Saturday, January 11

पंचकूला 30 नवंबर- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चन्द्र मोहन ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह लोकतंत्र की आत्मा को चौट पहुंचाने पर आमादा है इसलिए हरियाणा प्रदेश में नंबरदारों की नियुक्ति पर रोक लगा कर सरकार ने लोकतंत्र की हत्या करने के लिए पहला कदम उठाया है।
      उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी निकल कर सामने आ रही है कि आपदा प्रबंधन विभाग ने इस संबंध में प्रदेश के सभी उपायुक्तो को आदेश जारी किया करके इस बारे में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि नंबरदारों की नियुक्ति ना की जाए। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में नंबरदारों के 23375 पद स्वीकृत हैं , जिनमें से एक तिहाई पद खाली पड़े हुए हैं। इसी प्रकार  नम्बरदार  के अतिरिक्त सरबराह नंबरदार (कार्यकारी) की नियुक्ति पर भी  राज्य सरकार द्वारा रोक लगाई गई है । इस से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार  नंबरदारों के पद को खत्म करने पर आमादा है। जिसका हर स्तर पर कांग्रेस पार्टी द्वारा विरोध किया जायेगा।
      चन्द्र मोहन ने याद दिलाया कि एक तरफ जहां लोकतंत्र को अन्तिम पायदान तक पहुंचाने के लिए  पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को और अधिकार देने के लिए संविधान में 73 वां संशोधन किया गया था ताकि लोकतंत्र में सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सवाल किया है कि क्या वह मुख्यमंत्री बनने से पहले भी प्रशासन चलाने के मामले में पहले से ही दक्षता प्राप्त थे। केवल यह अनुमान लगा लेना कि इस डिजिटल क्रान्ति के युग में नंबरदारों की जरूरत नहीं बची है। यह उनके साथ अन्याय है ‌
        उन्होंने दोहराया कि नंबरदार आज भी गांव में प्रशासन और गांव के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करते हैं।  अगर इस कड़ी को तोड़ने का प्रयास किया गया तो इसके दुष्परिणाम बड़े घातक होंगे। यह सरकार का दायित्व है कि सरकार नंबरदारों से कितना और किस प्रकार से कार्य लेती है।
      उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश  में नियुक्त नंबरदारों को हरियाणा सरकार द्वारा 3000 रुपए महीना पेंशन और फ्री बस किराए की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और यह सुविधा खट्टर साहब को कटक रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार मिल कर प्रदेश के ताने-बाने को तोड़ने पर आमादा है ताकि प्रदेश में अफरा तफरी का माहौल बना रहे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हो सकता है कि कल खट्टर सरकार सभी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को समाप्त करने के लिए उपकुलपति का पद भी समाप्त करदे‌। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से भाजपा की केंद्र सरकार ने लेटरल इन्ट्री के माध्यम से आई ए एस के पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है उसी तरह से गांव के ताने-बाने को समाप्त करने के लिए सरकार नंबरदारों का पद समाप्त करने पर विचार कर रही है और इस फैसले कांग्रेस पार्टी द्वारा हर स्तर पर विरोध किया जायेगा।