पंचांग 12 अक्टूबर 2021
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के छठे दिन आदिशक्ति श्री दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी की पूजा-अर्चना का विधान है। महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।
नोटः आज सरस्वती पूजन तथा भद्रकाली अवतार है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः आश्विनी़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः सप्तमी रात्रिः 09.48 तक है।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
वारः मंगलवार,
नक्षत्रः मूल प्रातः कालः 11.26 तक हैं,
योगः शोभन प्रातः काल 08.50 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः कन्या, चंद्र राशिः धनु,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः06.24, सूर्यास्तः05.51 बजे।