वाक्पटुता से जनमानस को निर्भीक करते हुए अपने साथ जोड़ता फरीदाबाद पुलिस का आईटी सेल

सारिका तिवारी, चंडीगढ़:

हरियाणा पुलिस की फ़रीदाबाद इकाई का ट्विट्टर हैंडल संभालने वाली टीम वाकयी काबिल – ए – तारीफ है। यूं तो किसी भी भाषा में हास्य व्यंग्य की अनपस्थिति उस भाषा को नीरस बना देती है लेकिन यदि बात हरियाणवी भाषा की करें तो हरियाणवी भाषा में यदि हासी का पुट न हो तो बेहद ही लट्ठमार भाषा लगे। हरियाणा की भाषा “जटु” या “हरियाणवी” है। यद्यपि इस भाषा को कई लोगों द्वारा कठोर माना जाता है,तथापि यह ईमानदारी और सरल हास्य से भरी है।

एक बानगी देखिए, कि हरियाणवी बहुत धार्मिक होते हैं प्रति दिन मंदिर अवश्य जाते हैं। मंदिर के बाहर जूते वहाँ उतारते हैं जहां से भगवान और जूते दोनों ही दिखाई पड़ें। जूते दिखने ज्यादा जरूरी हैं, भगवान तो कल भी यहीं मलेगा। अब इस छोटे से वाक्य में हास्य और व्यंग्य दोनों का ही समावेश है। ठीक इसी परिपाटी का अनुसरण फरीदाबाद पुलिस का आईटी सेल कर रहा है।

पहली बार जब उनका ट्वीट पढ़ा तो अचकचा सा गया। चोरों लुटेरों पर क्या अनुसंधान किया है खुद ही पढ़ें लिखते हैं:

चोरों के बाल इतने घने-काले! कौन सा शैम्पू लगाते हैं? असल में #भाई को नहीं है कोई भी टेन्शन। जिस घर चाहें, घुस जाते हैं। जो मर्ज़ी उड़ा लेते हैं। लापरवाहों के साथ जॉंईंट-वेंचर। झटपट ज़मानत। बुद्धिजीवी के हाथ जनसम्पर्क। दोष बेरोज़गारी पर।

अपराध इंडस्ट्री में तहलका

गोलू कोर्पोरेशन का शेयर गिरा औंधे मुँह धड़ाम। लाख प्रतिशत रिटर्न के लूट-अपहरण उद्योग के थे उभरते निवेशक। पिछले कुछ दिन ताबड़तोड़ ऐक्शन से कर रहे थे ट्रेंड। पुलिस के एक झटके से हथियारों सहित नीचे गिरे पके आम की तरह।

निर्दोष निडर अंदाज़, शब्दों के साथ साथ जन मानस का हौसला बढ़ाने वाले यहाँ एक नहीं कई ट्वीट मिल जाएँगे। आगे पढ़ें

दो बीवियाँ, पाँच बच्चे, एक सौतेली माँ। भरा-पूरा घर। वस्त्र-उद्योग छोटा पड़ा तो चोरी के प्राचीन व्यवसाय में पैर पसार दिया। प्रतिकूल डील-डौल के बावजूद आज ये एक बेहद सफल चोर हैं। जेल के अस्थायी प्रवास से लौटते ही मोहल्ले का मोहल्ला साफ़ कर देते हैं।

हुड़दंगियों, मारपीट करने वालों पर इनका यह ट्वीट खासा पसंद किया जा रहा है, लिखते हैं : मनीष, सुमित, मोहित, रमन, अक्षय। प्यारा नाम। भोली सूरतें। असल में प्राचीन काल के गुफा-मानव। भटककर आ गए इक्कीसवीं सदी में। एक लड़के से #खलीबली हो गए। डंडे-रॉड से कर दी उसकी आवभगत कुछ ज़्यादा। वो तो निकल लिया। ये गए फँस। अब जेल में करेंगे #QalbiyaQaissWallah

यकीन मानिए इनकी सार्वजनिक प्रतिक्रियाएं (public reactions) भी इसी अंदाज़ से की जातीं हैं : एक ट्विट्टर यूजर राकेश पांडे लिखते हैं : दया रखो महाराज

Smiling face with open mouth and smiling eyes

पत्रकारों को भी कुछ सनसनी.. भौकाल.. हाहाकार.. मचाने वाले डायलॉग लिखने दीजिये लोग.. आपको ही पढ लेंगे तो फिर न्यूज़ चैनल और पोर्टल का क्या होगा

Smiling face with smiling eyes
Smiling face with smiling eyes
Smiling face with smiling eyes

वाकाई जिस शालीनता से, जिस प्र्योगधर्मिता से यह शुचि कार्य किया जा रहा है वह प्रशंसनीय है। भाषा की मर्यादा और हास्य का पुट जनमानस को अपने साथ जोड़ता है।

हरियाणा पुलिस के इन कलमवीरों को अनेकों अनेक साधुवाद, माँ सरस्वती इनकी कलम से कभी भी किसी का दिल दुखाने की बात न लिखवाये।