Friday, January 10

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि तबरेज राना ने पैतृक संपति को बेचने के बाद अपने चाचा और चचेरे भाई को फंसाने के लिए बीती 28 जून की शाम लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर शहर कोतवाली के त्रिपुला चौराहे के पास स्थित पेट्रोल पंप के बाहर खुद पर गोली चलवाई थी। पुलिस ने आसपास के लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो इस वारदात का खुलासा हो गया और गोली चलाने वाले बाइक सवार युवक समेत चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा दिया। वारदात के खुलासे के बाद आरोपी बनाए गए तबरेज राना तब से फरार चल रहे थे। 

लखनऊ/ नयी दिल्ली:

एक शातिर फरार अपराधी जब गिरफ्तार होता है तो उसका रसूखदार पिता सामने आकर ब्यान देता है की अब उत्तर प्रदेश मुसलमानों के रहने लायक नहीं रहा। गोया कि चित भी मेरी पट भी मेरी। आज जब तबरेज राणा को अपने ही चाचा के खिलाफ साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया तो उत्तर प्रदेश का मुसलमान ख़तरे में आ गया और यदि तबरेज की साजिश कामयाब हो जाती तो मुन्नावर राणा यही बात अपने भाई के लिए कहते।

सनद रहे कि फ्रांस में मुसलिम कट्टपंथी द्वारा एक ईसाई अध्यापक की गला रेत कर की गयी हत्या का राणा ने महिमामंडन किया था। फिर तालिबान कि अफगान फतह पर वहाँ से भागते अफगानिस्तान के मुस्लिम नागरिकों पर खुश हो कर मुन्नवर राणा ने कहा था की अफगान से ज़्यादा खौफ में तो यहाँ के मुसलमान जी रहे हैं। फिर उन्होने तालिबन की तुलना आदि कवि महर्षि बाल्मीकी से भी की। अपने विवादित बयानों के चलते वह पहले भी कई बार अपने प्रशंसकों के गुस्से का शिकार हो रहे हैं।

उनके उत्तर प्रदेश के प्रति विशेष घृणात्मक लगाव का कारण वहाँ की योजीआई आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है। इन्के पहले बयान में इनहोने साफ साफ कहा था की यदि योगी आदित्यनाथ दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री बनते हाँ तो यह उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे। सूत्रों की माने तो इनका बेटा तबरेज चुनाव लड़ना चाहता हैं और यह बार बार इस प्रकार के बयान दे कर मुस्लिम तुष्टीकरण की धरती संवार रहे हैं।