पूर्व मुख्य मंत्री चंद्रमोहन ने पंचकुला में वायु शुद्धि यंत्र लगवाने की मांग की
पंचकूला 24 जुलाई:
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने ,हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, जिनके पास पर्यावरण विभाग भी है, से मांग की है कि चंडीगढ़ की तर्ज पर पंचकूला में भी वायुशुद्धि करण यंत्रो की स्थापना की जाए, ताकि दूषित पर्यावरण के कारण लोगों में हो रही सांस की बीमारी को फैलने से रोका जा सके। उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ में ट्रिब्यून चौक और ट्रान्सपोरट चौंक पर वायुशुद्धिकरण संयंत्रो यानि एयर पुरिफाई संयंत्रो की स्थापना की जा रही है।
चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह पर्यावरण प्रदुषण की समस्या के निदान के लिए पंचकूला में सबसे पहले वायुशुद्धिकरण संयंत्र स्थापित करने के लिए पर्यावरण विभाग को आदेश दे, क्योंकि पंचकूला ट्राईसिटी का एक उभरता हुआ शहर है तथा यह तीनों शहर एक दूसरे के पूरक भी हैं।
उन्होंने मांग की है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्यावरण विभाग को निर्देश दिए जाएं कि इस की शुरूआत पंचकूला से की जाए। इसके साथ ही प्रदेश के जो बड़े- बड़े शहर है ,वहां पर भी स्वच्छ पर्यावरण की गम्भीर समस्या रुप धारण करती जा रही है,विशेष कर गुरुग्राम और फरीदाबाद में जहां पर उधोगों की बढ़ती हुई संख्या ने स्वच्छ पर्यावरण के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए गए हैं।
चन्द्र मोहन ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा करने के लिए ही पर्यावरण प्रेमी, तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री चौधरी भजनलाल के आग्रह पर प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एक अलग पर्यावरण मंत्रालय का गठन किया था और देश का पहला केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री चौधरी भजनलाल को बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और चौधरी भजनलाल ने इसे सिद्ध करके भी दिखलाया, सबसे पहले उन्होंने दिल्ली में बैटरी – चालित बसों की शुरुआत करवाई थी, उसका असर यह हुआ कि आज ई- रिक्शा और बैटरी और सीएनजी कारों का प्रचलन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
उन्होंने कहा कि डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों के कारण भी पर्यावरण दूषित हो रहा है। इसके अतिरिक्त बड़े- बड़े उधोग भी पर्यावरण दूषित करने में अहम योगदान दे रहे हैं। अगर यही हालात रहे तो दूषित पर्यावरण के कारण भविष्य में सांस लेना भी दुभर हो जाएगा। इस लिए हमारा सबका यह नैतिक दायित्व है कि पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करें ।
चंद्रमोहन ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करने के लिए सरकार को ही नहीं अपितु सभी लोगों को एक जूट होकर इसकी रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए ताकि भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को इस भयावह स्थिति से बचाया जा सके।