वैशाख कृष्ण पक्ष की उदया तिथि त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है, साथ ही वार के हिसाब से यह जिस दिन पड़ता है, उसी के अनुसार इसका नामकरण होता है | इस बार शनिवार के दिन प्रदोष व्रत है, इसलिए आज शनि प्रदोष व्रत किया जायेगा। प्रत्येक प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है, लेकिन शनि प्रदोष होने से आज के दिन शनिदेव की विशेष रूप से उपासना की जायेगी | प्रदोष काल उस समय को कहा जाता है, जब दिन छिपने लगता है, यानी सूर्यास्त के ठीक बाद वाले समय और रात्रि के प्रथम प्रहर को प्रदोष काल कहा जाता है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः वैशाख,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः द्वादशी सांय 05.21 तक है,
वारः शनिवार,
नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद दोपहर 02.47 तक हैं,
योगः विष्कुम्भक सांय 07.58 तक,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः मेष,
चंद्र राशिः मीन,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 05.39,
सूर्यास्तः 06.57 बजे।
नोटः आज शनि प्रदोष व्रत है।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दान देकर यात्रा करें।