सिंधिया के बाद जितिन क्या अब है देवड़ा और सचिन की बारी, बिछड़े सभी बारी बारी
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जितिन प्रसाद को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के बाद स्वागत किया है. जितिन प्रसाद को छोटा भाई समान बताते हुए सिंधिया ने कहा कि मैं उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए बधाई देता हूं. भोपाल पहुंचने पर राज्यसभा सांसद ने कहा, ”वह (जितिन प्रसाद) मेरे छोटे भाई समान हैं मैं पार्टी में उनका स्वागत करता हूं.”
- जितिन प्रसाद के बीजेपी की सदस्यता लेते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ खोला मोर्चा
- कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने जितिन प्रसाद पर सुविधा की राजनीति करने का आरोप लगाया है
- जितिन के करीबी बोले, …तो कांग्रेस एक दिन सिर्फ एक परिवार की पार्टी बनकर रह जाएगी
- 26 साल की उम्र में IYC के महासचिव बने थे जितिन, 30 साल की उम्र में जीते लोकसभा चुनाव
सारिका तिवारी, चंडीगढ़:
एक ओr जहां भाजपा बढ़ चढ़ आर जीतीं प्रसाद का स्वागत कर रही है वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने जितिन प्रसाद पर सुविधा की राजनीति करने का आरोप लगाया है। सुप्रिया ने कहा कि जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली थी तो जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद ने विरोध किया था और विरोध में चुनाव लड़ा था। इसके बाद भी उन्हें पद दिया गया। बाद में जितिन प्रसाद को भी पार्टी में मौका दिया गया। वह युवा कांग्रेस के महासचिव, सांसद और फिर कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य है कि जिस कांग्रेस ने उन्हें इतना कुछ दिया, वह पार्टी छोड़ गए। क्या यह सहूलियत की राजनीति नहीं है?’
उनके इस फैसले के बाद जहाँ तमाम कॉन्ग्रेस राजनेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है, वहीं मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस ईकाई ने उनकी तुलना कूड़े और भाजपा की तुलना कूड़ेदान से की है।
बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जितिन प्रसाद के कॉन्ग्रेस छोड़ने पर अपनी तिलिमिलाहट दिखाई। चूँकि जितिन प्रसाद को कॉन्ग्रेस का बड़ा ब्राह्मण चेहरा माना जाता है। ऐसे में उनके पार्टी छोड़ने पर लल्लू ने कहा था यूपी में प्रियंका गाँधी से बड़ा कोई ब्राह्मण चेहरा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि आज यानी 9 जून को उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे बड़े फेरबदल के रूप में देखा जा रहा है। दोपहर में भाजपा मुख्यालय में जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने का कार्यक्रम हुआ। शाहजहाँपुर में अच्छी पैठ रखने वाले जितिन प्रसाद फ़िलहाल दिल्ली में ही हैं।
इस अवसर पर जितिन प्रसाद ने कहा कि उनकी तीन पुश्तें कॉन्ग्रेस से जुड़ी रही हैं, इसीलिए उन्होंने काफी सोच-विचार के बाद ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 8-10 वर्षों में उन्हें महसूस हुआ है कि एक ही पार्टी ऐसी है, जो पूरी तरह राष्ट्रीय है और वो है भारतीय जनता पार्टी। जितिन प्रसाद ने कहा कि अन्य राजनीतिक दल क्षेत्रीय हैं, लेकिन भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है। उन्होंने कहा कि यही एक पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कठिन परिस्थिति में देशहित के लिए खड़े हैं।
धोखेबाज, गद्दार- ज्योतिरादित्य सिंधिया
जब कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दिया था तो कॉन्ग्रेसियों ने सिंधिया को गद्दार और धोखेबाज जैसे विशेषणों से पुकारना शुरू कर दिया था। कुछ समर्थकों ने सिंधिया के विकिपीडिया पेज को अपडेट कर उनके लिए ‘गधा’ और ‘सत्ता का भूखा सिंधिया’ जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया था।
सिंधिया पर बौखलाए थे ‘निष्पक्ष’ पत्रकार तक
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कॉन्ग्रेस छोड़ने से पत्रकारों के गिरोह विशेष की सुलग गई थी। सबा नकवी ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा था, “अरे, हम सब लोग इतना काम करते हैं। हम सभी इतनी मेहनत करते हैं। क्या है ये? हम दिन-रात काम करते हैं, ख़बरों को कवर करते हैं। कोई आ रहा है, कोई जा रहा है। ये सब क्या है? मजाक चल रहा है क्या?”