चर्चा कब से खबर बनने लगी?चर्चा में खबर के तत्व ही नहीं होते : पत्रकार कर्पूर चंद कुलिश
करणीदानसिंह राजपूत, सूरत गढ़:
पत्रकार कर्पूर चंद कुलिश ने एक बार कड़ी सीख के रूप में पत्रकार विजय भंडारी से कहा था कि चर्चा कब से खबर बनने लगी? कुलिश जी का मानना था कि चर्चा खबर नहीं होती। भंडारी जी ने एक राजनैतिक चर्चा को खबर बना दिया था।आज अनेक समाचारों में लिखा हुआ होता है कि चर्चा में ऐसा मालूम हुआ ऐसी चर्चा चल रही थी चर्चाओं में गर्म है आदि। ऐसा लिख कर जो समाचार बनाए जाते हैं वे सच में समाचार होते ही नहीं हैं। वे दमदार नहीं होते। चर्चाओं का कोई प्रमाण नहीं होता। उनमें कोई तथ्य नहीं होता इसलिए उनका जीवन कुछ क्षण का होता है। चर्चा कभी भी खबर नहीं बन सकती हालांकि आज के युग में सोशल साइटों पर चर्चाएं फेंक कर आम जनता में खबर के रूप में प्रचारित किया जाता है।
दिन भर में कितनी ही झूठी भ्रामक चर्चाएं झूठे और भ्रामक समाचारों के रूप में देखने पढ़ने को मिलती हैं।माननीय विजय भंडारी जी को लोक संवाद संस्थान की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार 20 अक्टूबर 2021 को जयपुर में उनके निवास पर एक समारोह रूप में प्रदान किया गया। विजय भंडारी जी की ओर से इस सीख का उल्लेख किया गया।