मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए 25 जून तक करवाएं पंजीकरण : उपायुक्त अनीश यादव

मेरा पानी-मेरी विरासत : धान छोड़ वैकल्पिक खेती कर जल संरक्षण का दे रहे संदेश-किसान गुरजीत सिंह धान की जगह कपास व मूंग की कास्त से पानी बचत के साथ ले रहे अधिक पैदावार

सतीश बंसल सिरसा, 22 जून:

प्रदेश सरकार की जल बचाव के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत के तहत चलाई जा रही मुहिम से किसान लगातार जुड़ते जा रहे हैं। किसान न केवल योजना का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि जल बचाओं के इस सामूहिक प्रयास को सुदृढ बनाने का काम भी कर रहे हैं। जल बचाओ की इस मुहिम से जिला के गांव कुमथल का किसान गुरजीत सिंह भी जुड़ा है, जिन्होंने धान की जगह वैकल्पिक खेती को अपनाया है। ऐसा करके वे दूसरे किसानों को जल संरक्षण के साथ फसल विविधीकरण का संदेश दे रहे हैं।
गुरजीत सिंह ने बताया कि उसने खरीफ 2020 में छ: एकड़ में धान की कास्त की थी। लेकिन इस बार सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना से जल संरक्षण के महत्व को समझते हुए चार एकड़ में वैकल्पिक खेती की बुआई की। उन्होंने बताया कि उसने अबकी बार खरीफ सीजन में कपास व  मूंग बिजाई की है। गुरजीत ने बताया कि धान की खेती में बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है, जिससे भू जल स्तर लगातार गिर रहा है। जल बचाओ को लेकर सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना की सराहना करते हुए किसान गुरजीत सिंह ने कहा कि पानी को बचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे सरकार की इस योजना का लाभ उठाते हुए जल बचाने की मुहिम से जुडें।  

मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए 25 जून तक करवाएं पंजीकरण : उपायुक्त अनीश यादव

उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा ‘मेरा पानी-मेरी विरासतÓ योजना के तहत खरीफ-2021 में धान की बिजाई का क्षेत्रफल कम करने, गिरते भू-जल स्तर को बचाने के लिए जिला सिरसा को 27 हजार 550 एकड़ का लक्ष्य दिया गया है। इस योजना के अनुसार जो किसान धान फसल की बजाए वैकल्पिक फसल जैसे मक्का, कपास, अरहर, मूंग, ग्वार, तिल, मूंगफली, मोठ, उड़द, सोयाबीन व चारा तथा प्याज की फसल की कास्त करने पर सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए किसान 25 जून तक पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य हैं। इस योजना में बाजरा की फसल बिजाई पर कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दी जायेगी। उन्होंने बताया कि जिस किसान ने पिछले वर्ष खरीफ 2020 में धान बोया था लेकिन इस वर्ष खरीफ में किला खाली छोड़ता है तो वह भी इस स्कीम के लाभ का हकदार माना जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि यदि किसी किसान ने पिछले वर्ष फसल विविधीकरण के अंतर्गत खरीफ 2020 में ‘मेरा पानी-मेरी विरासतÓ के तहत प्रोत्साहन राशि ली है और खरीफ 2021 में भी वह फसल विविधीकरण करता है तो इस स्कीम के अंतर्गत लाभ का पात्र माना जायेगा। योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में दी जाएगी। इसके साथ किसान द्वारा बिजाई की गई वैकल्पिक फसल जो कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमित की जाती है, जिसकी फसल बीमा राशि किसान की बजाए प्रोत्साहन राशि में से सरकार द्वारा बीमा कर दिया जाएगा। स्कीम के अनुसार वैकल्पिक फसलों की भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर शत प्रतिशत खरीद की जाएगी।