अनिल विज के औचक निरीक्षण से गुरुग्राम निगम में हड़कंप, 3 अफसर सस्पेंड

हरियाणा के गब्बर सिंह कहे जाने वाले गृह मंत्री अनिल विज आज एक बार फिर एक्शन मोड में दिखाई दिए। नगर निगम कार्यालय में मंत्री अनिल विज के औचक निरीक्षण करने पहुंचे, उन्होंने हाजिरी रजिस्टर से लेकर अलग-अलग ऑफिस में जाकर निरीक्षण किया तो वहाँ एसडीओ राकेश शर्मा नदारद पाए गए। यह देख विज का पारा चढ़ गया और उन्होंने तुरंत प्रभाव से एसडीओ को सस्पेंड कर दिया

चंडीगढ़/ गुरुग्राम:

हरियाणा के गुरुग्राम मैं गृह एवं स्थानीय निकाय मंत्री ने सुबह-सुबह रेड मारी है जिसके बाद उन्होंने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने दो एसडीओ को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है, वहीं एक एक्सईएन को रिलीव कर दिया है। गृह मंत्री अनिल विज ने एसडीओ राकेश शर्मा और कुलदीप यादव को सस्पेंड किया है वह एक्सईएन धर्मवीर मालिक को रिलीव कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक आज सुबह सुबह ही गुरुग्राम नगर निगम के दफ्तरों में अनिल विज ने छापेमारी की। सूचना है कि अनिल विज को कई दिनों से नगर निगम दफ्तर में व्याप्त अनियमितताओं की सूचना मिल रही थी। आरोप है कि सस्पेंड अधिकारियों ने फर्जी पत्र लगाए थे इस मामले में मंत्री ने एक्सईएन और एसडीओ पर केस दर्ज करने के आदेश दे दिये हैं।

गुरु ग्राम नगर निगम की टीम गुप्तचर विभाग यानी सीआईडी की रडार पर थी जिसके बाद सीआईडी की टीम भी यहां पर छापे मार चुकी थी। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों छापे के दौरान 8 से 10 लोगों से अलग-अलग पूछताछ कर भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों की सूची तैयार कर ली गई है। यहां यह बताना जरूरी है कि गुरुग्राम नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार और रिश्वत खोर कर्मचारी व अधिकारियों की शिकायतें लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय को मिल रही है ऐसे में खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है।

गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम की प्रॉपर्टी टैक्स कितनी प्रॉपर्टी आईडिया को लेकर कर्मचारियों और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। एक प्रॉपर्टि का आईडी बनाने के एवज में 10 से ₹15000 तक वसूलने की शिकायत मिली है

आरोप है कि सफाई का यह खेल बड़ी ही सफाई से हेला जाता है। मौका निरीक्षण कभी होता है तो अफसरों और ठेकेदारों के पास राता रताया जवाब होता है कि नाला तो साफ हुआ था लेकिन फिर से कचरा भर गया।

हर साल फर्जी बिलों के भुगतान और काम को लेकर मलाई खाई जाती है। औरअब तो यह आदत भी बन गई है। नए निगमायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने धांधली रोकने के लिए नालों की सफाई का पूरे साल का मरम्मत एवं टेंडर करने के लिए कहा, लेकिन एक भी एजेंसी या ठेकेदार ने इसमें रुचि नहीं दिखाई।