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पंचांग, 10 जुलाई 2021

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि अमावस्या के दिन पितरों की शांति (Pitra Shanti) के लिए तर्पण व श्राद्ध भी किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनैश्चरी अमावस्या के दिन शनि साढ़ेसाती एवं शनि ढैय्या के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कुछ विशेष भी उपाय किए जाते हैं. साथ ही चूंकि कल वाली अमावस्या दर्श अमावस्या भी है इसलिए ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से चंद्र देवता प्रसन्न होते हैं और सौभाग्य और समृद्धि का आर्शीवाद देते हैं. 

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः आषाढ़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः अमावस तिथि की वृद्धि है जो कि (शनिवार को प्रातः 6.47 तक है ), 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः पुनर्वसु रात्रि 01.02 तक हैं, 

योगः व्यातिपात सांय काल 04.49 तक, 

करणः नाग, 

सूर्य राशिः मिथुन, 

चंद्र राशिः मिथुन, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक तक, 

सूर्योदयः05.35, 

सूर्यास्तः07.18 बजे।

नोटः आज शनिवासरी अमावस है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।