ब्लैक फंगस को न करें नजरअंदाज, लक्षण दिखने पर तुरंत लें उपचार : सिविल सर्जन डा. मनीष बंसल
सतीश बंसल सिरसा, 02 जून।
सिविल सर्जन डा. मनीष बंसल ने कहा कि आमजन ब्लैक फंगस के लक्षणों को नजरअंदाज न करें बल्कि लक्षण दिखने पर तुरंत अपनी जांच करवाएं और चिकित्सक के परामर्श अनुसार उपचार लें। म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक फंगल इंफेक्शन है, जो आमतौर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रसित लोगों की पर्यावरणीय रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता को कम कर देता है। यह नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। दूसरे चरण में यह आंख को प्रभावित करता है और तीसरे चरण में यह दिमाग पर हमला करता है। इलाज के लिए चार से छह सप्ताह तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं और गंभीर मामलों में तीन महीने तक इलाज चलता है।
उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस वातावरण में मौजूद है, खासकर मिट्टी में इसकी मौजूदगी ज्यादा होती है। स्वस्थ और मजबूत इम्यूनिटी वाले लोगों पर यह अटैक नहीं कर पाता है, लेकिन गंभीर बीमारी, डायबिटीज के मरीज, कैंसर के उपचाराधीन मरीज और ट्रांसप्लांट करवाने वाले व्यक्तियों को ब्लैक फंगस से संक्रमित होने का खतरा रहता है। स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से इम्यूनिटी कमजोर होने या अधिक समय तक आईसीयू में रहने वाले मरीज भी फंगल इंफेक्शन के लिए संवेदनशील होते हैं। ब्लैक फंगस अर्थात म्यूकोरमाइकोसिस सेे ग्रस्त लोगों के आंख या नाक के पास लाल निशान देख सकते हैं या दर्द हो सकता है। इसके अलावा बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, खून की उल्टी और मानसिक संतुलन में बदलाव जैसे लक्षण हो सकते हैं।
ब्लैक फंगस के संक्रमण के संकेत :
सिविल सर्जन डा. मनीष बंसल ने बताया कि सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द होना, चेहरे के एक हिस्से में दर्द महसूस होना या सूजन आना, चेहरा सुन्न पड़ना, चेहरे का रंग बदलना, पलकों पर सूजन तथा दांत हिलना, अगर किसी व्यक्ति को ये लक्षण दिखे तो उसे तुरंत चिकित्सक से ब्लैक फंगस की जांच करवानी चाहिए और परामर्श अनुसार अपना उपचार लेना चाहिए। अगर ब्लैक फंगस ने आपके फेफड़े पर आक्रमण कर दिया है तो आपको बुखार, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, खांसी में खून आना, सीने में दर्द व धुंधला दिखाई पड़ना शुरू हो जाता है।