सतरंगी राजस्थान’, ‘बन्नी सा’ के बाद अब ‘विदाई’ गीत मचाएगा धूम
हरिप्रेम फिल्म ने की ‘विदाई’ गीत की ऑनलाईन लांचिंग
सतीश बंसल बांसवाड़ा-उदयपुर,/ सिरसा:
वागड़ गंगा माही के कारण प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध और कला-संस्कृति के धनी बांसवाड़ा को पर्यटन दृष्टि से देश-दुनिया तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की श्रृंखला में गत दिनों 80 लाख बार देखे गए ‘सतरंगी राजस्थान’ शीर्षक से विडियो गीत की अपार सफलता के बाद हरिप्रेम फिल्म्स द्वारा तैयार किए ‘विदाई’ शीर्षक गीत की ऑनलाईन लांचिंग रविवार को की गई।
अप्रत्याशित सफलता पाने वाले बांसवाड़ा में फिल्माएं और तैयार किए गए ‘सतरंगी राजस्थान’ और बन्नी सा के युवा फिल्म निर्देशक नितीन समाधिया के तीसरे ड्रीम प्रोजेक्ट ‘विदाई’ विडियो गीत की शूटिंग गत माह में ही संपन्न हुई है। उन्होंने बताया कि सिर्फ बांसवाड़ा की समृद्ध विरासत से देश-दुनिया को रूबरू करवाने के लिए इस राजस्थानी गीत का निर्माण किया गया है और यह भी सतरंगी राजस्थान की भांति राजस्थान की धड़कन बनेगा।
हरिप्रेम फिल्म्स के विदाई गीत की पटकथा पिता और पुत्री के प्यार के रिश्ते को दर्शाती है। ‘विदाई’ गीत का गायन स्वरुप खान ने किया है और म्यूजिक, लिरिक्स स्वरुप खान द्वारा निर्मित है। इसके साथ ही स्वरुप खान ने इस गीत में अपने अभिनय की प्रस्तुति दी है। गीत में राजस्थानी लोकवाद्यों का बखूबी इस्तेमाल किया है। निर्देशक हरिप्रेम फिल्म के सीईओ नितिन समाधिया है। सहनिर्देशक अंकित चटर्जी, डीओपी अंकित चौहान व एडिटिंग अमन ने की है। प्रोडक्शन टीम में महेंद्र समाधिया, रानी समाधिया, प्रसून कंसारा व आस्था भट्ट द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। विदाई गीत की पटकथा पिता और पुत्री के प्यार के रिश्ते को दर्शाती है जो की दिल को छू जाने वाली प्रस्तुति है। गीत के वीडियो में कलाकारों द्वारा की गई खूबसूरत प्रस्तुति गाने को और मनोहर बनाती है। अभिनेत्री आराध्या राव, अभिनेता कुनाल आचार्य व अभिनेता अनिल भागवत द्वारा मन मोहक प्रस्तुति दी गई है।
ऐसा है विदाई गीत:
ऐसे तो पिता-पुत्री के रिश्ते को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है,एक बेटी अपने पिता की गोद से बाहर जरूर निकल सकती है, लेकिन वो कभी पिता के दिल से बाहर नहीं निकल सकती है। यह तय है कि पिता के लिए बेटी का प्यार शब्दों से परे होता है। ऐसे ही पिता और पुत्री के प्यार भरे रिश्ते को राजस्थानी लोकगीत ‘विदाई’ में प्रस्तुत किया है। हर घर में बेटियां पिता की लाडली होती हैं। वैसे भी अक्सर यही कहा जाता है कि बेटे मां के करीब होते हैं तो बेटियां अपने पापा के ज्यादा करीब होती हैं। पापा की परी और घर में सबसे प्यारी, बड़ा गहरा चाव और लगाव होता है बाप-बेटी का, तभी तो उम्र के हर पड़ाव पर पापा उनके लिए खास भूमिका निभा रहे होते हैं। हरिप्रेम फिल्म ने अपने विदाई सॉन्ग में पिता पुत्री के इस रिश्ते को अच्छे से दर्शाया है।