लोकतंत्र सेनानी आपातकाल लगाने के दिन 26 जून को काला दिवस मनाएंगे
आपातकाल के दौरान जिन लोगों की गिरफ्तारियाँ हुईं, समूचे समाज को प्रताड़नाएं झेलनी पड़ीं उन लोकतन्त्र सेनानियों को आर्थिक मदद देते हुए पूर्व मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे ने 24000 की पेंशन लगाई थी वह गहलोत सरकार ने आते ही रोक दी है। इससे साफ साफ पता लगता है की अशोक गहलोत की कॉंग्रेस सरकार न तो अपने लगाए आपातकाल को बुरा मानती है न ही अपने उस कुकृत्य से शर्मसार है।
- आपातकाल लगाए जाने के दिन 26 जून को यहां लोकतंत्र सेनानी काला दिवस के रूप में मनाएंगे।
- आपातकाल में जेलों में निरूद्ध रहे लोकतंत्र सेनानी स्वर्गीय गुरुशरण छाबड़ा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे।
- संयोजक करणी दान सिंह राजपूत के अनुसार सुबह 8:00 बजे स्वर्गीय छाबड़ा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जाएगा। कोरोना महामारी की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।
सूरतगढ़ संवाददाता, 23 जून 2021:
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को कायम रखने के लिए 26 जून 1975 को आपातकाल लगाया जो 21 मार्च 1977 तक रहा था। आपातकाल में पूरे देश भर से गिरफ्तारियां हुई और विरोध प्रदर्शन हुए थे। रातों रात लाखों लोगों को गिरफ्तार किया गया।मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए। अखबारों पर सेंसर लगाया गया और समाचारों को पहले स्वीकृत कराना होता। अखबार जब्त भी किए गए। सूरतगढ़ से प्रकाशित होने वाले भारतजन पर सेंसर लगाया गया, संपादक करणीदानसिंह राजपूत को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया। अखबार को जब्त कर लिया गया था।
राजस्थान में आपातकाल लगने के पहले ही दिन गुरुशरण छाबड़ा के नेतृत्व में आपातकाल लगने के दिन 26 जून 1975 को रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के आगे जहां अब सुभाष चौक है वहां पर आपातकाल के विरोध में खुली सभा आयोजित की गई थी। वक्ताओं ने इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने का विरोध किया था और उसके बाद सूरतगढ़ में गिरफ्तारियां हुई प्रदर्शन हुए जिसमें अनेक कार्यकर्ता जेलों में महीनों तक बंद रहे। आपातकाल के विरोध में सूरतगढ़ में पैम्फलेट बांटने,नारे प्रदर्शन के साथ भी गिरफ्तारियां दी गई। सूरतगढ़ के कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून( डीआईआर) के तहत और क ई कार्यकर्ताओं को सीआरपीसी की धाराओं में गिरफ्तार किया गया। सूरतगढ़ से 24 लोग जेलों में बंद रहे। डीआईआर में गिरफ्तार रहे लोकतंत्र सेनानियों को भाजपा के वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री काल में जनवरी 2014 से लोकतंत्र सेनानी सम्मान प्रदान कर सम्मान निधि शुरू की गई। यह सम्मान निधि 12 हजार और 1200 चिकित्सा निधि कुल 13200 मासिक थी जिसे सन 2018 अगस्त में बढा कर 20000 सम्मान निधि और 4000 चिकित्सा निधि कुल 24 हजार किया गया। श्री गंगानगर जिले में 32 हनुमानगढ़ जिले में 3 को यह सम्मान निधि मिलने लगी थी। सीआरपीसी में निरूद्ध रहे लोगों को भी वसुंधरा राजे ने मई 2018 में सम्मान और सम्मान निधि की स्वीकृति दी जो लागू भी हो गई।
श्री गंगानगर जिले में दस पत्रावलियां पेश हुई। जेल पुलिस विभाग की रिपोर्ट भी पेंशन स्वीकृति आई मगर जिला कलेक्टर की बैठक नहीं होने से शुरू नहीं हो पाई। दुर्भाग्य रहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने इसमें कोई सहयोग नहीं किया।
सन 18 में कांग्रेस राज आने पर अशोक गहलोत के मुख्य मंत्री काल में 16 अक्टूबर 2019 को यह सम्मान निधि रोक दी। अभी भाजपा एवं गैर कॉंग्रेस शासित राज्यों में सम्मान निधि मिल रही है।
आपातकाल में अत्याचार बहुत हुए। लोगों की पढाई छूटी,व्यवसाय खत्म हो गए।
इसलिए 26 जून को देश भर में काला दिवस मनाया जाता है।