लिबरल सोशलिस्ट पार्टी ने राज्यपाल के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
सिरसा:
लिबरल सोशलिस्ट पार्टी की हरियाणा इकाई के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीराम बहलान के नेतृत्व में वीरवार को जिला उपायुक्त को राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एडवोकेट संतोष रानी कटारिया ने बताया कि अनुसूचित जाति के परिवारों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए काफी समय से जूझना पड़ रहा है। बार-बार अवगत करवाने के बाद भी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। समस्याओं बारे कटारिया ने बताया कि अनुसूचित जाति के सभी परिवारों को पीला व गुलाबी कार्ड बनाकर दिया जाए। कोरोना काल में ली गई अवैध ट्यूशन फीस को वापिस दिया जाए। हरियाणा में एक समान शिक्षा नीति बनाई जाए। सीबीएसई पेटर्न हरियाणा के सभी स्कूलों में लागू किया जाए। हरियाणा में एस सी एसटी के कर्मचारियों के बच्चों की एडमिशन व ट्यूशन फीस माफ की जाए, जिसमें आयकर की शर्तों को समाप्त किया जाए। अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को क्लास वन और टू में पदारक्षण कोटा लागू किया जाए। क्योंकि 65 प्रतिशत भर्तियां सीधी भर्ती से की जाती है तथा 35 प्रतिशत पदोन्नति कोटे से की जाती है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो हरियाणा सरकार एस और बीसी के 35 प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण कोटे को कभी पूरा नहीं कर सकेगी। हरियाणा में अनुसूचित जाति की नौकरियों में बैकलॉग 17 जून 1995 से खाली पड़ा है। विशेष भर्ती अभियान चलाकर इसे 6 महीने में पूरा किया जाए। पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 12 फरवरी 2012 को अनुसूचित जाति के पक्ष में यह निर्णय पारित किया गया था। कृषि क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कानूनों को रद्द किया जाए। कोरोना महामारी के दौरान जिन परिवारों ने अपने परिजनों को खोया है, उन सभी परिजनों को कम से कम 5 लाख रुपए मुआवजा राशि प्रदान की जाए तथा उन सभी निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिन्होंने महामारी के दौरान लाखों रुपए के बिल बनाकर पीडि़त परिवारों को लूटा है। हरियाणा सीलिंग ऑफ लैंड होल्डिंग एक्ट 1972 के अनुसार जिन अलॉटियों को जमीन अलॉट की गई है, सरकार जिला प्रशासन को आदेश देकर उन सभी अलॉटियों को कब्जा दिलवाए। इस मौके पर चानण राम जोधकां, रामप्रताप फरवाई, भागीरथ फरवाई, मुरलीधर कटारिया सिरसा, सुबेसिंह, रेशमा देवी रानियां, सोनी देवी अलीकां, परमजीत सावंतखेड़ा, राजकुमार खुईयां मलकाना, लालचंद आनंदगढ़, भजनलाल गिंदड़ा, हरविंद्र सिंह, गुरजंट सिंह, पप्पुराम डबवाली, अनिकेत व कुलदीप मौजगढ़ शामिल थे।