पंचांग 17 नवम्बर 2021
नोटः आज बैकुण्ठ चतुर्दशी व्रत है। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बैकुंठ चतुर्दशी कहा जाता है। बैकुठ चतुर्दशी बहुत खास होती है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु तथा शंकर भगवान दोनों की पूजा का होती है। इस वर्ष बैकुंठ चतुर्दशी 10 नवंबर रविवार को पड़ रही है। बैकुंठ चतुर्दशी की पूजा विशेष प्रकार से की जाती है। बैकुंठ चतुर्दशी की पूजा सुबह या शाम को नहीं बल्कि मध्य रात्री यानी निशिथ काल में होती है। ऐसा माना जाता है कि बैकुंठ चतुर्दशी के दिन विष्णु जी और शंकर भगवान की पूजा करने से न केवल पापों का नाश होता है बल्कि पुण्य फल की भी प्राप्ति होती है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः कार्तिक़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः त्रयोदशी प्रातः 09.51 तक है,
वारः बुधवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः अश्विनी रात्रि 10.43 तक है,
योगः व्यातिपात रात्रि काल 02.15 तक,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः वृश्चिक, चंद्र राशिः मेष,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.49, सूर्यास्तः 05.22 बजे।