विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2021 के विरोध में यहां जंतर-मंतर पर पहुंचे राजस्थान ‘एटक’ के सदस्य
आर्थिक तंगी की मार झेल रहे किसानों को डीजल की महंगाई के साथ-साथ बिजली बिल का भी झटका लग सकता है. इलेक्ट्रिसिटी एंप्लाईज फैडरेशन ऑफ इंडिया ने आशंका जाहिर की है कि केंद्र सरकार प्रस्तावित बिजली संशोधन विधेयक (Electricity amendment bill 2021) को पारित कराने की जल्दबाजी करने की कोशिश कर रही है. इसकी वजह से बिजली किसानों की पहुंच से बाहर हो जाएंगी. दरअसल, इस समय कई सूबों में किसानों को या तो बिजली फ्री मिलती है या फिर उनसे नाम मात्र का शुल्क लिया जाता है. इसीलिए किसान आंदोलन करने वाले लोग इस विधेयक को न लाने की मांग कर रहे हैं.
नयी दिल्ली (ब्यूरो) :
बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2021 के विरोध में यहां जंतर-मंतर पर चार दिन के लिये सत्याग्रह शुरू किया।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने एक बयान में कहा कि विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद के वर्तमान मानसून सत्र में पारित करने की केंद्र सरकार की एकतरफा घोषणा के खिलाफ बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर बिजली क्षेत्र के सैकड़ों कर्मचारियों ने मंगलवार को जंतर-मंतर पर चार दिवसीय सत्याग्रह शुरू किया।
सत्याग्रह में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़ और दिल्ली के बिजली क्षेत्र के बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए हैं।
एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा कि उत्तरी क्षेत्र के राज्यों के सैकड़ों बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने आज जंतर-मंतर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन छह अगस्त तक जारी रहेगा।
विरोध प्रदर्शन में पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के बिजली कर्मचारी 4 अगस्त को, पश्चिमी क्षेत्र के 5 अगस्त को और दक्षिणी क्षेत्र के कर्मचारी 6 अगस्त को भाग लेंगे।
राजस्थान से आए कर्मचारियों के दल की अगुआई प्रमोद शर्मा, अध्यक्ष राजस्थान विद्युत मीटर रीडर एवम् employees union कर रहे हैं। उनके साथ राजस्थान बिजली वर्कर फ़ेडरेशन (AITUC) जयपुर के अध्यक्ष गोवर्धन लाल मीणा, उपाध्यक्ष सरदार सिंह गुजर, महा-सचिव वेद प्रकाश शर्मा और संयुक्त – महासचिव अभिषेक जैन आए हैं।
उन्होंने कहा कि देश भर के बिजली क्षेत्र के कर्मचारी केंद्र सरकार के संसद में विधेयक को जल्दबाजी में पारित कराने के एकतरफा रुख के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
दुबे ने कहा कि विद्युत (संशोधन) विधेयक के कई प्रावधान आम लोगों और कर्मचारियों के खिलाफ हैं। अगर इसे लागू किया गया तो दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।