पंचांग, 23 जून 2021
एक तिथि का भोग काल सामान्यतया 60 घटी का होता है। किसी तिथि का क्षय या वृद्धि होना सूर्योदय पर निर्भर करता है। कोई तिथि, सूर्योदय से पूर्व आरंभ हो जाती है और अगले सूर्योदय के बाद तक रहती है तो उस तिथि की वृद्धि हो जाती है अर्थात् वह वृद्धि तिथि कहलाती है लेकिन यदि कोई तिथि सूर्योदय के बाद आरंभ हो और अगले सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाती है तो उस तिथि का क्षय हो जाता है अर्थात् वह क्षय तिथि कहलाती है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः ज्येष्ठ,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः त्रयोदशी प्रातः 07.00, बजे तक है।
वारः बुधवार,
नक्षत्रः अनुराधा प्रातः 11.48 तक हैं,
योगः साध्य प्रातः काल 10.00 तक,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः मिथुन,
चंद्र राशिः वृश्चिक,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.28,
सूर्यास्तः 07.18 बजे।
नोटः चतुर्दशी तिथि का क्षय है।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।