आरटीआई में सूचना न देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने माइनिंग विभाग के अफसरों को लगाई कड़ी लताड़
जिला पंचकूला में चल रही अवैध माइनिंग के संदर्भ में निष्पक्ष जांच करवाने के लिए तथा धड़ले से चल रही अवैध माइनिंग को रोकने के लिए कांग्रेस छात्र संगठन एनएसयूआई आरटीआई सेल के राष्ट्रीय कन्वीनर दीपांशु बंसल ने डीजीपी विजिलेंस को पत्र भेजकर शिकायत दी थी जिसके बाद इसमे अतिरिक्त मुख्य सचिव भू एवं विज्ञान विभाग द्वारा मुख्य सतर्कता अधिकारी लगाकर जांच की गई थी,इसी जांच रिपोर्ट को दीपांशु बंसल द्वारा आरटीआई एक्ट के तहत मांगा गया था परन्तु अब तक जवाब न मिलने के बाद हरियाणा सूचना आयोग के सूचना आयुक्त अरुण सांगवान ने सख्ताई दिखाते हुए राजेन्द्र प्रसाद सहायक माइनिंग इंजीनियर पंचकूला व धर्मपाल मलिक सुप्रिडेंट कार्यालय अतिरिक्त मुख्य सचिव माइनिंग विभाग हरियाणा समेत माइनिंग विभाग के अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए 12 जनवरी 2022 को निजी रूप से पेश होने के आदेश दिए है और कहा है कि इसके बाद कोई अन्य सुनवाई का अवसर नही दिया जाएगा।
सूचना आयुक्त ने माइनिंग विभाग के अफसरों को लताड़ लगाते हुए कहा है कि सूचना आयोग द्वारा दीपांशु बंसल को सूचना देने के लिए 22 फरवरी 2021 के आदेशों की भी अवमानना माइनिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई है व इसके साथ ही अधिकारियों द्वारा सूचना न दिए जाना तथा आयोग के आदेशों की अवमानना आरटीआई एक्ट 2005 की भी अवेहलना है।इसके साथ ही माइनिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा अपने कार्य को निष्ठा से नही किया गया है जोकि आरटीआई एक्ट की धारा 20(1) के तहत कानूनी कार्यवाही के लिए जुम्मेवार है जिसमे अधिकारियों पर 25 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
दीपांशु बंसल के अनुसार क्षेत्र में लगातार अवैध माइनिंग बढ़ती जा रही है जिसमे माइनिंग व पुलिस अधिकारियों तथा क्रेशर,स्क्रीनिंग प्लांट मालिको व शासन प्रशासन की मिलीभगत से सरकार को करोड़ो के राजस्व का चूना तो लग ही रहा है बल्कि स्थानीय निवासियों,किसानों तथा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति पर भी काफी नुकसान का असर पड़ रहा है।इससे पूर्व भी श्री विजय बंसल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अवैध माइनिंग बन्द करवाई थी परन्तु अब भाजपा सरकार ने इसे पुनः शुरू करदिया