कॉन्ग्रेस को बड़ा झटका: बाग़ी MLA अदिति सिंह BJP में शामिल, पिता भी 5 बार रहे थे विधायक

अदिति सिंह बीजेपी के साथ ही समाजवादी पार्टी के भी संपर्क में थीं। सपा लगातार अदिति के संपर्क में थी। लेकिन अदिति सिंह या सपा की तरफ से कोई भी आधिकारिक बयान इस संबंध में नहीं आया था। उल्लेखनीय है कि अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह भी कांग्रेस से लंबे समय तक जुड़े रहे थे। वे रायबरेली सदर सीट से पांच बार विधायक रहे थे। बताया जाता है कि अखिलेश सिंह की गांधी परिवार से काफी नजदीकियां थीं। हालांकि उन्होंने भी बाद में कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था लेकिन उन्होंने कभी बीजेपी जॉइन नहीं की थी।

सरीका तिवारी, चंडीगढ़/लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आखिरकार कांग्रेस को बड़ा झटका लग ही गया। रायबरेली से विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस को छोड़  बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में अदिति सिंह ने बुधवार शाम को पार्टी की सदस्यता ली. अदिति के साथ ही बीएसपी की आजमगढ़ विधायक वंदना सिंह और राकेश प्रताप ने भी बीजेपी जॉइन कर ली है। उल्लेखनीय है कि पिछले लंबे समय से अदिति सिंह के बीजेपी जॉइन करन की चर्चा थी।  कांग्रेस के स्‍थानीय नेताओं के साथ ही आलाकमान की बयानबाजी से अलग विचार रखने को लेकर चर्चा में आई अदिति सिंह को लेकर लगातार ये कयास लगाए जा रहे थे कि वे बीजेपी का दामन थामेंगी।

अदिति सिंह ने 2017 में अपने पिता की सीट रायबरेली सदर से जीत दर्ज की थी। लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। 1993 से लगातार इस सीट पर अदिति सिंह के परिवार का ही कब्ज़ा है। अटकलें हैं कि 3 दशकों के इतिहास को देखते हुए 2022 में भी इस सीट से अदिति सिंह को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। पिछले कुछ समय में कॉन्ग्रेस के कई नेता अन्य दलों में शामिल हुए हैं, जिनमें जितिन प्रसाद प्रमुख हैं।

अदिति सिंह ने इससे पहले आवाज़ उठाते हुए कहा था कि एक-एक कर नेता जिस तरह से कॉन्ग्रेस छोड़ते जा रहे हैं, उस पर पार्टी आलाकमान को आत्मचिंतन करना चाहिए। अनुच्छेद-370 को निरस्त करने का फैसला हो या फिर राम मंदिर निर्माण का, अदिति सिंह ने लगातार केंद्र और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा की थी। कॉन्ग्रेस ने उनके निलंबन के लिए स्पीकर को लिखा था। साथ ही रायबरेली में पार्टी के कार्यक्रम में हिस्सा न लेने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।