- पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को निर्देश
- कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए गठित समिति/नोडल एजेंसियों का हिस्सा बनें
सतीश बंसल सिरसा, 24 अप्रैल :
माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए गठित समिति/नोडल एजेंसियों का हिस्सा बनें। खंडपीठ में माननीय न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और माननीय न्यायमूर्ति करमजीत सिंह शामिल हैं।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण सचिव अनुराधा ने बताया कि गठित समिति/नोडल एजेंसियों में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, नगर काउंसिल/निगम के प्रतिनिधि व सिविल सर्जन शामिल होंगे। माननीय खंडपीठ के आदेशानुसार यदि आवश्यक हो तो समिति की बैठक दैनिक आधार पर इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से आयोजित की जाए। समिति के सदस्यों में से किसी के द्वारा हेल्पलाइन नंबर पर कॉल आने पर प्रशासन द्वारा तुरंत प्रतिक्रिया भी दी जाए।
अतिरिक्त महाधिवक्ता, पंजाब ने कहा कि राज्य को इस तरह की समिति के गठन पर और जनता की शिकायतों पर विचार करने के लिए हर जिले में एक विशेष नंबर निर्दिष्ट करने में कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने इस बात को स्वीकार किया हैं कि एक निर्दिष्ट हेल्पलाइन नंबर 104 पहले ही जारी किया जा चुका है जो जनता की सभी प्रकार की शिकायतों का निवारण करता है।
माननीय पीठ के संज्ञान में यह भी लाया गया कि कुछ निजी अस्पताल कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अत्यधिक शुल्क ले रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। इस तरह की शिकायत पर तुरंत गौर किया जाएगा और यदि आवश्यकता पड़ी तो ऐसे निजी अस्पताल और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाए कि हेल्पलाइन नंबर पर कॉल आने की स्थिति में शिकायतों का त्वरित निवारण होगा। इसके अलावा, इस तरह के कॉल में अटेंड करने के लिए समुचित कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी और आस-पास के क्षेत्र में पीसीआर/बीट्स को भी सक्रिय किया जाएगा। मौजूदा महामारी की स्थिति में जनता में विश्वास पैदा करने के लिए और जनता को जागरूक करने के लिए नामित हेल्पलाइन नंबरों का व्यापक प्रचार इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर किया जाएगा।
माननीय पीठ ने राज्यों को नगर निकायों/स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया है कि आम जनता के लिए मास्क व सामाजिक दूरी का पालन किया जाए। सार्वजनिक और निजी संस्थानों के प्रमुख कर्मचारियों को उचित तरीके से मास्क पहनने के लिए जागरूक करेंगे। जो व्यक्ति मास्क पहनकर नहीं आते हैं और जो लापरवाही से मास्क पहनते हैं, ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए। माननीय पीठ द्वारा एक सप्ताह के भीतर रजिस्ट्री में एक छोटे हलफनामे के माध्यम से हर जिले में दिन के घटनाक्रम के बारे में स्थिति रिपोर्ट दर्ज करने का भी निर्देश दिया गया है।