पंचांग 22 जून 2021
सनातन धर्म में हर तिथि किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होती है। जिस तरह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है, उसी तरह त्रयोदशी भगवान शिव समर्पित है। शुक्ल और कृष्ण पक्ष में आने वाली त्रयोदशी को भगवान शिव का प्रदोष व्रत किया जाता है। जब प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ता है तब इसे सोम प्रदोष कहा जाता है और मंगलवार को पड़ता है तब इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः ज्येष्ठ,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः द्वादशी प्रातःः 10.22 तक है।
वारः मंगलवार,
नक्षत्रः विशाखा दोपहर 02.22 तक हैं,
योगः सिद्धि दोपहर काल 01.51 तक,
करणः बालव,
सूर्य राशिः मिथुन,
चंद्र राशिः तुला,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.28,
सूर्यास्तः 07.18 बजे।
नोटः आज भौम प्रदोष व्रत है। तथा व्रत सावित्री व्रत प्रारम्भ हो रहा है।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।