दिल्ली एनसीआर पर बंद का पूरा असर लेकिन पाँच राज्यों में आंशिक असर

जिन कृषि क़ानूनों को सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही से ठंडे बस्ते में डाल दिया है उनही क़ानूनों को निरस्त करने की मांग ले कर आंदोलन कर रहे किसानों ने भारत बंद का आवाहन किया। उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी बिहार में बंद का असर दिखाई पड़ा। भारत बंद पूर्णतया उत्तर भारत में भी दिखाई न दिया, मानो हिमाचल, जम्मूयासमीर में किसान रहते ही नहीं। मध्य उत्तर प्रदेश और पनब के कई इलाके इस बंद से अछूते रहे। चंडीगढ़ ट्राई सिटी इस बंद से बे असर ही दिखे। सम्पूर्ण विपक्षी दलों के समर्थन के बाद भी यही हाल दिखा। कांग्रेस, RJD, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और लेफ्ट पार्टियों ने भारत बंद का समर्थन किया। किसान आंदोलन अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (AIBOC) से भी बंद को समर्थन मिला। वहीं, सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे आंदोलन छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाएं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों की आपत्तियों पर विचार करने के लिए तैयार है।

नयी दिल्ली/पंचकुला :

राकेश टिकैत ने कृषी मंत्री को रट्टू तोता बताते हुए पहले तो विमर्श करने की बात खारिज कर दी। फिर एक टीवी चैनल पर उन्होने सूत्रधार की बात का जवाब देते हुए कहा की कृषि मंत्री जब पूर्णाधिकारों के साअथ सामने बिना शर्त बातचीत को आएंगे तो हम सोचेंगे। लेकिन साथ ही यह पूछे जाने पर की उधर से तो कृषि मंत्री आ जाएँगे आपमें से कौन नेता बन कर सामने आएगा तो टिकैत इस जवाब को गोल कर गए। वह सूत्रधार से आंदोलन करने के नए सुझाव मांगते दिखाई पड़े। जब सूत्रधार ने पूछा की वह दिल्ली एनसीआर की जनता से आज की आसविधा के लिए माफी मांगेंगे तो इस बात का किसान नेता के पास कोई जवाब न था।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार भारत बंद का असर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ जगहों पर दिखाई दिया। वहीं बिहार, यूपी, राजस्थान और दक्षिण के कई राज्यों में भी बंद का कुछ असर दिखा लेकिन यहां राजनीतिक दलों की भागीदारी अधिक रही। दिल्ली और दूसरे जगहों पर किसानों ने राजनीतिक दलों से दूरी भी बनाई इसका एक उदाहरण दिल्ली में दिखाई भी दिया। जब दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को किसानों ने धरना स्थल से जाने को कहा।

सोमवार सुबह दिल्ली- एनसीआर में कई जगहों बंद की वजह सड़कों पर लंबा जाम दिखाई दिया। भारत बंद के मद्देनजर गाजियाबाद पुलिस ने गाजियाबाद और निजामुद्दीन को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे को बंद कर दिया था। वहीं नोएडा प्राधिकरण के पास किसान अपनी मांगों को लेकर भारी संख्या में इकट्ठा हुए और पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ा। वहीं हरियाणा के पलवल में किसानों ने दिल्ली-मथुरा नैशनल हाइवे जाम किया। बंद की वजह से दिल्ली-गुरुग्राम हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिला। सुबह के वक्त दिल्ली-गुरुग्राम हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया जिसका असर शाम तक दिखाई पड़ा।

किसानों के प्रदर्शन और बंद को देखते हुए दिल्ली पुलिस खासा सतर्क दिखी। खासकर लाल किला वाले रास्ते पर। लाल किला जाने वाला रास्ता दोनों तरफ से बंद कर दिया गया था। किसी भी वाहन को इस रूट पर जाने की अनुमति नहीं थी। इस रूट पर चलने वाली बसों को डायवर्ट कर दिया गया था। पिछली बार लाल किला पर आंदोलन के वक्त जो हंगामा हुआ था उसके देखते हुए पुलिस कुछ ज्यादा सतर्क दिखी। वहीं बंद की वजह से कुछ मेट्रो स्टेशनों को भी बंद करना पड़ा। डीएनडी पर यातायात प्रभावित रहा। गाजीपुर बॉर्डर को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। अक्षरधाम मंदिर के पास गाजीपुर बॉर्डर से सराय काले खां की ओर आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के एक तरफ अफरा-तफरी का माहौल रहा।

भारत बंद का समर्थन कई विपक्षी दलों ने भी किया। यूपी के कुछ जिलों में प्रदर्शन हुआ वहीं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा- संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को सपा का पूर्ण समर्थन है। वहीं अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि किसान आंदोलन भाजपा के अंदर टूट का कारण बनने लगा है। वहीं बिहार में पटना समेत कुछ जिलों में आरजेडी के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते नजर आए। बिहार में महागठबंधन की पार्टियां राजद, कांग्रेस और वामदलों ने भी इस बंद को समर्थन दिया था।।तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस आंदोलन में हम लोग किसानों के साथ हैं। महागठबंधन की सभी पार्टियां उनके साथ हैं। पटना में आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया। इस दौरान RJD के कार्यकर्ताओं ने गांधी सेतु पर जाम लगाया और आगजनी भी की।