आज 3 अप्रैल, शनिवार को षष्ठी तिथि 10:52:00 तक तदोपरान्त सप्तमी तिथि है।षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं तथा सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं। शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं। आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें। इस तिथि में तैलीय चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और यह तिथि यात्रा, पितृ कर्म, मंगल कार्य आदि के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।
विक्रमी संवत्ः 2077,
शक संवत्ः 1943,
मासः चैत्र,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः सप्तमी रात्रि 04.13 तक है,
वारः शनिवार,
नक्षत्रः मूल रात्रि 02.39 तक है,
योगः वरीयान रात्रिः 08.58 तक, करणः विष्टि,
सूर्य राशिः मीन,
चंद्र राशिः धनु,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.13,
सूर्यास्तः 06.36 बजे।
नोटः शीतला सप्तमी व्रत
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।