चौटाला के रिहा होने से किसान राजनीति में आएगी एक नयी हलचल
पंचकूला में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दादा ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने ईमेल की है, जिसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को रिहा करने की बात की गई है। दुष्यंत ने कहा कि एक साजिश के तहत हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला व डॉ अजय सिंह चौटाला को सजा सुनाई गई थी। अब उनकी सजा पूरी होने के बाद उनके रिहा किए जाने के फैसले से वे बेहद खुश हैं।
चंडीगढ़(ब्यूरो):
ओपी चौटाला के वकील अमित साहनी ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा चौटाला जी की स्पेशल रिमीशन मंजूर कर ली गई है. इस बारे में तिहाड़ जेल से उन्हें एक ऑफिशयल मेल प्राप्त हुआ है. उनकी रिहाई स्वीकार कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले हमने उच्च न्यायालय में उनकी रिहाई के लिए कई याचिकाएं डाली थी. अब दिल्ली सरकार द्वारा उनकी स्पेशल रिमीशन मंजूर कर ली है.
बता दें कि रोहिणी स्थित विशेष सीबीआई जज विनोद कुमार ने 308 पेज के अपने फैसले में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला को घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता करार दिया था. वर्ष 1999-2000 के दौरान 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षकों की भर्ती में घोटाले के इस मामले में पूर्व आईएएस संजीव कुमार, पूर्व आईएएस विद्याधर, मौजूदा विधायक शेर सिंह बडशामी और 16 महिला अधिकारियों को भी दोषी करार दिया था. संजीव कुमार ने ही सबसे पहले इस घोटाले का खुलासा किया था, लेकिन सीबीआई जांच में वह खुद भी इसमें लिप्त पाए गए.
विद्याधर तब चौटाला के ओएसडी थे, जबकि बडशामी उनके राजनीतिक सलाहकार थे. संजीव कुमार ने वर्ष 2003 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी. सीबीआई ने वर्ष 2004 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेबीटी मामले की जांच शुरू की थी. जांच एजेंसी ने 2008 में कुल 62 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई अदालत ने जुलाई 2010 में आरोप तय किए थे. मामले की सुनवाई करीब ढाई साल पहले सीबीआई अदालत में शुरू हुई थी.
चौधरी ओमप्रकाश चौटाला पांच बार (1970, 1990, 1993, 1996 और 2000) हरियाणा विधान सभा के सदस्य रह चुके हैं. वर्ष 1989 में ओम प्रकाश चौटाला पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद वह 1990, 1991 और 1999 में भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में विजयी हुए. 1999 में ओम प्रकाश चौटाला नरवाना और रोरी दोनों निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे. इन दोनों विकल्पों में से ओम प्रकाश चौटाला ने नरवाना निर्वाचन क्षेत्र को अपने लिए बेहतर समझा.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी, 1935 को सिरसा, हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ था. ओम प्रकाश चौटाला की शिक्षा-दीक्षा उनके गृहनगर में ही हुई थी. पूर्व उप मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल के पुत्र, ओम प्रकाश चौटाला युवावस्था से ही राजनीति में रुचि रखने लगे थे.
ओमप्रकाश चौटाला की रिहाई से उनके बड़ेे बेटे अजय सिंह चौटाला और पोते दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) और इनेलो (INLD) के बीच सियासी टकराव का नया रूप देखने को मिल सकता है। जजपा राज्य में भाजपा के साथ सत्ता में साझीदार है और इनेलाे व भाजपा का पहले गठबंधन रह चुका है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की सजा पूरी होने की खबर बुधवार को आई तो इनेलो के नेताओं और कार्यकर्ता उत्साह से भर गए। ओमप्रकाश चौटाला फिलहाल पैरोल पर तिहाड़ जेल से बाहर से हैं। तिहाड़ जेल के नोटिफिकेशन के अनुसार, चौटाला के पैरोल से जेल में सरेंडर करने के बाद रिहा कर दिया जाएगा।
जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज विनोद कुमार ने 16 जनवरी को 2013 ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला समेत 55 लोगों को आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था। फैसला आने के तुरंत बाद चौटाला समेत सभी दोषियों को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।
इससे पहले सीबीआइ और बचाव पक्ष के वकीलों की अंतिम बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 17 दिसंबर 2012 को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद स्पेशल जज विनोद कुमार ने 16 जनवरी 2013 को 55 आरोपियों को दोषी करार दिया था। इसमें ओम प्रकाश चौटाला, अजय चौटाला के अलावा तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक आइएएस संजीव कुमार, चौटाला के पूर्व विशेष अधिकारी विद्याधर और राजनीतिक सलाहकार तत्कालीन विधायक शेर सिंह बड़शामी भी शामिल थे। मामले में कुल 62 आरोपियों में 6 की मौत हो गई थी और एक को बरी कर दिया गया था।