अक्सर नवजोत सिंह सिद्धू ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते रहे हैं। यह पहली बार है जब उन्होंने खुलेआम नवजोत सिंह सिद्धू को चुनौती दी है। इसके अलावा कैप्टन का यह कहना कि वह किस पार्टी में जा रहे हैं, इससे साफ है कि पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर उथलपुथल होने वाली है।
- पंजाब CM कैप्टन अमरिंदर सिंह और क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनातनी
- सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू को अपने खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी
- अमरिंदर ने कहा कि अगर सिद्धू ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा तो उनकी जमानत जब्त हो जाएगी
नरेश शर्मा भारद्वाज,जालंधर:
कैप्टन अमरिंदर ने नवजोत सिंह सिद्धू को चुनौती देकर राजनीति गर्मा दी है। दोपहर को कैप्टन ने सिद्धू को चुनौती देकर पटियाला से चुनाव लड़ने का न्यौता दिया तो वहीं सिद्धू ने कैप्टन को करार जवाब दिया और कहा कि इधर उधर की बात मत करो गुरू साहेब की बेअदबी पर इंसाफ क्यों नहीं मिला यह बतायो?
सिद्दू ने किसानों के मुद्दे पर बेअदबी के मुद्दे पर कैप्टन सरकार को घेरा था। नशे के मुद्दे पर भी कैप्टन पर निशाना साधा था। सिद्दू ने कहा कि आखिर पंजाब सरकार दाल और तिलहन पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) क्यों नहीं दे रही है। पंजाब सरकार को चाहिए कि वह राज्य के किसानों को दलहन और तिलहन की फसलों पर एमएसपी दे। उन्होंने कहा कि सरकार पांच-पांच गांव पर कोल्ड स्टोरेज बनाए। पंजाब के किसान में होल्डिंग कैपेसिटी बढानी चाहिए। काेलड स्टोरेज से किसानों की अपने फसलों की होल्डिंग कैपेसिटी बढ़ेगी।या राज्य के गृहमंत्री (मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के पास यह विभाग है) के लिए बेअदबी के मामलों की कोई प्राथमिकता नहीं है। एडवोकेट जनरल (एजी) को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, जबकि एजी को कंट्रोल कौन करता है?
नवजोत सिंह सिद्धू ने किया पलटवार
कैप्टन अमरिंदर सिंह के हमले पर नवजोत सिंह सिद्धू ने पलटवार किया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट करके कहा, ‘पंजाब की अंतरात्मा को पटरी से उतारने के प्रयास विफल हो जाएंगे… मेरी आत्मा पंजाब है और पंजाब की आत्मा गुरु ग्रंथ साहिब जी हैं… हमारी लड़ाई न्याय के लिए है और दोषियों को दंडित करना। एक विधानसभा सीट एक ही सांस में चर्चा के लायक भी नहीं है।’
2019 में भी दोनों के बीच आया था तनाव
इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच मई, 2019 में तब तनाव सामने आ गया था जब मुख्यमंत्री ने उन्हें स्थानीय शासन विभाग के ‘अकुशल कामकाज’के लिए जिम्मेदार ठहराया था और दावा किया था कि लोकसभा चुनाव में शहरी क्षेत्रों में इसी के कारण कांग्रेस का खराब प्रदर्शन रहा।
सिद्धू ने बुधवार को कोटकपूरा व बहिबलकलां फायरिंग मामले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने के लिए कैप्टन सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया था कि यह सरकार या पार्टी की नाकामी नहीं है बल्कि एक आदमी है, जिसने दोषियों से हाथ मिला रखा है। हालांकि सिद्धू ने बुधवार को भी अपने ट्वीट में सीधे तौर पर कैप्टन का नाम नहीं लिया था और शुक्रवार को भी उन्होंने ट्वीट के जरिए ही कैप्टन का नाम लिए बिना, राज्य के गृहमंत्री पर उंगली उठाई। यह विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है। अपने नए ट्वीट में सिद्धू ने कहा- क्या गृहमंत्री के लिए बेअदबी के मामले सर्वोच्च प्राथमिकता में नहीं हैं।