मंगलवार को दशमी तिथि समाप्ति 26:10:09 तक तदोपरान्त एकादशी तिथि है। दशमी तिथि की स्वामी यमराज जी हैं तथा एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं। मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है। आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जायें। इस तिथि में परवल / कलम्बी नही खाना चाहिए व अन्नप्रासन, विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ मानी गयी है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।
विक्रमी संवत्ः 2077,
शक संवत्ः 1943,
मासः चैत्र,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः दशमी रात्रि 02.10 तक है,
वारः मंगलवार,
नक्षत्रः श्रवण रात्रि 02.35 तक है,
योगः सिद्धिः अपराहन् 03.29 तक,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः मीन,
चंद्र राशिः मकर,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.10,
सूर्यास्तः 06.38 बजे।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें|