छाबड़ा के नाम मात्र से कांग्रेस में हार की दहशत, डर रहे कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार
चंडीगढ़:
शहर में निगम चुनावी माहौल के दौर में कांग्रेस पार्टी में एक अजीब हलचल और बेचैनी देखी जा रही है। बेचैनी, खासकर उन लोगों में देखी जा रही है, जो नगर निगम चुनाव में संभावित उम्मीदवार हैं। नाम उजागर न करने के शर्त पर कुछ कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि प्रदीप छाबड़ा का पार्टी से जाना अब कांग्रेस के लिए दुर्भाग्यपूर्ण लगने लगा है। क्योंकि एमसी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में आत्मविश्वास की भारी कमी हो गई है। कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों को लग रहा है कि इस बार एमसी चुनाव में विजयी होना, पहले के चुनाव से भी बेहद मुश्किल हो गया है। क्योंकि आप नेता व राष्ट्रीय सह-प्रभारी प्रदीप छाबड़ा के कांग्रेस छोड़कर जाने के बाद से न सिर्फ कांग्रेसी वोट बल्कि कांग्रेसी कैडर वोटों के भी खिसकने का खतरा मंडराने लगा है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार शहर में 15 से लेकर 20 सीटें ऐसी हैं, जहां आम आदमी पार्टी पर कांग्रेस पर हावी हो सकती है। इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। सूत्र बताते हैं कि इन वार्डों में आम आदमी पार्टी जीतेगी या नहीं, मुद्दा यह नहीं है, लेकिन एमसी चुनाव में कांग्रेस को बहुत ही कठिन और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सूत्र बताते हैं कि वार्ड-1, 4, 7, 8, 9, 10, 35, 33, 31, 29, 11, 14, 15, 16, 22, 21, 20, 17 सहित और भी कई वार्ड हैं, जहां कांग्रेसी उम्मीदवारों के पसीने छूट सकते हैं। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सह-प्रभारी प्रदीप छाबड़ा ने कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाने की पूरी तरह से तैयारी कर ली है।
यही कारण है कि पिछले कुछ महीनों से लगातार कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं को तोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल करने का दौर चल रहा है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि कांग्रेस के कई कद वाले नेता अपनी पार्टी से टिकट का इंतजार कर रहे हैं, यदि कांग्रेस ने उन नेताओं को इग्नोर किया तो नाराज होने वाले कांग्रेसी नेता अपने समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो जाएंगे, जो आप नेता प्रदीप छाबड़ा के लगातार संपर्क में हैं। बता दें कि आप नेता प्रदीप छाबड़ा के कारण कांग्रेस की वोट बैंक में सेंध लग चुका है। इसी कारण से कांग्रेस पार्टी के संभावित उम्मीदवारों में वोटिंग से पहले ही हार का खतरा सिर चढ़कर पहले से ही बोलने लगा है।