ममता राहुल के बदले खुद को मानती विपक्षी दल की नेता
एक ओर जहां लोकससभा चुनाव 2024 से पहले पूरा विपक्ष एक एंटी-बीजेपी मोर्चा बनाने की कवायद में है, ऐसे वक्त में टीएमसी ने एक बड़ा सियासी बम फोड़ दिया है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच संबंध शुक्रवार को उस समय टूट गया, जब तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी नहीं बल्कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष का चेहरा बनकर उभरी हैं। टीएमसी ने कहा कि पीएम मोदी का वैकल्पिक चेहरा बनने में राहुल गांधी विफल रहे हैं, इसलिए ममता को ही विपक्ष का नेतृत्व करना चाहिए। हालांकि, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस के दावे को ज्यादा महत्व देने से इनकार करते हुए कहा कि यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि मोदी का वैकल्पिक चेहरा कौन बनेगा।
सारिका तिवारी, नई दिल्ली:
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच बढ़ते तनाव का ही नतीजा है कि 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले 18 विपक्षी दलों की अहम बैठक टाल दी गई है। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन दिन की यात्रा पर दिल्ली आई हुईं हैं लेकिन इस दौरान उनका कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का कोई प्लान नहीं है।
20 अगस्त के बाद यह दूसरी बैठक थी, जिसे टाल दिया गया है। खबर है कि संसद में केंद्र सरकार को घेराव करने के लिए अब केवल विपक्ष के संसदीय कल के नेताओं की ही बैठक होगी और सदन की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी। पिछली बैठक के प्रमुख आयोजक माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया, हमने अब फैसला किया है कि संसद सत्र की रणनीति तैयार करने के लिए सदन के नेता बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों से संबंधित बड़े मुद्दों पर विपक्षी दलों की बैठक अगले चरण में बुलाई जाएगी।
वहीं ममता बनर्जी के एक प्रमुख सहयोगी ने सोमवार शाम को कहा कि टीएमसी प्रमुख ने अभी तक सोनिया गांधी से मिलने का समय नहीं मांगा है। हमें दोनों नेताओं की बैठक के लिए उनके (सोनिया गांधी) कार्यालय से अब तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है। ममता बनर्जी अपनी तीन दिवसीय दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ अन्य राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करेंगी।
ममता बनर्जी के एक दूसरे सहयोगी ने कहा, तीन दिन की यात्रा के दौरान ममता और सोनिया गांधी के मिलने की संभावना है, लेकिन अभी कुछ भी निर्धारित नहीं है। भले ही सोनिया गांधी और ममता बनर्जी के बीच हमेशा से घनिष्ठ संबंध रहा हो लेकिन तृणमूल की राष्ट्रीय विस्तार योजना, कांग्रेस के प्रमुख नेताओं का पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी में पलायन और गोवा के राजनीतिक क्षेत्र में इसके प्रवेश ने दो विपक्षी ताकतों के बीच तनाव पैदा कर दिया है।
इस महीने की शुरुआत में, ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था, जिसमें प्रमुख विपक्षी दल पर कोलकाता में एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के साथ समझौता करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद क्या कांग्रेस किसी मुद्दे पर लड़ी है? केवल चुनाव नजदीक आने पर ही कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर होती है।