शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक असंतुलन का उद्गम स्थल है नशा : साध्वी मंजुप्रभा
सतीश बंसल, सिरसा :
अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या शासनश्री साध्वी मंजुप्रभा के पावन सान्निध्य में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का पांचवां दिन ‘नशामुक्ति दिवस’ के रूप में अणुव्रत समिति के तत्वावधान में तेरापंथ जैन भवन, सिरसा में मनाया गया, जिसमें शासनश्री साध्वी मंजुप्रभा ने आज के युग की बढ़ती हुई समस्याओं के बारे में बताते हुए कहा कि मनुष्य की शारीरिक अस्वस्थता, मानसिक असंतुलन, भावनात्मक विकार का उद्गम स्थल है ‘नशा’। नशे के कारण होने वाली दुर्घटनाएं व आपराधिक प्रवृत्तियां मनुष्य को नैतिक पतन की ओर ले जा रही हैं। यह नशे की प्रवृत्ति एकमात्र मनुष्य में ही है, खान-पान के अपने विवेक को मानो-मनुष्य ने गिरवी ही रख दिया है, ऐसा प्रतीत हो रहा है। इस अवसर पर समाज में नशामुक्ति की प्रेरणा के साथ सुमधुर गीत की प्रस्तुति हुई ‘नशामुक्ति अभियान हमें चलाना है, व्यसन परिहारी बनें, अणुव्रत का यह गाना है’।
समाज के वरिष्ठ समाजसेवी व शासनसेवी श्रावक पदम जी गुजरानी ने नशामुक्ति अभियान पर अपने विचार रखते हुए कहा कि नशा नाश का द्वार है, आज के युवा वर्ग में नशा करने की आदत एक फैशन के रूप में बढ़ रही है, इससे समाज के सामने विकट स्थिति पैदा हो जाती है। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने एक कानून पास कर नशे के हर पैकेट पर लिखना अनिवार्य कर दिया ‘नशा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’। इस कार्यक्रम में तेरापंथ महिला मण्डल की मंत्री नीतू गुजरानी व कन्या मण्डल की अध्यक्षा सुश्री पूजा वैद ने नशामुक्ति पर अपने सुविचार रखे तथा रीतिका जैन व कंैडी गुजरानी ने नशे पर आधारित सुन्दर कविता प्रस्तुत की। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष रविन्द्र गोयल एडवोकट व पूर्व अध्यक्ष बलवन्त राय जैन ने भी नशे के ऊपर अपने-अपने विचार रखे। कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन अणुव्रत समिति के निवर्तमान अध्यक्ष चम्पालाल जैन ने अपने सुन्दर विचारों की अभिव्यक्ति के साथ किया। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने में समाज के वरिष्ठ श्रावक रतनलाल बोथरा, महिला मण्डल अध्यक्षा सुमन गुजरानी, मानकचन्द वैद, राजेश पुगलिया, तरूण गोलछा, राजेन्द्र गोलछा, बसन्त व नवरत्न गुजरानी, महेन्द्र सेठिया, मांगीलाल बोरड़, आदि समाज के सभी भाई-बहन उपस्थित थे।