शहीदों के नाम पर होंगे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और काश्मीर के सरकारी विद्यालयों के नाम
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जहां राजीव गांधी खेल रत्न को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न कर दिया है तो वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें ऐतिहासिक पहल करते हुए केंद्र शासित प्रदेश के स्कूलों का नाम अब शहीद सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के जवान के नाम पर किया जाएगा।
- शुक्रवार को दो बड़े फैसले लिए गए
- राजीव गांधी खेल रत्न नाम बदने के बाद जम्मू कश्मीर में बड़ा फैसला लिया गया
- जम्मू संभाग में स्कूलों को अंतिम रूप देने के लिए पत्र भी जारी कर दिया गया है
जम्मू कश्मीर(ब्यूरो) :
राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार एक के बाद एक कदम उठा रही है। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए केंद्र शासित प्रदेश के स्कूलों का नाम सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के शहीद जवानों के नाम पर रखने का फैसला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में प्रशासनिक पत्र जारी किया गया है, जिसमें वीरगति प्राप्त करने वाले जवानों के नाम पर रखे जा सकने वाले सरकारी स्कूलों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए जिला स्तर पर एक समिति गठित करने की बात कही गई है।
इसके बाद सत्यापन किया जाएगा और विवरण तैयार किया जाएगा। आधिकारिक नोटिस के अनुसार, जिला स्तर पर सूची को अंतिम रूप देने के लिए समिति में एसएसपी, एडीसी, डीपीओ या एसी पंचायत और सेना के प्रतिनिधियों को शामिल किया जा सकता है।
इसके अलावा सभी उपायुक्तों को इस सूची को 5 अगस्त 2021 तक जम्मू संभागीय आयुक्त कार्यालय को भेजने के लिए कहा गया था। सूत्रों के अनुसार, कुछ जिलों ने पहले ही उन स्कूलों की सूची जमा कर दिए हैं, जिनका नाम देश की रक्षा में अपने प्राणों को बलि देने वाले बलिदानियों को नाम पर रखे जाने हैं।
इस मामले में सरकारी अधिसूचना पिछले सप्ताह जारी की गई थी। इसमें जम्मू, कठुआ, डोडा, पुंछ, रामबन, सांबा, किश्तवाड़, राजौरी, उधमपुर और रियासी के उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों के गाँवों/नगरपालिका वार्डों में सरकारी स्कूलों की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। इस साल (2021) के शुरुआत में पंजाब सरकार ने भी 17 सरकारी स्कूलों का नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखा था। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है।
राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने ट्वीट कर इस घोषणा के पूर्ण होने की उम्मीद जताई। उन्होंने लिखा कि कुछ साल पहले कश्मीर में सड़कों का नाम शहीदों के नाम पर रखने का एलान हुआ था, लेकिन अभी तक उसका इंतजार किया जा रहा है।