राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों को अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के दूसरे सप्ताह के दौरान चालू कर दिया जाएगा- सहकारिता मंत्री

  • गन्ना किसानों को किसी भी प्रकार की नहीं होनी चाहिए दिक्कत, सुनिश्चित करें अधिकारी- डॉ बनवारी लाल
  • एथोनॉल के उत्पादन के लिए बाजरे व आलू में पाए जाने वाले गलूकोज का करें अध्ययन- सहकारिता मंत्री

पंचकूला, 5 अक्तूबर :

हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि आने वाले गन्ना पिराई सीजन के तहत राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों को अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के दूसरे सप्ताह के दौरान चालू कर दिया जाएगा ताकि गन्ना किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पडें। इसके अलावा, उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एथोनॉल के उत्पादन के लिए बाजरे व आलू में पाए जाने वाले गलूकोज के बारे में अध्ययन किया जाए ताकि बाजरे व आलू से भी एथोनॉल के उत्पादन की संभावनाएं तलाषी जा सकें।  

डॉ. बनवारी लाल आज पंचकूला में हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ लि. के अधिकारियों तथा सभी सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेषकों की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में शाहाबाद के विधायक व शुगरफेड के चेयरमैन श्री राम करण काला तथा सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल भी मौजूद रहे।

बैठक में बताया गया कि पलवल की सहकारी चीनी मिल को आगामी 26 अक्तूबर, पानीपत-करनाल-शाहाबाद की सहकारी चीनी मिलों को आगामी 9 नवंबर, रोहतक की सहकारी चीनी मिल को 10 नवंबर, सोनीपत-जींद-महम-गोहाना की सहकारी चीनी मिलों को 11 नवंबर और कैथल सहकारी चीनी मिल तथा असंध की चीनी मिल को आगामी 12 नवंबर को गन्ना पिराई के लिए चालू कर दिया जाएगा।

बैठक में या मुख्यालय द्वारा दिए निर्देशों/आदेशों की हो अक्षरक्षः अनुपालना- डॉ बनवारी लाल

सहकारिता मंत्री ने चीनी मिलों के प्रबंध निदेषकों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक के दौरान या मुख्यालय द्वारा जो भी निर्देश/आदेश दिए जाते हैं उनकी अक्षरक्षः अनुपालना समय पर होनी चाहिए तथा इसकी रिपोर्ट निर्धारित समय अवधि के दौरान संबंधित उच्च अधिकारी को उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आज जो सहकारी चीनी मिलों को आगामी सीजन के लिए षुरू करने की टाईमलाइन चीनी मिलों के अधिकारियों द्वारा दी गई है वह उसी समय के अनुसार शुरू हो जानी चाहिए। इसके अलावा, संबंधित चीनी मिलों के संबंधित अधिकारियों को समय रहते अपनी चीनी मिल की मरम्मत व रख-रखाव का कार्य पूरा कर लेना चाहिए ताकि आने वाले समय में किसानों को किसी भी दिक्कत का सामना न करना पडें।

जनवरी, 2022 के प्रथम सप्ताह के दौरान पानीपत की सहकारी चीनी का नया संयंत्र होगा चालू

बैठक के दौरान सहकारिता मंत्री को अवगत कराया गया कि आने वाले जनवरी, 2022 के प्रथम सप्ताह के दौरान पानीपत की सहकारी चीनी के नए संयंत्र को भी चालू कर दिया जाएगा। इस पर, सहकारिता मंत्री ने संबंधित अधिकारी को निर्देष दिए कि वे पहली जनवरी, 2022 तक नए संयंत्र को चालू करने के संबंध में सभी कार्यों को पूरा कर लें और इस नए संयंत्र को चालू करने में विषेश रूचि रखें। बैठक में बताया गया कि पानीपत की सहकारी चीनी मिल में को-जनरेषन के लिए 132 केवी लाईन के मामले को एचवीपीएनएल तथा एचईआरसी के साथ समन्वय किया जा रहा हैं। इसी प्रकार, करनाल की सहकारी चीनी मिल में 132 केवीए लाईन के संबंध में भी जानकारी सहकारिता मंत्री व उच्च अधिकारियों को उपलब्ध करवाई गई।

आगामी 31 अक्तूबर तक शाहाबाद में 60 केएलपीडी के एथोनॉल परियोजना को किया जाएगा  शुरू  – सहकारिता मंत्री

बैठक के दौरान सहकारिता मंत्री को अवगत कराया गया कि एथोनॉल के उत्पादन में गलूकोज का महत्व होता है, इस पर सहकारिता ने संबंधित अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा कि एथोनॉल के उत्पादन के लिए बाजरे व आलू में पाए जाने वाले गलूकोज के बारे में अध्ययन किया जाए कि बाजरे व आलू में पाए जाने वाले गलूकोज से एथोनॉल का उत्पादन संभव हैं या नहीं। वहीं, अधिकरियों ने सहकारिता मंत्री को बताया कि आगामी 31 अक्तूबर तक षाहाबाद में 60 केएलपीडी के एथोनॉल परियोजना को षुरू कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, पलवल, सोनीपत, कैथल, जींद, गोहाना, महम, पानीपत, रोहतक व असंध की चीनी मिलों की क्षमता प्रगति इत्यादि की समीक्षा की गई।

निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टाइमलाईन फिक्स करें अधिकारी- संजीव कौषल

बैठक के दौरान सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौषल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टाइमलाईन फिक्स करें और यदि कोई भी थर्ड पार्टी समय पर कार्य करके नहीं दे रही है तो उस पार्टी को बदलकर दूसरी पार्टी से काम करवाएं ताकि समय की बचत हो सकें और परियोजना को समय पर षुरू किया जा सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा कि लक्ष्य आधारित कार्य को आगे बढाते हुए समय अवधि को निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि परियोजना के मूल्यांकन के साथ-साथ चार्ट बनाकर सामानंतर गतिविधियों को भी अंजाम दें। श्री कौषल ने कहा कि परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए पारदर्षी तरीके से चलना आवश्यक है इसलिए यदि परियोजना में देरी हो रही है तो उन सभी बिंदूओं पर भी कार्य करेें ताकि परियोजना में हो रही देरी को कम करते हुए उसे समय पर पूरा किया जा सकें तथा साथ ही संबंधित की जिम्मेदारी भी फिक्स करें।

सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों के कार्यकलापों के लिए तैयार हो एसओपी- कौशल

बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने षुगरफेड के प्रबंध निदेशक को निर्देश देते हुए कहा कि सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों के कार्यकलापों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की जाए और इन एसओपी को प्रबंध निदेषकों के कार्यालय में बोर्ड पर लगवाया जाए। इसके अलावा, सीजन आने पर एक कार्यषाला भी आयोजित की जाए ताकि चीनी मिलों के प्रबंध निदेषक अपने काम के प्रति सतर्क रहें।

बैठक में हैफेड के प्रबंध निदेशक ए. श्रीनिवास, हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ लि. के प्रबंध निदेशक जितेन्द्र कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।