एक पहल : निजी स्कूल छात्रों पर नही थोप सकेंगे प्राइवेट प्रकाशनों की पुस्तकें
पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन के प्रयासों से अभिभावकों को मिली बड़ी राहत,अब निजी स्कूल छात्रों पर नही थोप सकेंगे प्राइवेट प्रकाशनों की पुस्तकें
- प्रदेश सरकार ने लिया फैसला,15 दिन पहले ही शिक्षा मंत्री से चौ चंद्रमोहन के नेतृत्व में मिले थे कांग्रेस नेता-पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने जताया आभार
- प्राइवेट स्कूलों में निजी प्रकाशनों की महंगी पुस्तको की जगह एनसीआरटी की सस्ती पुस्तको को पाठ्यक्रम में डालने की थी मांग
- अब सेकेंडरी शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश,प्राइवेट स्कूलों में केवल एनसीआरटी की ही पुस्तके होगी पाठ्यक्रम का हिस्सा-निजी प्रकाशनों की पुस्तकें नही
- पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने कहा,अभी केवल एक मांग पूरी हुई,अन्य समस्याओ को भी पूरा करवाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे
‘पुरनूर’ कोरल, पंचकुला – 8 मई 2021 :
पिछले काफी समय से अधिकांश निजी स्कूलों द्वारा निरन्तर छात्रों व अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाले जाने के विरुद्ध हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे हरियाणा सरकार के उपमुख्यमंत्री रह चुके चन्द्रमोहन के प्रयास रंग लाने लगे है।अब प्रदेश सरकार ने गत दिनों पूर्व ही उनके द्वारा की गई माँगानुसार निजी स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशनों की जगह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एनसीआरटी) की पुस्तकों को ही निजी स्कूलों के पाठ्यक्रम में अनिवार्य करने के आदेश जारी कर दिए है जिसको लेकर पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने कंवरपाल गुर्जर शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया है।इस फैसले से छात्रों के अभिभावकों की जेब पर डाले जाने वाला आर्थिक बोझ 90 प्रतिशत से भी ज्यादा कम होगा।
गौरतलब है कि 20 अप्रेल 2021 को पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन के नेतृत्व में विजय बंसल,शशि शर्मा,रविन्द्र रावल, हेमन्त किगंर,प्रियंका हुड्डा,दीपांशु बंसल,सुषमा खन्ना,अजय साई,अनवर हुसैन,रविन्द्र राहड़ समेत अन्य कांग्रेसी शिक्षा मंत्री से उनके निवास स्थित चंडीगढ़ मिले थे।इस दौरान चंद्रमोहन ने विस्तारपूर्वक निजी स्कूलों में छात्रों व अभिभावकों को आ रही समस्याओ के बारे बताया था जिसमे प्रमुख रूप से अनुचित फीस बढ़ोतरी,एनसीआरटी की बजाए निजी प्रकाशनों की महंगी किताबे लेना,जिला स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी बनाने जैसी मांग की थी।हालांकि इसको लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा गया था जिसपर शिक्षा मंत्री ने तुरन्त संज्ञान लेते हुए शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया था और एक मांग को पूरा भी कर दिया है।
काबिलेतारीफ बात यह है कि 15 दिनों के भीतर ही शिक्षा मंत्री द्वारा एक मांग को माने जाने पर जहां तो एक तरफ चंद्रमोहन ने आभार जताया है वही कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अन्य मांगों पर भी इसी प्रकार गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए जल्द निर्णय लिया जाएगा जिससे हरियाणा के लाखो अभिभावकों, शिक्षकों व छात्रों को राहत प्रदान की जा सकेगी।
इस फैसले से अब निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को बच्चों पर नहीं थोप पाएंगे।इसके साथ ही अब वह मोटा मुनाफा नहीं कमाएंगे क्योंकि प्रदेशभर के अधिकांश निजी स्कूलों में कमीशन खोरी के चक्कर में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लगाई जाती है।
— समाधान : पहले किताबो का सेट मिलता था 6-8 हजार तक,अब मिलेगा केवल 500-800 रुपए में..
पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन के प्रयासों से अब हरियाणा में किसी भी बोर्ड से संबंद्धता रखने वाले सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें ही लागू करनी होंगी।अब एनसीईआरटी की कक्षा पहली से बारहवीं तक की किताबें अमूमन 500 से 800 रुपये तक अभिभावकों को मिलेगी जबकि निजी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें लगाकर बच्चों से छह हजार से आठ हजार रुपये तक वसूले जाते रहे हैं।कई निजी प्रकाशकों द्वारा निजी स्कूल संचालकों को किताबों पर 70 फीसद तक कमीशन दिया जाता है, जिसकी मार अभिभावकों की जेब पर पड़ती है।अब इसका स्थाई समाधान चंद्रमोहन द्वारा करवा दिया गया है।
— 5 साल में हाईकोर्ट में भी लंबित है मामला,पर सरकार ने निर्णय अब चंद्रमोहन के हस्तक्षेप के पश्चात लिया…
गौरतलब है कि वर्ष 2016 से यह मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन चल रहा है परन्तु अब पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन द्वारा आवाज उठाने के साथ ही शिक्षा विभाग ने एनसीआरटी पुस्तको का निर्णय लेलिया है।दरअसल,शिक्षा नियमावली 2003 में पहले शिक्षा निदेशक को अधिकार नहीं था कि वह पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करें।प्रदेश सरकार ने नियमावली में संशोधन कर अब यह अधिकार शिक्षा निदेशक को दे दिया है जिससे अब सकारात्मक निर्णय लिया गया है।
— हर मोर्चे पर जनहित की लड़ाई मजबूती से लड़ते है पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन…
लोगो का कहना है कि चाहे छात्र व अभिभावकों के हित मे संघर्ष सड़क पर हो,विभिन्न जगह धरना प्रदर्शन करने हो या फिर शिक्षा मंत्री को निजी रूप से मिलकर ज्ञापन देकर तयबद्ध तरीके के साथ समस्याओ के समाधान के लिए सुझावो के साथ ज्ञापन देकर आवाज उठाने का हो,जनहित के हर मोर्चे पर पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन अग्रिम श्रेणी में दिखाई देते है जिससे सभी का कांग्रेस पार्टी में विश्वास बढ़ रहा है।
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