कॉंग्रेस अफगानिस्तान पर भारतीय रुख पर संसद में चर्चा चाहती है, क्या वाकई
हाल ही में संसद का मानसून सत्र बीच ही में रोकना पड़ा, कारण साफ था विपक्ष। राज्यसभा में तो कॉंग्रेस की महिला सांसदों ने तो हद ही कर दी थी। इस बार फाइलें फाड़ फाड़ कर सभापति पर फेंकी गईं। राहुल सोनिया की कॉंग्रेस ने संसद में इतना हल्ला किया की एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं देने दिया गया। लेकिन वही प्रश्न पुन: सड़कों पर पूछे गए। आपण अराजकता को समाज के सामने इस तरह रखा गया मानो सरकार को कोई सरोकार ही नहीं। संसद न चलने देने वाले राहुल से जब वेंकइयानायडू के राज्यसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन भावक्ता पूर्ण भाषण के बारे में पूछा गया तो उन्होने उत्तर न दे कर पत्रकार को अप्रत्यक्ष रूप से बिका हुआ ही बता दिया। आज एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल की मानें तो वही राहुल गांधी अब फिर से संसद में प्रधानमंत्री द्वारा अफगानिस्तान पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
- क्या कॉंग्रेस नीत विपक्ष संसद में पुन: कोई बवाल नहीं काटेगी ?
- क्या सड़कों पर पुन: वही प्रश्न नहीं पूछे जाएँगे जिनका उत्तर संसद में चुनी हुई सरकार को नहीं देने दिया जाएगा?
हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश चेयरमैन एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत विदेश नीति के चलते वैश्विक स्तर पर देश की छवि धूमिल हो रही है। अफगानिस्तान पर तालिबान की घटना के बाद वहां पर लाखों भारतीय फंसे हुए हैं। लेकिन भाजपा सरकार उनको लेकर ढुलमुल रवैया अपनाए हुए हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस मामले में केंद्र सरकार को पहले ही अवगत करा चुके थे। यहां तक की संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पूर्व गत 14 जुलाई को रक्षा मामलों की संसदीय समिति में उन्होंने मांग की थी कि संसद में अफगानिस्तान के कई इलाकों में तालिबान के कब्जे मामले पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन भाजपा ने उनकी बात न मानकर इस विषय पर चर्चा करना भी उचित नहीं समझा, जिसका खामियाजा आज देश के असख्ंय लोग उठा रहे हैं।
एडवोकेट खोवाल ने कहा कि राहुल गांधी देश हित में आम जनता के लिए जब भी भारतीय जनता पार्टी को आगाह करते हैं, उस समय उनकी बात को अनसुना कर दिया जाता है और फिर देश को उसके परिणाम भुगतने पड़ते है। उन्होंने कहा कि आज कितने ही भारतीय नागरिक व राजदूत देश छोडऩे के लिए आमादा है, लेकिन मोदी सरकार ने समय रहते उनके आने का कोई इंतजाम ना किया। एडवोकेट खोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की इस तरह की गलत नीतियों की वजह से हिंदुस्तान के मित्र देशों की संख्या घटती जा रही है तथा दुश्मन देशों की संख्या बढ़ती जा रही है और पड़ोसी देशों से हमारे संबंध खराब होते जा रहे हैं। भाजपा की ऐसी अनुभवहीन नीतियों के कारण पूरा देश आज बारूद के ढेर पर खड़ा है, जहां कभी भी चिंगारी लग सकती है, जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ सकता है। एडवोकेट खोवाल ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष समय समय पर पहले भी देशहित के मामलों में अपनी आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते उनकी बात को अनसुना कर देश को राजनीतिक, आर्थिक व सामयिक मामलों में पीछे धकेलने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने अपनी इन नीतियों को नहीं बदला तो आने वाले दिनों में पूरे देश को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा।