आदि शंकराचार्य जयंती

आदि गुरु शंकराचार्य का जन्म कब हुआ था? इस संबंध में भ्रम फैला हुआ है। इतिहासकार मानते हैं कि उनका जन्म 7वीं सदी के उत्तरार्ध में हुआ था। आओ जानते हैं कि आखिर सचाई क्या है? आदि शंकराचार्य का जन्म- महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने अपनी पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश में लिखा है कि आदि शंकराचार्यजी का काल लगभग 2200 वर्ष पूर्व का है। दयानंद सरस्वती जी 139 साल पहले हुए थे। आज के इतिहासकार कहते हैं कि आदि शंकराचार्य का जन्म 788 ईस्वी में हुआ और उनकी मृत्यु 820 ईस्वी में। मतलब वह 32 साल जीए। अब हम असली बात समझते हैं।

धर्म/संस्कृति डेस्क

इस वक्त 2021 ईसाई वर्ष चल रहा है। विक्रम संवत इससे 57 वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ था। वर्तमान में विक्रम संवत 2076 चल रहा है। इस वक्त कलि संवत 5120 चल रहा है। युधिष्ठिर संवत कलि संवत से 38 वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ था। मतलब इस वक्त युधिष्ठिर संवत 5158 चल रहा है।

आदि शंकराचार्य जयन्ती के पावन अवस्रप पर शंकराचार्य मठों में पूजन हवन का आयोजन किया जाता है। देश भर में आदि शंकराचार्य जी को पूजा जाता है। अनेक प्रवचनों एवं सतसंगों का आयोजन भी होता है। सनातन धर्म के महत्व पर की उपदेश दिए जाते हैं और चर्चा एवं गोष्ठी भी कि जाती है। मान्यता है कि इस पवित्र समय अद्वैत सिद्धांत का पाठ करने से व्यक्ति को परेशानियों से मुक्ति प्राप्त होती है। इस दिन धर्म यात्राएं एवं शोभा यात्रा भी निकाली जाती है। आदि शंकराचार्य जी ने अद्वैत वाद के सिंद्धांत को प्रतिपादित किया जिस कारण  आदि शंकराचार्य जी को हिंदु धर्म के महान प्रतिनिधि के तौर पर जाना जाता है, आदि शंकराचार्य, जी को जगद्गुरु  एवं शंकर भगवद्पादाचार्य के नाम से भी जाना जाता है।

आदि शंकराचार्य ने चार मठों की स्थापना की थी। उत्तर दिशा में उन्होंने बद्रिकाश्रम में ज्योर्तिमठ की स्थापना की थी। यह स्थापना उन्होंने 2641 से 2645 युधिष्ठिर संवत के बीच की थी। इसके बाद पश्‍चिम दिशा में द्वारिका में शारदामठ की स्थापना की थी। इसकी स्थापना 2648 युधिष्‍ठिर संवत में की थी। इसके बाद उन्होंने दक्षिण में श्रंगेरी मठ की स्थापना भी 2648 युधिष्‍ठिर संवत में की थी। इसके बाद उन्होंने पूर्व दिशा में जगन्नाथ पुरी में 2655 युधिष्‍ठिर संवत में गोवर्धन मठ की स्थापना की थी। आप इन मठों में जाएंगे तो वहां इनकी स्थापना के बारे में लिखा जान लेंगे।

असाधारण प्रतिभा के धनी आद्य जगदगुरू शंकराचार्य का जन्म वैशाख शुक्ल पंचमी के पावन दिन हुआ था। दक्षिण के कालाड़ी ग्राम में जन्में शंकर जी आगे चलकर ‘जगद्गुरु आदि शंकराचार्य’ के नाम से विख्यात हुए। इनके पिता शिवगुरु नामपुद्रि के यहाँ जब विवाह के कई वर्षों बाद भी कोई संतान नहीं हुई, तो इन्होंने अपनी पत्नी विशिष्टादेवी सहित संतान प्राप्ति की इच्छा को पूर्ण करने के लिए से दीर्घकाल तक भगवान शंकर की आराधना की इनकी श्रद्धा पूर्ण कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा। शिवगुरु ने प्रभु शंकर से एक दीर्घायु सर्वज्ञ पुत्र की इच्छा व्यक्त की। तब भगवान शिव ने कहा कि ‘वत्स, दीर्घायु पुत्र सर्वज्ञ नहीं होगा और सर्वज्ञ पुत्र दीर्घायु नहीं होगा अत: यह दोनों बातें संभव नहीं हैं तब शिवगुरु ने सर्वज्ञ पुत्र की प्राप्ति की प्रार्थना की और भगवान शंकर ने उन्हें सर्वज्ञ पुत्र की प्राप्ति का वरदान दिया तथा कहा कि मैं स्वयं पुत्र रूप में तुम्हारे यहाँ जन्म लूंगा। इस प्रकार उस ब्राह्मण दंपती को संतान रूप में पुत्र रत्न की प्राप्त हुई और जब बालक का जन्म हुआ तो उसका नाम शंकर रखा गया शंकराचार्य ने शैशव में ही संकेत दे दिया कि वे सामान्य बालक नहीं है. सात वर्ष की अवस्था में उन्होंने वेदों का पूर्ण अध्ययन कर लिया था, बारहवें वर्ष में सर्वशास्त्र पारंगत हो गए और सोलहवें वर्ष में ब्रह्मसूत्र- भाष्य कि रचना की उन्होंने शताधिक ग्रंथों की रचना शिष्यों को पढ़ाते हुए कर दी अपने इन्हीं महान कार्यों के कारण वह आदि गुरू शंकराचार्य के नाम से प्रसिद्ध हुए।

मठों में आदि शंकराचार्य से अब तक के जितने भी गुरु और उनके शिष्य हुए हैं उनकी गुरु-शिष्य परंपरा का इतिहास संवरक्षित है। जो भी गुरु या गुरु का शिष्य समाधि लेता था उनकी तिथि वहां के इतिहास में दर्ज होती थी। फिर जो गुरु शंकराचार्य की पदवी ग्रहण करता और समाधि लेता था उसकी भी तिथि आदि दर्ज होती रही है। उक्त तिथियों को श्लोकों में लिखे जाने की परंपरा रही है। जिसे गुरु-शिष्य की परंपरा के अनुसार कंठस्थ किए जाने का प्रचलन रहा है। शंकराचार्य ने पश्‍चिम दिशा में 2648 में जो शारदामठ बनाया गया था उसके इतिहास की किताबों में एक श्लोक लिखा है।

युधिष्ठिरशके 2631 वैशाखशुक्लापंचमी श्री मच्छशंकरावतार:। तदुन 2663 कार्तिकशुक्लपूर्णिमायां….श्रीमच्छंशंकराभगवत्। पूज्यपाद….निजदेहेनैव……निजधाम प्रविशन्निति।

अर्थात 2631 युधिष्‍ठिर संवत में आदि शंकराचार्य का जन्म हुआ था। मतलब आज 5158 युधिष्ठिर संवत चल रहा है। अब यदि 2631 में से 5158 घटाकर उनकी जन्म तिथि निकालते हैं तो 2527 वर्ष पूर्व उनका जन्म हुआ था। इसको यदि हम अंग्रेजी या ईसाई संवत से निकालते हैं तो 2527 में से हम 2019 घटा दे तो आदि शंकराचार्य का जन्म 508 ईसा पूर्व हुआ था। इसी तरह मृत्यु का सन् निकालें तो 474 ईसा पूर्व उनकी मृत्यु हुई थी।

आदि शंकराचार्य जयन्ती के दिन शंकराचार्य मठों में पूजन हवन किया जाता है और पूरे देश में सनातन धर्म के महत्व पर विशेष कार्यक्रम किए जाते हैं। मान्यता है कि आदि शंकराचार्य जंयती के अवसर पर अद्वैत सिद्धांत का किया जाता है। इस अवसर पर देश भर में शोभायात्राएं निकली जाती हैं तथा जयन्ती महोत्सव होता है जिसमें बडी संख्या में श्रद्वालु भाग लेते हैं तथा यात्रा करते समय रास्ते भर गुरु वन्दना और भजन-कीर्तनों का दौर रहता है। इस अवसर पर अनेक समारोह आयोजित किए जाते हैं जिसमें वैदिक विद्वानों द्वारा वेदों का सस्वर गान प्रस्तुत किया जाता है और समारोह में शंकराचार्य विरचित गुरु अष्टक का पाठ भी किया जाता है।

आदि शंकराचार्य के समय जैन राजा सुधनवा थे। उनके शासन काल में उन्होंने वैदिक धर्म का प्रचार किया। उन्होंने उस काल में जैन आचार्यों को शास्त्रार्थ के लिए आमंत्रित किया। राजा सुधनवा ने बाद में वैदिक धर्म अपना लिया था। राजा सुधनवा का ताम्रपत्र आज उपलब्ध है। यह ताम्रपत्र आदि शंकराचार्य की मृत्यु के एक महीने पहले लिख गया था। शंकराचार्य के सहपाठी चित्तसुखाचार्या थे। उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है बृहतशंकर विजय। हालांकि वह पुस्तक आज उसके मूल रूप में उपलब्ध नहीं हैं लेकिन उसके दो श्लोक है। उस श्लोक में आदि शंकराचार्य के जन्म का उल्लेख मिलता है जिसमें उन्होंने 2631 युधिष्ठिर संवत में आदि शंकराचार्य के जन्म की बात कही है। गुरुरत्न मालिका में उनके देह त्याग का उल्लेख मिलता है।

भ्रम क्यों उत्पनन्न हुआ- दरअसल, 788 ईस्वी में एक अभिनव शंकर हुए जिनकी वेशभूषा और उनका जीवन भी लगभग शंकराचार्य की तरह ही था। वे भी मठ के ही आचार्य थे। उन्होंने चिदंबरमवासी श्रीविश्वजी के घर जन्म लिया था। उनको इतिहाकारों ने आदि शंकराचार्य समझ लिया। ये अभिनव शंकराचार्यजी कैलाश में एक गुफा में चले गए थे। ये शंकराचार्य 45 वर्ष तक जीए थे। लेकिन आदि शंकराचार्य का जन्म केरल के मालाबार क्षेत्र के कालड़ी नामक स्थान पर नम्बूद्री ब्राह्मण शिवगुरु एवं आर्याम्बा के यहां हुआ था और वे 32 वर्ष तक ही जीए थे।

शंकराचार्य ने ही दसनामी सम्प्रदाय की स्थापना की थी। यह दस संप्रदाय निम्न हैं:- 1.गिरि, 2.पर्वत और 3.सागर। इनके ऋषि हैं भ्रगु। 4.पुरी, 5.भारती और 6.सरस्वती। इनके ऋषि हैं शांडिल्य। 7.वन और 8.अरण्य के ऋषि हैं काश्यप। 9.तीर्थ और 10. आश्रम के ऋषि अवगत हैं।

‘ऑक्सिजन ऑडिट’ से घबराई आआपा सरकार के पास अचानक ही ऑक्सिजन बहुतायत में

ऑक्सिजन पर हर तरह का मोर्चा खोल अपनी बद्द पिटवा चुकी अरविंद केजरीवाल की आआपा सरकार की असलियत तब सामने जब इनके यहाँ हजारो ऑक्सिजन सिलेन्डर कालाबाजारी के लिए रखे हुए मिले। सिलेंडरों की चोरी पर चुप्पी साधने वाले उप मुख्यमंत्री सीसोदिया कोर्ट जा कर केंद्र सरकार पर बिफरते रहे। बहुत आसानी स ऑक्सिजन चोरी की बात छिपा कर ऑक्सिजन की कमी के लिए केंद्र सरकार को घेरते रहे। जब केंद्र सरकार ने ऑक्सिजन के ऑडिट की बात की तो आआपा सरकार ने कोर्ट में साफ मना कर दिया। जब सर्वोच्च न्यायालय ने ऑक्सिजन ऑडिट के आदेश दिये तो दिल्ली में मानो चमत्कार हो गया। अचानक ही दिल्ली में कोरपोना मरीजों की संख्या में सुधार आ गया। केजरीवाल की आआपा सरकार ने सामने आ कर केंद्र सरकार पर एहसान जताते हुए कहा कि अब दिल्ली मे ऑक्सिजन कि कमी नहीं रही अत: केंद्र सरकार दिल्ली के हिस्से कि ऑक्सिजन किसी भी राज्य को आवंटित कर सकता है। केंद्र द्वारा ऑडिट कराने के प्रस्ताव के तुरंत बाद, दिल्ली की ऑक्सीजन की माँग जादुई रूप से 976 मीट्रिक टन से घटकर 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पर आ गई थी, जो अब सुप्रीम कोर्ट के ऑडिट के निर्देश देने के बाद 582 मीट्रिक टन प्रति दिन हो गई है।

‘ऑक्सिजन ऑडिट से डर गई दिल्ली सरकार’

दिल्ली में सिसोदिया के ‘सरप्लस’ ऑक्सिजन के बयान पर बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी ने इस पर अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘ऑक्सिजन ऑडिट की बात आई तो अब बोल रहे हैं कि ऑक्सिजन पर्याप्त मात्रा में है। केंद्र सरकार लगातार दिल्ली को ऑक्सिजन की सप्लाई देती रही, और AAP रोज अपनी नाकामी छुपाने के लिए झूठ बोलते रहे। आआपा का झूठ अब जनता के सामने आ चुका है।’

सारिका तिवारी, नयी दिल्ली/चंडीगढ़ :

दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी पर आआपा सरकार की क्षुद्र राजनीति आपने देखी होगी। अब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आआपा सरकार ने सरप्लस ऑक्सीजन होने की बात कही है। गुरुवार (13 मई 2021) को उसने सरप्लस (अतिरिक्त) ऑक्सीजन का ऐलान करते हुए कहा कि जरूरतमंद राज्यों को यह दिया जा सकता है।

दिलचस्प बात यह है कि यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की आपूर्ति, वितरण और उपयोग का ऑडिट करने के लिए एक पैनल की स्थापना के बाद की गई है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि COVID-19 स्थिति के आकलन के बाद फिलहाल दिल्ली की ऑक्सीजन की जरूरत 582 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। एक जिम्मेदार सरकार के रूप में हम अपनी सरप्लस ऑक्सीजन उन राज्यों को देने को तैयार हैं, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में आ रही कमी बहुत ही राहत की बात है। अस्पतालों में मरीजों की मौजूदा संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन की जरूरत भी कम हुई है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने केन्द्र को चिट्ठी लिखकर कहा है कि ऑक्सीजन की माँग में अब कमी आई है, इसलिए दिल्ली को अब 700 की जगह 582 मीट्रिक टन की आवश्यकता है। हमने केंद्र सरकार से बाकी ऑक्सीजन जरूरतमंद राज्य को देने के लिए अनुरोध किया है।

बता दें कि 18 अप्रैल 2021 को केजरीवाल सरकार ने 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की माँग की थी।

उस दिन, दिल्ली में 74,941 सक्रिय कोरोना वायरस के मामले थे। गुरुवार (मई 13, 2021) को जब केजरीवाल सरकार ने कहा है कि ऑक्सीजन की आवश्यकता घट कर 582 मीट्रिक टन हो गई है, दिल्ली में सक्रिय मामले 82,725 हैं।

दिल्ली में ऑक्सीजन की आवश्यकता पर बदलती माँग

दिलचस्प बात यह है कि आआपा सरकार राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की आवश्यकता पर अपने ही रुख का विरोध कर रही है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आआपा सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में संकट से बाहर निकलने के लिए दिल्ली को कम से कम 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की दैनिक आपूर्ति की आवश्यकता है। आवश्यक 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रदान नहीं करने के लिए केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही थी। लेकिन कोर्ट के आदेशों के बाद 730 एमटी ऑक्सीजन की आपूर्ति होने के बाद सीएम ने कहना शुरू कर दिया कि उनके पास हजारों नए ऑक्सीजन बेड शुरू करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है।

और अब जब शीर्ष अदालत ने आआपा सरकार की कड़ी आपत्ति के बावजूद, दिल्ली में ऑक्सीजन ऑडिट करने के लिए एक पैनल नियुक्त किया है, केजरीवाल सरकार ने प्रति दिन 582 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए सीधे समझौता किया है।

यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत में जोर देकर कहा था कि दिल्ली की 700 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की माँग आवश्यकता से परे थी। उन्होंने कहा कि 500-600 में भी काम हो सकता था। उन्होंने अदालत में जोर देकर कहा था कि दिल्ली में ऑक्सीजन के वितरण में किसी भी तरह के गड़बड़ी की जाँच करने के लिए एक ऑडिट होना चाहिए।

केजरीवाल सरकार द्वारा इसका कड़ा विरोध किया गया था, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली को ऑक्सीजन के आवंटन में ग्राउंड की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं किया गया था और यह केवल कागजी कार्रवाई थी, और यदि ऑडिट की आवश्यकता है, तो यह केंद्र सरकार के मनमाने आवंटन पर होना चाहिए।

केंद्र द्वारा ऑडिट कराने के प्रस्ताव के तुरंत बाद, दिल्ली की ऑक्सीजन की माँग जादुई रूप से 976 मीट्रिक टन से घटकर 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पर आ गई थी, जो अब सुप्रीम कोर्ट के ऑडिट के निर्देश देने के बाद 582 मीट्रिक टन प्रति दिन हो गई है।

मेडिकल ऑक्सीजन के इस शोरगुल के बीच, राष्ट्रीय राजधानी में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ, जिसमें आआपा सरकार के कई मंत्री और सहयोगी मेडिकल ऑक्सीजन और आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति के ब्लैक मार्केटिंग में शामिल पाए गए।

Panchang

पंचांग 16 मई 2021

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः वैशाख, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः चतुर्थी प्रातः 10.02 तक है, 

वारः रविवार, 

नक्षत्रः आद्र्रा प्रातः 11.14 तक हैं, 

योगः शूल रात्रि 02.51 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः वृष, 

चंद्र राशिः मिथुन, 

राहु कालः सायंः 4.30 से सायं 6.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.34, 

सूर्यास्तः 07.02 बजे।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।

मुस्लिम त्ष्टिकरण की राह पर कैप्टन अमरिंदर सिंह

अमेठी से चुनाव हारने के डर से राहुल ने दूसरा नामांकन वायनाड, मुस्लिम बहुल वायनाड से भरा। अपनी पुश्तैनी सीट ‘अमेठी’ हार गए पर मुसलिम बहुल वायनाड में जनेयू धारी दत्तात्रेय गोत्र के रहल गांधी जीत गए। अब बारी बंगाल चुनाव की थी, एक ओर वामपंथियों का सहयोग तो दूसरी ओर फुरफुरा शरीफ के मौलाना अब्बास सददिकी की इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ हाथ मला लिया। मुसलिम तुष्टीकरण का ऐसा बुखार किसी को नहीं चढ़ा जैसा की कॉंग्रेस पार्टी को। बंगाल में सददिकी तो साथ लगते असम mein बद्द्र्द्दिन अजमल की AIDUF जैसी खालिस इस्लामिक पार्टी से हाथ मिलाया। नतीजा बंगाल में शून्य तो असम में हार का सामना करना पड़ा। अब बात पंजाब की। पूर्वोत्तर राज्यों में मिली शर्मनाक हार से घबराई कॉंग्रेस अब फिर से मुसलिम तुष्टिकरण की ओर बढ़ रही है। ताज़ातरीन ऊदाहरण पंजाब के मुस्लिम बहल इलाके मलेरकोटला का है। पूछने वाले तो कैप्टन की पाकिस्तानी पत्रकार दोस्त ‘अरूसा आलम’ का हाथ होने की भी बात पूछ रहे हैं।

ईद के मौके पर सीएम अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मलेरकोटला को प्रदेश के 23वें जिले के रूप में घोषित किया है। उन्होंने नए जिले के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से कॉलेज, बस स्टैंड और महिला पुलिस थाना की परियोजना का भी ऐलान किया है। ईद-उल-फितर के मौके पर लोगों को बधाई देने के लिए राज्य स्तर पर ऑनलाइन तरीके से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने मलेरकोटला के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज, एक महिला कॉलेज, एक नया बस स्टैंड और एक महिला पुलिस थाना बनाने की भी घोषणा की। नए जिले की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि यह लंबे समय से लंबित मांग रही है।’ सिंह ने कहा कि मलेरकोटला शहर, अमरगढ़ और अहमदगढ़ भी इस नए जिले की सीमा में आएंगे।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ :

मुस्लिम बहुल मलेरकोटला पंजाब का 23वाँ जिला बन गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईद के मौके पर इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अरसे से लंबित इस माँग को पूरा कर दिया गया है। ईद-उल-फितर के मौके पर लोगों को बधाई देने के लिए राज्य स्तर पर ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने मलेरकोटला में 500 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज, एक महिला कॉलेज, एक नया बस स्टैंड और एक महिला पुलिस थाना बनाने की भी घोषणा की।

मुस्लिम बहुल कस्बा मलेरकोटला अब तक संगरूर जिले का हिस्सा था। यह संगरूर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नए जिले की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जानता हूँ कि यह लंबे समय से लंबित माँग रही है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के वक्त पंजाब में 13 जिले थे। सिंह ने कहा कि मलेरकोटला शहर, अमरगढ़ और अहमदगढ़ नए जिले की सीमा में आएँगे।

बाद में एक ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा, “यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि ईद-उल-फितर के पाक मौके पर मेरी सरकार ने घोषणा की है कि मलेरकोटला राज्य का नवीनतम जिला होगा। 23वें जिले का विशाल ऐतिहासिक महत्व है। जिला प्रशासनिक परिसर के लिए उचित स्थान का तत्काल पता लगान का आदेश दिया है। मलेरकोटला को जिला का दर्जा देना कॉन्ग्रेस का चुनाव से पहले किया गया एक वादा था।

बता दें कि 1966 में जब पंजाब का विभाजन हुआ था तब 13 जिले हुआ करते थे, जो अब बढ़ कर 23 हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए वक्फ बोर्ड ने 25 एकड़ जमीन दी है। मलेरकोटला में लड़कियों के कॉलेज के लिए 12 करोड़ और बस स्टैंड के लिए 10 रुपए आवंटित करने की घोषणा भी सीएम ने की।

वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि उनकी ईद के मौके पर मलेरकोटला में आने की बहुत इच्छा थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण वह आ नहीं सके। उन्होंने कहा कि मलेरकोटला पटियाला रियासत का हिस्सा रहा है और उनके बुज़ुर्गों के मालेरकोटला के नवाब के साथ बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। 

उन्होंने मालेरकोटला के विकास के 6 करोड़ रुपए का अनुदान देने की भी घोषणा की। कहा कि बहुत जल्द मालेरकोटला में जिला उपायुक्त की तैनाती कर दी जाएगी। कार्यक्रम को पंजाब कॉन्ग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़, कैबिनेट मंत्री बेगम रजिया सुलताना ने भी संबोधित किया।

प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री सहायता कोषों में व्यापारिक संस्थाओं के दान भेंट सबसे अधिक मिले हुए हैं

करणीदानसिंह राजपूत, सूरतगढ़:

सरकार के पास व्यापारियों दुकानदारों का चालान करने दुकानें सीज करने के लिए कर्मचारियों की अधिकारियों की फौज है लेकिन कॉविड वैक्सीनेशन सेंटरों पर भीड़ व्यवस्था के लिए दो तीन कर्मचारी नहीं है।

प्रशासन के पास डंडा है लेकिन दिमाग नहीं है।दिमाग होता तो वैक्सीनेशन सेंटरों पर भीड़ को सही तरीके से बिठाने और क्रम आने पर वैक्सीनेशन कमरे में प्रवेश का उचित प्रबंध होता। 

वैक्सीनेशन सेंटरों पर घंटों तक पंक्ति/ पंक्तियों में जिस तरह से एक दूसरे से स्पर्श करते सटे हुए  खड़े होते हैं जिससे तो संक्रमण का खतरा ही है। 

सरकार लोकडाउन लगाकर मास्क और 2 गज की दूरी रखने की गाईडलाइन बना कर निश्चिंत है कि इससे कोरोना की कड़ी तोड़ने में सफलता मिलेगी। लेकिन वैक्सीनेशन सेंटरों पर जो अव्यवस्था है उसे देख कर तो लगता है कि

 कोरोना की कड़ी तोड़ने में कमजोरी रहेगी।

अब 18 से ऊपर तक को टीकाकरण की घोषणा हो गई है तो वैक्सीनेशन सेंटरों पर भीड़ का आना सही है। आने वाली भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए प्रबंध नहीं है और इस पर विचार भी नहीं किया गया।

सरकार के पास दुकानदारों व्यापारियों का चालान करने जुर्माना वसूल करने,दुकानों को सीज करने आदि के लिए कर्मचारियों की फौज है,लेकिन वैक्सीनेशन सेंटरों पर भीड़ को उचित रूप से बिठाने और क्रम आने पर वैक्सीनेशन कमरे में प्रवेश कराने के लिए आवश्यक दो तीन या पांच कर्मचारी नहीं है। 

सरकार के विभागों के कार्यालयों की संख्या हर स्थान पर कमसे कम पांच और अधिक में बीस पचास तक में बीस से एक सौ तक कर्मचारी हैं लेकिन उनमें से वैक्सीनेशन सेंटरों पर भीड़ को सही बैठाने के लिए दो तीन या पांच कर्मचारी नहीं है। 

सही रूप में कहा जाए तो कर्मचारी तो हैं लेकिन सरकार के पास दिमाग नहीं है। दिमाग होता तो यह व्यवस्था की जाती। दिमाग होता तो नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकाय को ही निर्देशित कर दिया जाता कि वैक्सीनेशन सेंटरों पर भीड़ को व्यवस्थित करने बैठाने की रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था के लिए कर्मचारी लगाएं। 

जिला, उपखंड, तहसील, ग्राम पंचायत स्तर पर जहां वैक्सीनेशन सेंटर हैं वहां के अधिकारी ही आपदा काल की ड्यूटी लगा दें।

बैंकों में टोकन व्यवस्था चलती है उसी प्रकार की व्यवस्था वैक्सीनेशन सेंटरों पर हो। व्यक्ति के आने पर उसे क्रमांक लिखा कागजी टोकन दे दिया जाए और नाम आईडी लिख लिए जाएं। व्यक्ति को पंक्ति में खड़ा नहीं किया जाए। बैठने की दूरी के हिसाब से व्यवस्था की जाए। वैक्सीनेशन कमरे में क्रम के अनुसार प्रवेश कराया जाए। इससे सटकर खड़े नहीं होना पड़ेगा। संक्रमण के खतरे से तो बचाव होगा। 

सरकार ने सेंटरों पर वैक्सीनेटर एक एक लगा रखे हैं। इनकी संख्या भी बढाई जानी चाहिए। 

प्रशासन ने वैक्सीनेशन सेंटरों पर व्यवस्था करने कराने में समाजसेवी संस्थाओं से सहयोग नहीं मांगा। अनेक समाजसेवी संगठन और क्लब आपदा काल में धनराशि और उपकरण उपलब्ध कराते रहे हैं और कोरोना आपदा में भी संस्थाएं भरपूर सहयोग कर रही हैं। प्रशासन को इन संस्थाओं से सहयोग मांगना चाहिए। संस्थाएं तो इशारा करते ही कार्य करने को तत्पर हैं।

* सरकार को कोरोना चेन तोड़ने के लिए वह हर कार्य रोकना चाहिए जिसमें व्यक्ति सट कर खडे़ होते हैं। चाहे राजकीय हों चाहे निजी हों। भेंट पुरस्कार सम्मान में भी सट कर खडे़ होने पर रोक होनी चाहिए और सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों को सख्त पाबंद किया जाना चाहिए।

* इस लेख के माध्यम से एक बात रख रहा हूं कि दुकानों आदि का समय सप्ताह में 5 दिन सुबह 6 बजे से 11 बजे तक है। दुकानदार सामान समेटता है और पांच दस मिनट ऊपर हो जाते हैं तो चालान और सीज करने में देरी नहीं। समय के बाद पन्द्रह मिनट तक चालान होना ही नहीं चाहिए।अधिक समय आधा घंटा हो जाए तब चालान हो सकता है। व्यापारियों दुकानदारों पर डंडे से शासन नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री सहायता कोष में इनकी संस्थाओं के ही दान भेंट सबसे अधिक मिले हुए हैं। इनको हर समय घुड़काएं नहीं। आपदाओं में ये भी अग्रिम पंक्ति के राष्ट्र रक्षक हैं।

लालगढ़ जाटान में ’’कोई भूखा न सोए‘‘ के संकल्प से इंदिरा रसोई द्वारा गरीबों को निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा भोजन

श्रीगंगानगर, 15 मई 2021.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील पर ’’कोई भूखा नही सोए‘‘ के संकल्प को साकार करने के लिए सादुलशहर विधायक जगदीशचंद्र जांगिड़ के व्यक्तिगत सहयोग से लालगढ़ जाटान नगरपालिका भवन में संचालित इंदिरा रसोई में लाॅकडाउन अवधि तक गरीब व जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाने की सुविधा शुरू की गई है।
शनिवार को निःशुल्क भोजन वितरण का शुभारंभ विधायक प्रतिनिधि संजय जांगिड़ ने गरीबों को भोजन के पैकेट देकर किया। इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री संजय जांगिड़ ने कहा कि कोरोना महामारी में लाॅकडाउन के कारण रोजाना मजदूरी कर 2 वक्त का खाना-खाने वाले मजदूर, गरीब लोगों के सामने विकट स्थिति पैदा हो गई है जिससे उनका काम धंधा ठप हो गया और वह अपने परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ हो गए, ऐसे में गरीब, मजदूरों व असहाय लोगों तक निःशुल्क भोजन पहुंचाने के लिए यह योजना शुरू की गई है ताकि लाॅकडाउन में कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा नही सोए।
नगरपालिका ईओ विश्वास गोदारा ने कहा कि इंदिरा रसोई योजना में प्रति व्यक्ति पर 12 रुपए का अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है और 8 रुपए भामशाह व दानदाताओं द्वारा गरीबों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाने के लिए दिए जा रहे है, जिससे गरीबों तक भोजन पहुंचाया जा रहा है। ईओ ने ग्रामीणों, भामाशाहों व दानवीरों से अपील की है कि वह इस मुश्किल समय में ज्यादा से सहयोग करें, जिससे कि से हर गरीब व्यक्ति तक निःशुल्क खाना पहुंच सके और कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा नहीं सोए, इसके साथ ही अब इंदिरा रसोई से असहाय, मजदूर वर्ग, विकलांग व जरूरतमंद व्यक्ति जो इंदिरा रसोई तक नहीं पहुंच सकते उनके लिए भोजन घर पर पहुंचाने की विशेष सुविधा की गई है। इसके लिए हेल्पलाइन नम्बर 87643-20070, 94602-64393, 70149-21345 जारी किए गये हैं, जिस पर सम्पर्क करके खाना घर पर मंगवाया जा सकता है।
इस मौके पर एसड़ीएम हवाई सिंह यादव, तहसीलदार हरीश टाँक, उपतहसीलदार तनवीर सिंह संधू, पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि एडवोकेट भगवानाराम मेघवाल, थाना प्रभारी श्री तेजवंत सिंह बराड़, पालिका उपाध्यक्ष महेंद्र शेखावत, ब्लाॅक अध्यक्ष महावीर प्रसाद झींझा, सुखविंदर लालगढिया, पार्षद सुभाष सैन, विनोद खुड़िया, रमेश गोयल व अनेक लोग मौजूद थे।

पुलिस फाइलें, पंचकूला – 15 मई

पुलिस कमीश्नरेट पचंकूला – 15 मई 2021:

पंचकूला पुलिस नें लडाई-झगडा करनें वालें तीन आरोपियो को किया गिरफ्तार

                                पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस थाना पिन्जौर की टीम नें लडाई –झगडा करनें वालें तीन आरोपियो को गिरफ्तार किया । गिरफ्तार किये गये आऱोपियो की पहचान  विनोद उर्फ चढडा , राजेश पुत्र महिन्द्र सिह तथा गुरप्रीत सिह पुत्र भाग सिह वासीयान नारायणुवाला पिन्जौर के रुप में हुई ।

जानकारी के मुताबिक दिनांक 27.04.2021 को पुलिस थाना पिन्जौर मे शिकायत प्राप्त हुई बलदेव शर्मा पुत्र शीश राम शिकायत दर्ज करवाई कि वह गाव मंगनीवाला का रहने वाला है  आज दिनाक 27.04.2021 को शाम के समय सी.आर.पी.एफ के सामने स्पोर्टस जिम मे आता है जो आज दिनाक 27.4.2021 को जब वह जीम करके अपने घर मगनीवाला वापिस जा रहा था जैसे ही वह चिकन पहुंचा तब वहा पर एक स्कारपियों गाडी नम्बर हिमाचल से तीन आदमी जिनका नाम विनोद उर्फ चड्डा व उसका भाई राजेश और साथ मे गुरप्रीत उर्फ बिल्ला भी था ये लोग अपने हाथ मे लाठी डन्डे वा लोहे की राड लिए हुये थे जिन्होने शिकायतकर्ता को रोक कर पहले तो वहुत गंदी-गंदी गलीया दी उसके बाद तीनो ने मिलकर मुझे राड व लाठी डन्डो से मारा इसमे मेरी जान भी जा सकती थी मेरे शरीर पर लाठी डन्डो से काफी चोटे आई है ईन्होने मुझे जान से मारने की धमकी दी ये लोग शराब का नाजायज दंधा करते है और मैने इनको बहुत बार बोला की ये शराब आप बेचते है उनसे लोगो पर काफी दुष्प्रभाव पडता है इस बारे मै मैने इनको काफी बार बोला तो इन्होने बालो की तुझे हम जान से मार देगे और मुझे ये आते जाते रास्ते मे तंग करते है जिस बारे पुलिस थाना पिंजौर में शिकायत पर 341, 323, 506, 34 के तहत मामला दर्ज करके कार्यवाही की गई जो मामलें में लडाई झगडा करनें वालें उपरोक्त आरोपीयो को कल दिनाक 14 मई को गिरफ्तार किया गया ।

पुलिस कमीश्नरेट पचंकूला – 15 मई 2021:

डी.सी. व डी.सी.पी. एंव सिविल सर्जन पंचकूला ने  कोविड कम्युनिटी होम फार आईसोलेशन सेंटर बनानें के लिए किया दौरा ।                     

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा और पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा ने आज सरकार द्वारा घोषित लाकडाउन के दौरान कानून व्यवस्था का जायजा लिया । पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा ने बताया कि जिले में कानून व्यवस्था को लेकर स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस सर्तकता से अपना कत्र्तव्य निभा रही है । इस दौरान बिना किसी कारण इधर उधर घूमने और लाकडाउन व कोविड-19 के नियमों का पालन न करने वाले लोगों का चालान कर रहे है । इस दौरान पुलिस कर्मचारी आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई और आक्सीजन सप्लाई वाले वाहनों की जांच कर जाने देती है ।  

          उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा और पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा (IPS एवं सिविल सर्जन जगजीत कौर ने धापली गांव के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल और मल्लाह गांव में राजकीय प्राइमरी स्कूल का भी दौरा किया । उन्होंने इस दोनों जगहों को कोविड कम्युनिटी होम फार आईसोलेशन सेंटर बनाने को लेकर दौरा किया । उन्होंने बताया कि जल्द ही इन दोनों जगहों पर 50 बैडो का आक्सीजन सहित कोविड केयर सेंटर बनाया जायेगा ताकि आस पास के गांव के रोगियों को बिना समय गवायें इलाज मिल सके और लोगों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाया जा सके ।

पुलिस कमीश्नरेट पचंकूला – 15 मई 2021:

पंचकूला पुलिस नें कम्पनी में चोरी की वारदात को अन्जाम देनें वालें आरोपी को भेजा जेल ।

             पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस चौकी मौली इन्चार्ज व उसकी टीम नें कम्पनी से चोरी के मामलें में आरोपी को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान सुरज बिंद पुत्र अनुप बिंद वासी गोबिन्दपुर जिला नालन्दा बिहार के रुप में हुई ।

जानकारी के मुताबि शिकायतकर्ता बलविन्द्र वासी गाँव बागवाली पंचकूला नें शिकायतद दर्ज करवाई लाला बिरखा फार्मेसी कालेज गोलपुरा में सुरक्षा कर्मचारी तैनात है जो एस.डी.डी कालेज की देखरेख करता है आज जब सुबह एस.डी.डी. चैक किया तो  1st फ्लौर में बिल्डिग से छत वाला पखां गायब मिला जो कि किसी व्यकित नें चोरी कर लिया है । जिस बारे पुलिस चौकी मौली में शिकायत प्राप्त होनें पर पुलिस थाना रायपुररानी पंचकूला में धारा 188/269/270/457/380 भा0द0स0 एवं डिजास्टर मैनेजमैन्ट एक्ट 2005 के तहत मामला दर्ज किया गया । जिस मामलें में तफतीश पुलिस चौकी मौली के द्वारा अमल में लाया गया । जिस मामलें का आगामी तफतीश करते हुए पखा चोरी करनें वालें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया । जो आरोपी को पेश अदालत न्यायिक हिरासत भेजा गया ।

पुलिस कमीश्नरेट पचंकूला – 15 मई 2021:

कोविड महामारी में एक तरफ जहाँ पुलिस सड़कों पर दिन-रात लॉकडाउन के नियमों का पालन करवाने में लगी है, वहीं इस कठिन समय में पंचकूला पुलिस की पहल इनोवा (COV-HOTS) वाहन जरूरतमन्दों के घर तक आक्सीजन के रुप में सांसें पहुंचाने में लगे हैं ।

                        कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए पंचकूला पुलिस भी मैदान में उतरी, कोरोना सक्रंमित जरुरमंदो को घर-घर पहुंचा रही है । ऑक्सीजन सिलेंडर । पंचकूला पुलिस के द्वारा यह कार्य रैड क्रास सोसायटी सैक्टर 15 पंचकूला के साथ मिलकर किया जा रहा है oxygenhry.in पोर्टल पर आवेदन करने के बाद पुलिस की इनोवा COV-HOTS के द्वारा जरूरतमंदो को तुरंत ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए जा रहे हैं । महामारी की दूसरी लहर में सभी विभाग मिल कर आमजन का जीवन बचाने में लगे हैं । आक्सीजन की इस होम डिलीवरी से कोरोना मरीजों को नया जीवन दान मिल रहा है ।

इससे पहले भी कोरोना संक्रमितों के लिए पुलिस ने आगे आकर पहल की है । पुलिस की 440 इनोवा (COV-HOTS) गाडिय़ां जरूरतमंद संक्रमितों को नि:शुल्क घर से अस्पताल और वापिस घर ले जाने के लिए सभी जिलों में दी गई हैं । ये वाहन बीमारों की सेवा में काफी मददगार साबित हो रहे हैं । इसके अतिरिक्त अब इन गाडीयो से जरुरतंमदों को O2 सिलेण्डर उपलब्ध करवा कर उनकी मदद की जा रही है । तथा इसके साथ ऑक्सीजन सिलेंडर व कोरोना दवाओं की कालाबाजारी न हों इस बारें पुलिस की निगरानी जारी है ।

अब जैसे ही राज्य सरकार के निर्देशो पर सिविल प्रशासन द्वारा जरुरमदों को आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने का काम शुरू किया गया है, तो पुलिस के ये ‘कर्मवीर’ बिना किसी डर के अंग्रिम पंक्ति में रहकर समर्पण भाव से जनता की सेवा में लगे हैं । प्रशासन की ओर से जहां भी आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने के लिए निर्देश मिलते हैं, पुलिस वाहनों से सिलेंडर जरूरतमंद मरीजों के घर पहुंचाए जा रहे हैं ।

उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा जरूरतमंद बीमार व्यक्तियों तक घर-घर आक्सीजन के सिलेंडर पहुंचाने के लिये oxygenhry.in पोर्टल बनाया गया है, जिस पर जरूरतमन्द व्यक्ति उपरोक्त पोटल या रेड क्रास सोसायटी, पंचकूला पर अपना पूरा ब्यौरा देकर सिलेंडर घर पर मँगवा सकता है । राज्य पुलिस द्वारा कानून व्यवस्था बनाए रखने सहित नियमित कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जरूरी संसाधनों की व्यवस्था करने में नागरिक प्रशासन को भी पूरा सहयोग दिया जा रहा है ।

पुलिस कमीश्नरेट पचंकूला – 15 मई 2021:

          सी.आई.डी. इन्सपैक्टर नें अपने निजी कोष से अपनें साथी पुलिस कर्मचारियो के लिए इस कोरोना काल में डी.सी.पी. पंचकूला को एन-95 मास्क व विटामिन की टेबलेट के पैकेट प्रदान किए ।

                        आज दिनांक 15 मई को इन्सपैक्टर जगबीर सिह जो कि सी.आई.डी युनिट पंचकूला में तैनात है जिन्होनें आज डी.सी.पी. पंचकूला श्री मोहित हांडा (IPS) को अपने साथी पुलिस कर्मचारियों के लिए इस कोरोना महामारी के सक्रमण से बचनें के लिए 500 एन 95 मास्क एवं 100 विटामिन टेबलेट के पैकेट प्रयोग के लिए दिए है जिन्होनें कहा कि उन्हे 5 महिनें यात्रा भत्ता मिला था । जिस भत्ते की राशि से उसनें मास्क व विटामिन की टेबलेट खरीद कर उन्होनें अपने साथी पुलिस कर्मचारियों के लिए प्रदान किए गयें ।

 आज इस अवसर पुलिस उपायुक्त पंचकूला नें इन्सपैक्टर जगबीर सिह का धन्यावाद करते हुए कहा कि यह एक योद्धा के रूप में कार्य हैं । ऐसे योद्धाओं का उत्साहवर्धन करना भी देश एवं समाजसेवा से कम नहीं है । इसी भावना के साथ आज 15 मई 2021 को निरिक्षक जगबीर सिह (सी.आई.डी. पंचकूला ) नें अपनें साथी पुलिस कर्मचारियो के लिए 500 एन-95 मास्क व 100 विटामिन टेबलेट के पैकेट डी.सी.पी. पंचकूला को अपनें साथी कर्मचारियो के प्रयोग के लिए दिए गये । इन्सपैक्टर नें कहा कि इस कोरोना महामारी में सबसे पहलें पुलिस कर्मचारी व डाक्टर अपना योगदान दे रहें है जो कि पुलिस कर्मचारियो के कोरोना के सक्रंमण से बचनें के लिए N95 मास्क की आवश्यकता ज्यादा है क्योकिं N95 मास्क बैक्टीरिया और वायरस से सुरक्षा देने में काफी मददगार है और इसलिए इस कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने में भी मदद कर सकता है N95 मास्क । हालांकि बाकी के साधारण या सर्जिकल मास्क वायरस के ट्रांसमिशन को नहीं रोक सकते । जो माइक्रो बैक्टीरिया और वायरस को अंदर आने से रोकता है । इसी को देखते हुएइन्सपैक्टर जगबीर सिह ने कोरोना काल में अपना साथी पुलिस कर्मचारियो के लिए एन.95 मास्क विटामिन की टेबलेट प्रदान की गई । जिस पर डी.सी.पी. पंचकूला श्री मोहित हांडा (IPS) नें निरिक्षक जगबीर सिह का धन्यावाद करते हुए कहा कि यह एक सराहीनय कार्य है जिससे पुलिस कर्मचोरियों के काफी मदद मिलगी ।

शनिवार को चार रोगियों को दिए ऑक्सीजन सिलेंडर, अबतक 107 रोगी उठा चुके हैं सुविधा का लाभ

सतीश बंसल सिरसा, 15 मई।
                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि कोविड से संक्रमित होम आइसोलेट व गंभीर रोगों से ग्रस्त रोगियों के लिए घर द्वार पर ऑक्सीजन सिलेंडर देने की सुविधा संजीवनी का काम कर रही है। सरकार द्वारा रेडक्रॉस के माध्यम से शुरु की गई यह सुविधा महामारी के बीच लोगों को बड़ी राहत पहुंचा रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए ऑक्सीजनएचआरवाईडॉटइन पर रजिस्ट्रेशन करके अपनी रिक्वेस्ट डालना जरूरी है। कोरोना संक्रमित होम आइसोलेट व गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों के लिए अब उनके परिजनों को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए घर पर ही ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया जारी है। इसके लिए ऑक्सीजनएचआरवाईडॉटइन पर रजिस्ट्रेशन करके अपनी रिक्वेस्ट डालनी होगी।
                जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा कोरोना संक्रमित होम आइसोलेट व गंभीर रोगों से ग्रस्त रोगियों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए उनके घर द्वार पर ही उनकी ऑनलाइन रिक्वेस्ट के अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए जा रहे हैं। अबतक 107 जरूरतमंद कोरोना संक्रमित होम आइसोलेट व गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवाए जा चुकी हैं। इसी कड़ी में शनिवार को चार जरूरतमंद रोगियों को ऑक्सीजन गैस सिलेंडर मुहैया करवाए हैं, जिनमें सिरसा के नोहरिया बाजार से सुमित्रा देवी, गांव घोड़ांवाली से भागीरथ, गांव रिसालियाखेड़ा से नत्थूराम, गांव रानियां से राज देवी शामिल है। इन्होंने विभागीय पोर्टल पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए अप्लाई किया था। उन्होंने आमजन से आह्वïान किया है कि जिनके पास खाली सिलेंडर है वे जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के कार्यालय में जमा करवा दें ताकि संकट की इस घड़ी में जरूरतमंद के पास ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की जा सके।
                जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव लाल बहादुर बेनीवाल ने बताया कि घर पर ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए सबसे पहले संबंधित व्यक्ति की तरफ से ऑनलाइन ऑक्सीजनएचआरवाईडॉटइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके बाद जिला रेडक्रॉस द्वारा द्वारा वॉलेंटियर के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी। ऑक्सीजन वितरण सिस्टम में एक मोबाइल फोन के माध्यम से एक ऑक्सीजन सिलेंडर का ही पंजीकरण किया जा सकेगा। होम आइसोलेट होने वाले कोरोना संक्रमित व गंभीर बीमारी से पीडि़त ही ऑक्सीजन के लिए पंजीकरण कर सकेंगे।

शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने बांटी कोविड रोकथाम औषधि किटें व फलाहार

शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने बांटी कोविड रोकथाम औषधि  किटें फलाहार

सेवादारों ने चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, एंबुलैंस ड्राइवरों पुलिस कर्मचारी कोरोना वॉरियर्स को किट भेंट कर किया सैल्यूट

सतीश बंसल सिरसा, 15 मई । समाज उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा रहे सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार अपने गुरू के वचनों को मानते हुए कोरोना के इस भयानक दौर में मानवता की नि:स्वार्थ सेवा में जुटे हुए हैं। इसी के अंतर्गत रविवार को सरसा के नागरिक अस्पताल में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाने वाले चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, एंबुलेंस ड्राइवरों व पुलिस कर्मचारियों को फल-फ्रूट व इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने की औषधि भेंट कर ब्लॉक कल्याण नगर के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों की ओर से उन्हें सैल्यूट किया गया तथा उन्हें आश्वसत किया कि वे इस मुश्किल समय में उनके साथ खड़े हैं। कार्यक्रम की शुरूआत अस्पताल के ट्रामा सेंटर के बाहर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डा. संदीप गुप्ता, उप सिविल सर्जन डा. बुधराम, एसएमओ डा. आरके दहिया, उप अधीक्षक डा. गुरबचन सिंह, गृह चिकित्सा अधीक्षक डा. पंकज,  डिप्टी सुपरीडेंट गुरबचन सिंह, स्वास्थ्य निरीक्षक डा. दवेन्द्र मोंगा, बलजीत सिंह व वार्ड नम्बर 11 पार्षद जश्न इन्सां सहित अस्पताल स्टॉफ तथा शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने विनती भजन के साथ की। इसके पश्चात सभी को किटों का वितरण किया गया और नींबू पानी पिलाया गया। सेवादारों ने नागरिक अस्पताल में 150 से अधिक कोविड रोकथाम किट व फ्रूट पैकेट बांटे। इस कार्य पर अस्पताल स्टॉफ, कर्मचारियों ने भी सेवादारों को सलाम करते हुए उनकी नि:स्वार्थ सेवा भावना की मुंक्त कंठ से प्रशंसा की। इस दौरान सरकार की कोविड-19 गाइडलाइन का पूर्णतय पालन किया गया। इस मौके पर ब्लॉक कल्याण नगर व सरसा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार मौजूद रहे।

टीमें बनाकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बांटी कोविड रोकथाम किट

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सेवादारों के कोरोना योद्धाओं को सलाम कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णतय पालन किया गया। इसके लिए चार-चार सेवादारों की अलग-अलग टीमें बनाई गई। जिन्होंने अस्पताल के एक-एक वार्ड में जाकर ड्यूटी दे रहे स्टॉफ को कोविड रोकथाम किट भेंट की। साथ में उन्हें सेल्यूट कर उनका मनोबल बढ़ाया। टीमों ने महिला वार्ड, एमरजेंसी वार्ड, चिकित्सीय स्टॉफ व अन्य वार्डो में जाकर सभी को नींबू पानी पिलाया। वहीं इस दौरान अस्पताल में आये पुलिस कर्मचारियों को भी कोविड रोकथाम किट दी गई। इस दौरान सेवादारों ने सभी स्टॉफ सदस्यों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में अगर उनकी कोई जरूरत महसूस होती है तो वे हर समय इसके लिए तैयार है।

नागरिक अस्पताल में बांटी गई कोविड रोकथाम औषधि किट व फल-फ्रूट की पैकिंग का सेवा कार्य ब्लॉक कल्याण नगर के नामचर्चा घर में किया गया। जिसमें सामाजिक दूरी के साथ शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग की बहनों ने अपनी सेवा की। फ्रूट किट में केले, संतरे, नींबू व आलू बखारा की पैकिंग की गई। जबकि कोविड रोकथाम किट में दस-दस विटामिन सी, बी कॉपलेक्स की टेबलेट, हैंडसेनिटाइजर, मास्क व एमएसजी के काढ़ा के पाऊच डाले हुए थे।

जश्न इन्सां, पार्षद वार्ड 11 , डा. बुधराम, उप सिविल सर्जन , नागरिक अस्पताल के एमएस डा. संदीप गुप्ता व मलेरिया विभाग से देवेन्द्र मोंगा और नीलम, इंचार्ज महिला वार्ड नागरिक अस्पताल सरसा ने संयुक्त रूप से कहा कि डेरा सच्चा सौदा व उनके सेवादारों की सेवा भावना से हम बहुत प्रभावित है। देश में जब भी कोई संकट आता है तो डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार सबसे मदद के लिए पहुंचते है। सरकार व कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका सहयोग करते है जोकि काबिले तारीफ है। इसके लिए हम इनका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं –

ग्रामीण गला खराब, जुकाम व खांसी जैसे लक्षण दिखते ही कोविड दवाई लेना करें शुरू : उपायुक्त प्रदीप कुमार

उपायुक्त प्रदीप कुमार ने किया गांव ओटू, मोहम्मदपुरिया व खारियां के स्कूल में बने होम आइसोलेशन सैंटरों का निरीक्षण
-ग्रामीण गला खराब, जुकाम व खांसी जैसे लक्षण दिखते ही कोविड दवाई लेना करें शुरू : उपायुक्त प्रदीप कुमार
-गांव मेंं उपलब्ध करवाई जा रही मेडिकल किट(कोरोना दवाई)
-सरपंच व गणमान्य व्यक्ति कोरोना लक्षण वालों को कोविड दवाई लेने के लिए करें प्रेरित
-शुरुआती लक्षणों में कोविड दवाई लेकर समय पर करें कोरोना का उपचार, गंभीर स्थिति से होगा बचाव

सतीश बंसल सिरसा, 15 मई।
              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि ग्रामीण गला खराब, जुकाम, खांसी व बुखार आदि लक्षण होने पर तुरंत कोरोना संबंधी दवाइयां लेना शुरू कर दें। समय पर लिया गया उपचार गंभीर स्थिति से बचाव करेगा और अस्पताल में दाखिल होने की नोबत नहीं आएगी। गांव के सरपंच व गणमान्य व्यक्ति कोरोना लक्षण वाले व्यक्तियों को प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही कोविड दवाई के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ इसे लेने के लिए प्रेरित भी करें।
              उपायुक्त शुक्रवार देर सायं जिला के गांव ओटू, मोहम्मदपुरिया व खारियां के स्कूलों मेें बनाए गए ग्रामीण होम आइसोलेशन सैंटरों के निरीक्षण के दौरान उपस्थित गांव के मौजिज व्यक्तियों से बातचीत कर रहे थे। उपायुक्त ने सभी होम आइसोलेशन सैंटर में दवाइयां, बैड, पेयजल, बिजली, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का गहनता से निरीक्षण किया और ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस अवसर बीडीपीओ अनिल कुमार, ग्राम सचिव अनिल, सरपंच अमर सिंह, सरपंच प्रतिनिधि रोहताश, निर्मल सिंह नम्बरदार, समाजसेवी नारायणसिंह, संदीप गोदारा, मांगेराम, आशा वर्कर कौशल्या, सुमन सहित गांव के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
              उपायुक्त ने होम आइसोलेशन सैंटर का निरीक्षण करने के दौरान बीडीपीओ को निर्देश दिए कि गांव में प्रत्येक कोरोना लक्षण वालों तक मेडिकल किट पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने आशा वर्कर व आंगनवाड़ी वर्कर को सर्वे के दौरान लक्षण वाले व्यक्तियों को कोविड दवाई देने को कहा। होम आइसोलेशन सैंटरों में सभी आवश्यक बचाव उपायों की पालना की जाए और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि कोविड प्रबंधन से संबंधी किसी भी चीज की जरूरत हो, तो तुरंत उच्च अधिकारियों को अवगत करवाएं ताकि समय पर जरूरी सामान को उपलब्ध करवाया जा सके।  
              उन्होंने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का फैलाव तेजी से हो रहा है, इसे रोकने के लिए ग्रामीणों को एकजुट होकर पूरी सजगता से कोविड नियमों की पालना करनी होगी और ठीकरी पहरे के माध्यम से बाहर आने जाने वालों पर निगरानी करनी होगी, तभी हम अपने गांव में कोरोना महामारी की रोकथाम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना को लेकर जागरूक करें और उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि गांव में होम आइसोलेशन सैंटर बनाए जाने का उद्देश्य यही है कि कोरोना लक्षण वाले व्यक्ति को अलग रखा जाए, ताकि संक्रमण का फैलाव न हो सके। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि प्रशासन के पास कोविड दवाई की कोई कमी नहीं है। जिला में करीब 15 हजार मेडिकल किट वितरित करवाई जाएंगी, जिन्हें आवश्यकता अनुसार बढाया भी जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना लक्षण वाले व्यक्ति कोविड दवाई लेने में बिल्कुल भी देरी न करें। कोरोना का समय पर लिया गया उपचार उन्हें गंभीर स्थिति से बचाएगा। इसके अलावा ग्रामीण गर्म पानी, भाप, पानी के गरारे, गिलोय का पानी आदि घरेलू उपचार भी नियमित रूप से करते रहें।