधे से ज्यादा समय विदेश में बिताते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सवाल पूछा कि अगर कांग्रेस पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ सकती है तो फिर टीएमसी गोवा और महाराष्ट्र में क्यों नहीं।