हरियाणा में जिला पंचकूला से सबसे ज्यादा डेंगू मामले सामने आने के बाद पंचकूला के सेक्टर 6 अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री चन्द्रमोहन

  • चन्द्रमोहन ने डेंगू पीड़ित मरीजों को मिलकर जाना कुशलक्षेम,मरीजो को आ रही परेशानियों को देखकर जताई चिंता
  • सरकारी आंकडो में जिला पंचकूला के 380 डेंगू मामले,चन्द्रमोहन का दावा आंकड़ा 750 से पार
  • शिक्षा,बेरोजगारी व विकास कार्यो में पिछड़ेपन के साथ अब डेंगू के मामलों में भी नम्बर एक पर पंचकूला : चन्द्रमोहन
  • भाजपा सरकार को पंचकूलावासियो से नही कोई सरोकार,नगर निगम प्रशासन व प्रदेश सरकार के नाकारापन का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है

पंचकुला न्यूज(22 अक्टूबर 2021):

एक तरफ तो जहां जिला पंचकूला नौकरियों,शिक्षा व विकास कार्यो के पिछड़ेपन में नम्बर एक पर है वही दूसरी तरफ अब डेंगू के मामलों में भी पूरे हरियाणा में नम्बर एक पर जिले पंचकूला का नाम है।हरियाणा सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व कांग्रेस के कद्दावर नेता चन्द्रमोहन ने लगातार डेंगू के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए चिंता व्यक्त करते हुए सेक्टर 6 के सरकारी अस्पताल में स्वयं जाकर डेंगू मरीजो से मुलाकात करके असुविधाओं को उजागर किया है।चन्द्रमोहन ने औचक निरीक्षण करते हुए अपने साथियों के साथ डेंगू पीड़ित मरीजों का कुशलक्षेम जाना और उन्हें आ रही समस्याओ व परेशानियों पर चिंता व्यक्त करते हुए भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया।सेक्टर 6 अस्पताल का औचक निरीक्षण करने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम चन्द्रमोहन ने जिला पंचकूला के स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम पंचकूला प्रशासन के नकारापन की जानकारी बढ़ते डेंगू के मामलों की सूचना के साथ स्वास्थ्य व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कैबिनेट मंत्री अनिल विज को पत्र भेजकर दी है।चन्द्रमोहन ने कहा कि यह बहुत हैरानी की बात है कि पंचकूला को मेट्रोपॉलिटन अथार्टी बनाकर विकसित शहर करने का दावा करने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार को आमजन से कोई सरोकार नही है।सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिला पंचकूला में 380 के लगभग डेंगू के मरीज है जबकि चन्द्रमोहन का दावा है कि यह आंकड़ा 750 से पार है क्योंकि सरकारी अस्पतालों में तो डेंगू की टेस्टिंग ही नही हो रही,और जो हो भी रही है उसकी रिपोर्ट भी तीन से चार दिनों के बाद मरीजो को मिल रही है।रोजाना 20 से ज्यादा डेंगू के मामले जिला पंचकूला में आना बेहद चिंता का विषय है।जहां तो इस मुश्किल समय मे सरकारी सुविधाए लोगो को मिलनी चाहिए थी अब लोगो को मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में जाकर अपनी जमापूंजी लुटानी पढ़ रही है।पपंचकूला के अस्पताल में आलम यह है कि एक बेड पर दो दो या तीन तीन पेशंट पड़े है जिससे चरमराई स्वास्थ्य सुविधाएं सरेआम दिखाई दे रही है।

डोर टू डोर फॉगिंग न होने व एतिहाद न बरतने के कारण हालात हुए खराब,भाजपा सरकार की नाकामी का अब खामियाजा भुगत रहे लोग…

चन्द्रमोहन ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि नगर निगम पंचकूला प्रशासन के पास पहले से ही 29 फॉगिंग मशीने थी जबकि अब जब हालात खराब हुए तो 11 मशीन ओर ली गई जिसकी तैयारी पहले की जानी चाहिए थी परंतु उन मशीनों से धरातल पर न तो फॉगिंग की गई व न ही डेंगू के बढ़ते मामलों के अलर्ट के बावजूद कोई तैयारी की गई बल्कि सिर्फ फोटो खींचने तक ही सीमित किया गया।वीआईपी प्रोटोकॉल में ही व्यस्थ नगर निगम प्रशासन मुख्यमंत्री मनोहर लाल व मंत्रियों की आवभगत में लगा रहता है जिसका नतीजा आज सेकड़ो लोगो को डेंगू मरीज बनकर अस्पतालों में अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर भुगतना पड़ रहा है।

फ्री में एसडीपी प्रोसीजर उपलब्ध होने के बावजूद हजारो खर्च करने को मजबूर मरीज…

चन्द्रमोहन ने बताया कि जिस डेंगू पीड़ित मरीज की प्लेटलेट कम होने से हालत खराब होती है उसके लिए सिंगल डोनर प्लेटलेट प्रोसीजर होता है जिसकी किट साढ़े आठ हजार रुपए की अस्पताल में मिलती है।आलम यह है कि पंचकूला जिला में इस कीट की शॉर्टेज है और जो है भी उन्हें पिक एन्ड चुज करके सत्ताधिन प्रभावशाली लोगों के दबाव में दिया जा रहा है जिससे असल पीड़ित मरीज को कोई फायदा नही हो रहा और उन्हें मजबूरन सरकारी अस्पताल में एडमिट होने के बावजूद प्राइवेट अस्पतालों में जाकर यह प्रोसीजर करवाना पड़ रहा है जोकि कम से कम प्रति किट के हिसाब से 10-15 हजार का होता है।

डेंगू का लार्वा मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दिए थे 1500 नोटिस,नगर निगम पंचकूला प्रशासन ने नही ली कोई सुध…

चन्द्रमोहन ने नगर निगम पंचकूला प्रशासन व स्पीकर ज्ञान चन्द गुप्ता को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार जब स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू का लार्वा मिलने के बाद 1500 से ज्यादा नोटिस पूरे जिले में दिए तो अब तक नगर निगम पंचकूला उसकी सुध न लेते हुए एक भी जगह वायलेटर्स का चलान नही किया जिसके कारण ही डेंगू के मामले बढ़े।आलम यह है कि हेल्थ डिपार्टमेंट व नगर निगम पंचकूला प्रशासन के पास मेनपावर की भारी कमी है,जो है वह भी वीआईपी प्रोटोकॉल में लगी रहती है।इसके साथ ही डेंगू की रोकथाम के लिए जहा मलेरिया डिपार्टमेंट के कर्मियों को डेंगू रोकने के लिए काम करना था उन्हें कोविड वेक्सिनेशन में लगाया हुआ है जबकि इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ रखा जा सकता था।

हेल्थ विभाग व नगर निगम प्रशासन नही कर रहा डोर टू डोर विजिटिंग…

चन्द्रमोहन ने यह भी कहा है कि डेंगू की रोकथाम के लिए हेल्थ विभाग व नगर निगम पंचकूला प्रशासन द्वारा डोर टू डोर विजिटिंग नही की जा रही है व इसके साथ ही एक्टिव केस आने के बाद उस एरिया में टीम को पहुंचाया नही जा रहा।टीम को वहां भेजा जा रहा है जहां किसी भाजपा के नेता ने दौरा करना हो और उसे खानापूर्ति के लिए रिकार्ड में दर्ज करदिया जाता है।एक डेंगू के केस कन्फर्म होने के बाद 400 मीटर एरिया में 50 घरों के अंदर फॉगिंग जरूरी भी होती है परंतु ऐसा भी नही किया जा रहा है।

अगर डेंगू से लड़ने के लिए तैयारी की होती तो आज नजला निकटवर्ती प्रदेशो पर न फोड़ना पड़ता…

चन्द्रमोहन ने कहा कि अब निरन्तर डेंगू के मामले बढ़ने के बाद इसे ट्राइसिटी व निकटवर्ती प्रदेशो से आने वाले लोगो को लेकर जुम्मेवारी से अफसरों व नेताओ द्वारा पाला झाड़कर जुम्मेवारी से भागने का काम किया जा रहा है जबकि ऐसे में पहले से ही तैयारियां की जानी जरूरी थी परन्तु ऐसा नही किया गया।

चन्द्रमोहन के साथ यह रहे मौजूद…

इस दौरान चन्द्रमोहन के साथ पूर्व चेयरमेन विजय बंसल,शशि शर्मा,धनेंद्र वालिया,आर के ककड़,हेमन्त किगंर,नरेश रावल पूर्व पार्षद,पार्षद सलीम डबकौरी,पार्षद संदीप सोही, पार्षद पंकज,पार्षद उषा रानी, पार्षद अकक्षदीप,नवीन बंसल एडवोकेट,डॉ रामप्रसाद,ओम शुक्ला,दीपांशु बंसल,सुषमा खन्ना,संदीप जलौली,विजय सैनी,अमन दत्त शर्मा जिला प्रधान लीगल सेल कांग्रेस,एल आर गोदारा, मोहम्मद नासिर,विनोद,अनवर हुसैन, राजु धिमान, अजय प्रकाश बहल, समेत अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।