उत्तराखंड, गुजरात के बाद क्या अब खट्टर का नंबर है

भारतीय जनता पार्टी ने कई राज्यों में गैर-प्रमुख जातियों के नेताओं को मुख्यमंत्री का पद सौंपा लेकिन हाल में हुए बदलावों को देखकर लगता है कि बीजेपी का हृदय परिवर्तन हो गया है। पिछले कुछ वर्षों में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री को बदला जाना यह बताता है कि पार्टी ने जाति प्रमुख को महत्व देते हुए रणनीति में बदलाव किया है और इसी का कारण है कि विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में चुनाव से पहले वहां की प्रमुख जाति के चेहरों को सीएम की कुर्सी पर बैठाया। उत्तराखंड और कर्नाटक के बाद सबसे ताजा उहादरण गुजरात का है, जहां भाजपा ने बहुसंख्यक और प्रभुत्वशाली पाटीदार समाज की मांग के आगे झुकते हुए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पद से हटा दिया और भूपेंद्र पटेल को नया मुख्यमंत्री बनाया।

चंडीगढ़/नयी दिल्ली:

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को गुरुवार को अचानक दिल्ली बुलाया गया, जहां पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री खट्टर पीएम से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं। दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक बैठक चली है। बताया जा रहा है कि इस दौरान वो गृह मंत्री अमित शाह सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों और आरएसएस के कुछ पदाधिकारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि और मुलाकातों को लेकर खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इनकार किया है। कयास ऐसे भी लगाए जा रहे हैं कि क्या बीजेपी संगठन गुजरात के बाद अब हरियाणा में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बारे में खट्टर ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी को उनके जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर बधाई दी है। हरियाणा सरकार के नए इनीशिएटिव्स को लेकर पीएम मोदी जी से बातचीत हुई है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा, मेरा पानी मेरी विरासत, सहित राइट टू सर्विस कमिशन, के सॉफ्टवेयर को लेकर और तमाम नए प्रोजेक्ट्स के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी है।

अपने दिल्ली दौरे को लेकर बोले सीएम खट्टर ने कहा कि दिल्ली दौरे पर और कुछ मुलाकातें नहीं हैं। गुड़गांव से होते हुए कल चंडीगढ़ के लिए वापसी होगी। करनाल की घटना और किसान आंदोलन को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा हुई है। करनाल की घटना की जानकारी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने जो रास्ता छोड़ने की बात की है उसकी कमेटी की जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी है।

जानकारों की मानें तो बरोदा उपचुनाव में बीजेपी की हार और इसके अलावा निकाय चुनाव में बीजेपी की सोनीपत और अंबाला में हार हुई. किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा बीजेपी बैकफुट पर नजर आई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज के बीच कई विवाद सामने आए हैं। दोनों के बीच का विवाद हाईकमान तक भी पहुंचा है।

हालांकि इस मुलाकात का एजेंडा सार्वजनिक नहीं हुआ है, चर्चा जोरों पर कि इस बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बदल सकते हैं, इसके साथ ही हरियाणा में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। बता दें कि केंद्र सरकार 6 महीने के अंदर तीन बीजेपी शासित राज्यों के 4 मुख्यमंत्रियों को बदल चुकी है. इसकी शुरूआत हुई उत्तराखंड से हुई और बयार चलते-चलते गुजरात तक पहुंची। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि ये हरियाणा का नंबर भी आ सकता है।

मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा गैर-प्रमुख जाति के नेताओं को चुनने के लिए जानी जाती रही है. फिर चाहे बात हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हो या फिर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की. इन दोनों नेताओं को नरेंद्र मोदी-अमित शाह नेतृत्व ने जाट और मराठा समुदायों के बाहर से चुना था. जिसमें से खट्टर अभी भी मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हैं, हालांकि सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि 2024 में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा मुख्यमंत्री बदल सकती है और गुजरात के तर्ज पर यहां भी किसी जाति-समुदाय प्रमुख चेहरे को राज्य का सीएम बना सकती है. हालांकि, ये सिर्फ भी कयास भर है.