पंजाब के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक बार फिर ‘सिद्धू’

पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले जो कुछ भी कांग्रेस में हो रहा है वह अपने आप में काफी रोचक है। पहले सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की खिलाफत कर उन्हें पद से हटाया और मुख्यमंत्री पद पर चन्नी को बैठाकर शांत हुए। फिर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से सीएम चन्नी की भी शिकायत कर दी और इसके लिए अपना इस्तीफा तक दे दिया। बाद में नवजोत सिंह सिद्धू को समझाने पर वे समझ गए और वापस पंजाब आकर अपना पद स्वीकार कर दिया। अब एक बार फिर से सिद्धू ने सीएम चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खुले मंच पर सिद्धू ने पार्टी के मुख्यमंत्री को चेतावनी दी है यदि ड्रग्स रिपोर्ट जारी नहीं की गई तो वह सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

‘पुरनूर’ कोरल, चंडीगढ़ :

पंजाब में कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं है। एक बार फिर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  । सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार ने नशे व बेअदबी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की तो वह राज्य सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल करेंगे।

सिद्धू ने कहा कि नशे की वजह से लाखों नौजवान बर्बाद हो गए हैं। लाखों लोग राज्य छोड़कर चले गए हैं जब राज्य के खजाने में पैसा है नहीं तो कहां से बड़ा अस्पताल और लड़कियों के लिए कॉलेज बनेगा। मैं सिर्फ पार्टी प्रधान हूं प्रशासनिक ताकत मेरे पास नहीं है, मैंने सीएम चन्नी से भी कह दिया है कि अगर जल्द बेअदबी जांच की रिपोर्ट सार्वजानिक न हुई तो वह भूख हड़ताल करेंगे।

बेअदबी और ड्रग्स मामले  को लेकर पंजाब एजी एपीएस देओल और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू में ठन गई थी। जिसे पर पंजाब के एडवोकेट जनरल को हटाना पड़ा। सिद्धू ने कहा था, ‘हमारी कांग्रेस पार्टी बेअदबी के मामलों में न्याय दिलाने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, जिसमें देओल  मुख्य साजिशकर्ताओं/अभियुक्तों की तरफ से हाईकोर्ट में पेश हुए और हमारी सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए।’

सिद्धू से टकराव की वजह से ही पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से नाता तोड़ते हुए अलग पार्टी बना ली। एजी और डीजीपी को हटाए जाने से लेकर विभाग बंटवारे में सिद्धू के दबाव के चलते कांग्रेस को किरकिरी झेलनी पड़ी। अब फिर से भूख हडताल की चेतावनी देकर  सिद्धू ने एक बार फिर चन्नी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।