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पंचांग, 31 जुलाई 2021

शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि पूर्णिमा एवं कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या होती है।एक तिथि का भोग काल सामान्यतः 60 घटी का होता है। किसी तिथि का क्षय या वृद्धि होना सूर्योदय पर निर्भर करता है। कोई तिथि, सूर्योदय से पूर्व आरंभ हो जाती है और अगले सूर्योदय के बाद तक रहती है तो उस तिथि की वृद्धि हो जाती है अर्थात् वह वृद्धि तिथि कहलाती है लेकिन यदि कोई तिथि सूर्योदय के बाद आरंभ हो और अगले सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाती है तो उस तिथि का क्षय हो जाता है अर्थात् वह क्षय तिथि कहलाती है।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः श्रावण़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः अष्टमी तिथि की वृद्धि है जो कि रविवार को प्रातः 07.57 तक है। 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः अश्विनी सांय 04.38 तक हैं, 

योगः शूल रात्रि काल 09.01 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः कर्क, 

चंद्र राशिः मेष, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः05.46, 

सूर्यास्तः 07.09 बजे।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।