झूरीवाला में डंपिंग ग्राउंड बनाने के विरोध में हर मोर्चे पर स्थानीय निवासियों के साथ कांग्रेस पार्टी : चंद्रमोहन

  • डंपिंग ग्राउंड का निर्माण नियमो की अवेहलना,हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवमानना : विजय बंसल
  • विजय बंसल ने गांव भानू में डंपिंग ग्राउंड शिफ्ट करने के लिए 2011 में दायर की थी जनहित याचिका 

पंचकूला – 19 जून 2021 :

झुरिवाला डंपिंग ग्राउंड के खिलाफ़ रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन,स्थानीय निवासियों द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए श्री चंद्रमोहन(पूर्व उपमुख्यमंत्री, हरियाणा) के नेतृत्व में श्री विजय बंसल(प्रदेश अध्यक्ष,शिवालिक विकास मंच व पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार), शशि शर्मा (वरिष्ठ कांग्रेस नेता),पूर्व मेयर उपीनदरं कोर आहलुवालीया, रविन्द्र रावल ( पूर्व प्रधान नगर परिषद पंचकूला) व पार्षद अकक्षदीप चोधरी व पार्षद संदीप सोही,अन्य कांग्रेस नेता पहुंचे। 

चंद्रमोहन ने कहा कि झुरिवाला डंपिंग ग्राउंड के विरोध में आयोजित हर मोर्चे के प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी स्थानीय निवासियों के साथ खड़ी है।जब पूर्व महापौर एमसी पंचकूला ने 21.06.2017 को आयोजित एमसी पंचकूला की बैठक में प्रस्तावित झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड को घग्गर पार सेक्टरों की आवासीय आबादी से दूर स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए पारित प्रस्ताव की एक प्रति सीएम के पास भेज दी थी और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष व विधायक श्री ज्ञान चंद गुप्ता ने दिनांक 02.06.2018 को पंचकूला विधायक की हैसियत से पत्र भेजकर प्रस्तावित झुरीवाला सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को घग्गर पार सेक्टरों की आवासीय आबादी से तत्काल स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी तो ऐसे में जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर एक कमरे में बैठकर निर्णय लिया जाना गलत है।

शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व प्रदेश सरकार द्वारा झूरीवाला में डंपिंग ग्राउंड बनाने के फैसले को नियमो की अवेहलना बताते हुए माननीय पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवमानना बताया है।मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नियमो को ताक पर रखकर यह आदेश दिए है जबकि इस डंपिंग ग्राउंड के बनने से जहां तो एक तरफ आमजन व स्थानीय लोग परेशान है वही पर्यावरण को भी खतरा है।बंसल ने इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है और फैसला न बदले जाने पर पुनः हाईकोर्ट की शरण लेने की बात कही है।2011 में भी माननीय हाईकोर्ट में पंचकूला के सेक्टर 23 स्थित अस्थाई डंपिंग ग्राउंड को शहर से बाहर पंजाब बॉर्डर के नजदीक गांव भानु में शिफ्ट करने के लिए विजय बंसल एडवोकेट ने बतौर याचिकाकर्ता जनहित याचिका न 16951/2011 दायर की थी।विजय बंसल ने 2010 में इस डंपिंग ग्राउंड को पंजाब बॉर्डर पर शिफ्ट करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा था जिसमे कहा गया था कि सेक्टर 23 में बने अस्थाई डंपिंग ग्राउंड से सेक्टर 23-24-25-26-27-28 के निवासियों को बदबू का सामना करना होगा तथा पर्यावरण प्रदूषित होगा।हरियाणा के हुडा विभाग ने पंचकूला एक्सटेंशन के अंतर्गत बरवाला तक सेक्टर विकसित करने की योजना है।झुरीवाला के आसपास भी आबादी है ,झुरीवाला वन क्षेत्र में आता है और  यहां भारतीय वन अधिनियम 1927,पीएलपीए 1900,वन संरक्षण एक्ट 1980 आदि लागू है।झुरीवाला खोल ही रायतन वाइल्ड लाइफ सेंचरी के अंतर्गत है व इको सेंसिटिव जॉन में है।पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 12 मार्च 2013 को आदेश पारित करते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण(एनजीटी)नई दिल्ली को स्थानांतरित करते हुए कार्यवाही करने के आदेश दिए थे।अस्थाई डंपिंग ग्राउंड के निरीक्षण हेतु 2 जस्टिस सहित अनेक सदस्यों ने निरीक्षण किया। 

हाईकोर्ट के निर्देशानुसार एनजीटी की टीम ने याचिकाकर्ता विजय बंसल समेत सभी सदस्यों को सलाह देने के लिए बुलाया था जिसमे विजय बंसल ने सुझाव देते हुए कहा था कि इस अस्थाई डंपिंग ग्राउंड से स्थानीय निवासियों को अनेको दिक्कत का सामना करना पड़ता है जिसमे गंदी बदबू व पर्यावरण प्रदूषण से अनेको बीमारियों का खतरा आदि रहता है।साथ ही यदि इसे झुरीवाला शिफ्ट किया जाएगा तो उसके आसपास भी आबादी है व वन क्षेत्र है।एनजीटी टीम ने विजय बंसल के सुझावों पर सहमति जताई थी परन्तु 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग व नगर निगम के अफसरों ने डंपिंग ग्राउंड को झुरीवाला में लगाने का निर्णय लिया जोकि जनहित में नही है तथा जनविरोधी है जबकि पंजाब बॉर्डर पर गांव भानु खाली क्षेत्र है व उसके नजदीक पंजाब का भी डंपिंग ग्राउंड है परन्तु भाजपा की जनविरोधिनीतियो के कारण इसे आबादी देह एरिया में लगाया जा रहा है। 

चंद्रमोहन ने कहा कि झूरीवाला साइट पर ठोस कचरे के डंपिंग के लिए नगर निगम पंचकूला द्वारा पर्यावरण विभाग से कोई मंजूरी व एनओसी प्राप्त नहीं की गई है।दिनांक 01.03.2013 की पूर्व मंजूरी के बाद से केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से कोई नई मंजूरी नही है जोकि पहले ही समाप्त हो चुकी है। चूंकि झुरीवाला साइट के वन क्षेत्र में पहले से ही घने पेड़ हैं, इसलिए सभी पेड़ों को एमसी पंचकूला द्वारा काटा जाएगा और एमसी पंचकूला द्वारा वन विभाग की कोई पूर्व मंजूरी नहीं ली गई है।केंद्र व प्रदेश सरकार पर्यावरण दिवस पर अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील कर रही हैं लेकिन वर्तमान निर्णय से झूरीवाला में इतने सारे पेड़ कटेंगे जिसकी गिनती करना असंभव है।यह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश दिनांक 02.08.2013 के उल्लंघन का स्पष्ट मामला है जिसमें झुरीवाला साइट पर ठोस अपशिष्ट नहीं डालने का निर्देश दिया गया है।इसके साथ ही यह माननीय चंडीगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 25.10.2018 को जारी आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है। 

शशि शर्मा ने कहा कि झुरीवाला साइट और सेक्टर 25 पंचकूला की आवासीय आबादी के बीच दूरी 500 मीटर से भी कम है तो मोरनी वन्य जीव अभ्यारण्य झूरीवाला स्थल से मात्र 140 मीटर की दूरी पर है और वन्य जीव विभाग के निर्देशानुसार पास के वन्य जीव अभ्यारण्य में प्रजातियों की रक्षा के लिए आठ फीट ऊंचाई की सुरक्षा चारदीवारी का निर्माण किया जाना है लेकिन इस पर ऐसी कोई दीवार नहीं बनाई गई।साइट भूजल के संरक्षण के लिए वन्य जीव विभाग द्वारा आगे निर्देश दिया गया था कि पहले पूरे भूमि स्थान पर पॉलिथीन की एक परत लगाई जाए और उसके बाद दो फीट भूमि को भर दिया जाए और उसके बाद पूरे भूमि स्थान पर फिर से पॉलीथीन की एक नई परत लगाई जाए।एमसी पंचकुला द्वारा ऐसा कोई अनुपालन नहीं किया गया है।चूंकि झुरीवाला साइट एनएच 73 के निकट स्थित है, इसलिए एमसी पंचकूला द्वारा एनएचएआई प्राधिकरण की स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई है।केंद्र सरकार के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अनुसार, ऐसा कोई भी संयंत्र राष्ट्रीय उच्च मार्ग से दो सौ मीटर से अधिक दूरी पर होना चाहिए जबकि प्रस्तावित झुरीवाला साइट इस मानदंड को पूरा नहीं करती है।इस राष्ट्रीय राजमार्ग 73 पर 10 कचरा वाहन भारी यातायात के सुचारू प्रवाह में बाधा डालेंगे और इस व्यस्त राजमार्ग पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा साबित होंगे। 

रविन्द्र रावल ने बताया कि पर्यावरण वन जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी अंतिम स्वीकृति के दौरान ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र नियम 2016 लागू नहीं थे।प्रस्तावित झुरीवाला साइट वाणिज्यिक क्षेत्रों के ठीक विपरीत है।23 ए और 25 भाग 2 यहां ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र की स्थापना से यहां वाणिज्यिक भूखंडों की बिक्री प्रभावित होगी।घग्गर पार सेक्टरों में आवासीय भूखंडों की बिक्री करते समय एचएसवीपी ने झूरीवाला में एक एसडब्ल्यूएमपी स्थापित करने का खुलासा नहीं किया था एचएसवीपी द्वारा अपनी बिक्री ब्रोशर में एचएसवीपी द्वारा सार्वजनिक किए जाने की स्थिति में मौजूदा निवासियों ने घग्गर पार सेक्टर में अपने भूखंड नहीं खरीदे होंगे।घग्गर पार सेक्टरों में रहने वाले बीस हजार से अधिक परिवार पिछले दस वर्षों से अधिक समय से झुरीवाला में प्रस्तावित एसडब्ल्यूएमपी का विरोध कर रहे हैं।हेमन्त किगंर ,वरिष्ठ कांग्रेस नेता,देवीनदरं शर्मा बी डी ऐस मैबरं, कांग्रेस पार्षद पद की उमीदवार रहीं प्रियंका हुड्डा, अमन दत्त शर्मा जिला चेयरमेन कांग्रेस (लीगल डिपार्टमेंट), वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री,सुषमा खन्ना, कांग्रेस पार्षद पद के उम्मीदवार रहै ओम शुक्ला एनएसयूआई आरटीआई सेल राष्ट्रीय कन्वीनर,दिपाशु बासलं,ध्रुव सुद,दिनेश साहनी, चारु,राजु धिमान,