आदि शंकराचार्य जयन्ती 17 मई 2021, के दिन मनाई जाएगी। हिन्दू धार्मिक मान्यता अनुसार इन्हें भगवान शंकर का अवतार माना जाता है यह अद्वैत वेदान्त के संस्थापक और हिन्दू धर्म प्रचारक थे। आदि शंकराचार्य जी जीवनपर्यंत सनातन धर्म के जीर्णोद्धार में लगे रहे उनके प्रयासों ने हिंदु धर्म को नव चेतना प्रदान की.आदि शंकराचार्य जयन्ती के पावन अवस्रप पर शंकराचार्य मठों में पूजन हवन का आयोजन किया जाता है। देश भर में आदि शंकराचार्य जी को पूजा जाता है। अनेक प्रवचनों एवं सतसंगों का आयोजन भी होता है। सनातन धर्म के महत्व पर की उपदेश दिए जाते हैं और चर्चा एवं गोष्ठी भी कि जाती है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः वैशाख,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः पंचमी प्रातः 11.35 तक है,
वारः सोमवार,
नक्षत्रः पुनर्वसु दोपहर 01.22 तक हैं,
योगः अतिगण्ड रात्रि 02.48 तक,
करणः बालव,
सूर्य राशिः वृष,
चंद्र राशिः मिथुन,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.33,
सूर्यास्तः 07.02 बजे।
नोटः आज आद्यगुरू शंकराचार्य जयंती है।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।