भूराबाल साफ करते करते, आया ब्राह्मणों कि शरण में यादव परिवार

‘भूराबाल साफ करो’ ऐसा नारा है जिस पर तीन दशकों के बाद भी चर्चा जारी है। बिहार से निकले इस नारे ने देश का ध्यान अपनी ओर खूब खींचा। दिलचस्प तो ये है कि जिस शख्स पर इस नारे को देने का आरोप लगा उसने इसे कभी माना नहीं। सनद रहे कि ‘भूराबाल साफ करो’ से मतलब था सवर्ण जातियों को खत्म करो. भूराबाल शब्द का भू भूमिहार से आया था, रा राजपूत से, बा का मतलब ब्राह्मण था और ल का अर्थ था लाला यानि कायस्थ।

पटना/नयी दिल्ली:

चारा घोटाला के चार मामलों में पिछले कई सालों से जेल की सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का पूरा परिवार भगवान की शरण में है। उसकी जमानत याचिका पर शनिवार (अप्रैल 17, 2021) को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई भी होनी है। उससे पहले उसके बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम और वासुकीनाथ धाम में प्रार्थना की। तेज प्रताप नवरात्र कर रहे हैं। वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल बतौर अधिवक्ता लालू की तरफ से दलीलें पेश करेंगे।

CBI लालू यादव को जमानत देने के विरोध में है और वो भी मजबूती से अपना पक्ष रखेगी। उच्‍च न्‍यायालय में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सूचीबद्ध इस मामले में शुक्रवार को ही सुनवाई होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अदालत का आज सैनिटाइजेशन किया जाना है, इसीलिए इसे 1 दिन आगे बढ़ा दिया गया। इधर तेजस्वी यादव मंदिर-मंदिर घूम कर अपने पिता के लिए प्रार्थनाएँ कर रहे हैं।

इसी दौरान उन्होंने कामाख्या मंदिर में भी अपने पिता के लिए पूजा-अर्चना कराई। खास बात ये है कि इसके लिए उन्हें उन्हीं ब्राह्मणों की ज़रूरत पड़ी, जिन्हें उनके पिता भला-बुरा कहते थे। सितम्बर 2015 में बिहार विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व-मुख्यमंत्री ने इसे अगड़ी बनाम पिछड़ी जाति का जंग करार दिया था। उसने इसे महाभारत की लड़ाई बताते हुए यादवों को होश में रह कर एकता बनाए रखने की सलाह दी थी।

लालू यादव ने जोर देते हुए कहा था कि यादवों को खास कर के ब्राह्मणों के खिलाफ एकजुट रहने की ज़रूरत है। साथ ही उसने RSS को भी ब्राह्मणों की टीम करार दिया था। उसने अपने परिवार के पारंपरिक गढ़ यादव बहुल राघोपुर में ये बातें कही थीं, जो वैशाली जिले में पड़ता है। इस रैली में मंच पर मौजूद छोटू छलिया नामक गायक ने ‘सवर्ण बनाम पिछड़े’ के कई गाने भी गए थे। लालकृष्ण आडवाणी का रथ रोकने की बात की गई।

लालू ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘राघोपुर मेरी जगह है। गंगा किनारे इस पवित्र स्थान से ही मैंने कैंपेन की शुरुआत की है। मैं यदुवंशियों की रखवाली करना चाहता हूं क्योंकि बाहरी ताकतों से खतरा है। लालू ने कहा, ‘यादव सो जाए तो पुआल, जाग जाए को शेर। अब जाग जाओ क्योंकि यह महाभारत है।’

ध्यान देने वाली बात ये है कि उस दौरान जिन चुनावी रैलियों में लालू यादव बार-बार मोकामा के जिस विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार करवाने का क्रेडिट लेकर वाहवाही लूटता था, वही अनंत सिंह आज राजद में हैं और पार्टी ने उन्हें कई जिम्मेदारियाँ भी दी थीं। अब लालू यादव जेल में है। CBI का तर्क है कि 7 साल की आधी सज़ा पूरी होने में अभी 3 साल बाकी है, ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जा सकती है।

कुछ दिन पहले लालू यादव की बेटी रोहिणी सिंह ने भी लिखा था, “रमज़ान का पाक महीना शुरू हो रहा है! इस साल हमने भी फैसला किया है कि पूरे महीने अपने पापा के सेहतयाबी और सलामती के लिए रोज़े रखूँगी! पापा की हालत में सुधार हो और जल्दी न्याय मिल सके, इसकी भी दुआ करूँगी! साथ ही मुल्क में अमन चैन हो, इसलिए ईश्वर/अल्लाह से कामना करूँगी।” इस पर लोगों ने उनकी क्लास भी लगाई थी।

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