कैप्टन के घर घेराव करने गए सुखबीर बादल हिरासत में

पंजाब में हाशिये पर आई बीएसपी ने शियाद से हाथ मिले ही। नए मित्रों का साअथ पाते ही सुख्बोइर बादल में जोश भर गया। शिअद के प्रमुख बादल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ‘फतेह किट’ की खरीद में अनियमितता और कोविड-19 रोधी टीके की खुराकों को निजी अस्पतालों को देने सहित कई मुद्दों पर राज्य सरकार पर निशाना साधा था। ‘फतेह किट’ में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए एक पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, फेस मास्क, एक स्टीमर, सैनिटाइजर, विटामिन-सी तथा जिंक की गोलियां और कुछ अन्य दवाएं होती हैं।

  • पंजाब में अगले साल होने है विधानसभा चुनाव
  • चुनाव से पहले अकाली दल ने बीएसपी के साथ किया है गठबंधन
  • कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर भ्रष्टाचार का लागाया आरोप
  • अकाली दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अमरिंदर के सरकारी आवास के सामने किया प्रदर्शन

राजविरेन्द्र वशिष्ठ, चंडीगढ़ :

पंजाब में कथित कोरोना किट घोटाले के आरोप में मंगलवार को अकाली और बसपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। सिसवां स्थित मुख्यमंत्री आवास के बाहर शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने बैराकेट्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। उग्र प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें की। इस दौरान शिअद प्रधान, बसपा प्रधान जसबीर सिंह गढ़ी सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 

अकाली और बसपा कार्यकर्ता कैप्टन आवास से कुछ ही दूरी पर भारी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अकाली दल कोरोना फतेह किट घोटाले की जांच और कैप्टन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिंह को हटाने की मांग कर रहा है। विरोध प्रदर्शन इतना जबरदस्त था कि अकाली और बसपा कार्यकर्ता बैरिकेट्स तोड़ने पर आमदा हो गए, जिस पर पुलिस को पानी की बौछार करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने शिअद के प्रधान सुखबीर बादल, बसपा प्रधान जसबीर सिंह गढ़ी सहित अन्य नेताओं सहित कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। 

कैप्टन सरकार के खिलाफ पिछले साढ़े चार साल में ये सबसे बड़ा प्रदर्शन रहा। अकाली दल ने कैप्टन सरकार पर कोरोना की वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों को बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप भी लगाया है। कैप्टन सरकार के खिलाफ हमला बोलते हुए अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों को सरकारी वैक्सीन मोटी कीमत पर बेचने के बाद कैप्टन सरकार का फतेह किट का एक और नया घोटाला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एक सप्लायर को सरकार ने पहले एक फतेह किट के लिए 837 रुपये का रेट दिया था, बाद में उसी सप्लायर को 940 रुपये के हिसाब में आर्डर दिया गया। बाद में इसी फतेह किट को सरकार ने 1226 रुपये में खरीदा। यही नहीं उसके दस दिन के बाद उसी सप्लायर से 1326 रुपये में डेढ़ लाख किट का और आर्डर दे दिया गया।

गढ़ी ने कहा कि पंजाब सरकार ने वैक्सीन ऊंचे दामों में निजी अस्पतालों को बेच दी। जिसके कारण लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए भारी कीमत अदा करनी पड़ी। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू को इस्तीफा देना चाहिए। पंजाब में कैप्टन घोटालों की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। कोरोना फतेह किट और वैक्सीन को निजी अस्पतालों को बेचे जाने में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। पंजाब सरकार ने फैसला वापस लेकर यह बात साबित भी कर दी है।