मऊ सदर सीट से विधायक अंसारी यूपी की एक जेल में बंद था और उसके केस का ट्रायल चल रहा था। इसी बीच पंजाब पुलिस ने जबरन वसूली और आपराधिक धमकी की शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट हासिल किया और उसे पंजाब ले गई। बता दें कि गैंगस्टर को लेकर यूपी और पंजाब सरकारों के बीच जंग छिड़ी हुई थी। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 3 मार्च को सुनवाई के दौरान बताया कि अंसारी ‘पंजाब की रोपड़ जेल से अपना कारोबार संचालित कर रहा है।’ मेहता ने कहा कि जिस एफआईआर के कारण पंजाब पुलिस ने अंसारी की गिरफ्तारी की, उसमें साफतौर से मुख्तार अंसारी का नाम नहीं था और मजिस्ट्रेट के निर्देश के बिना बांदा जेल अधीक्षक द्वारा सौंपे जाने के बाद अंसारी को पंजाब ले जाया गया।
- मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी भेजने का दिया आदेश
- पंजाब की जेल से दो हफ्ते के अंदर शिफ्ट करने का आदेश
- कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी मुख्तार अंसारी आरोपी
- राय की पत्नी अलका राय ने कहा फैसले से जगी आस
नयी दिल्ली (ब्यूरो):
मुख्तार अंसारी पर पूर्व विधायक कृष्णानंद की हत्याआयी का आरोप है। कृष्णानंद की पत्नी अलका राय ने कांग्रेस और प्रियंका वाड्रा पर मुख्तार अंसारी को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। मुख्तार अंसारी को यूपी भेजने का आदेश आने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया है।
अलका राय ने कहा, ‘ सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है धन्यवाद देना चाहूंगी। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। सरकार मुख्तार अंसारी पर मेहरबान थी इसीलिए नहीं भेज रही थी। मैंने प्रियंका को तीन बार पत्र लिखा लेकिन उन्होंने जवाब तक नहीं दिया। अब न्यायालय पर मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही मुझे न्याय मिलेगा।’
अलका राय ने जारी किया था एक वीडियो भी
एक वीडियो में अलका राय ने कहा है, ‘यूपी की बीजेपी सरकार ने याचिका दायर की थी कि मुख्तार को पंजाब जेल से यूपी लाया जाए। इसका नोटिस लेते हुए गाजीपुर पुलिस गई थी वहां के अधिकारियों ने इसे स्वीकार नहीं किया। वहां की कांग्रेस सरकार और प्रियंका गांधी से निवेदन कर रही हूं कि ऐसे खूंखार अपराधियों को बचाने की कोशिश न की जाए उनको वहां से भेजा जाए ताकि कोर्ट में जो मुकदमा चल रहा है उसमें न्याय मिल सके।’
54 बार ली तारीख, एक बार भी नहीं हुआ पेश
यह हैरान करने वाली बात है कि रोपड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश के मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी 26 महीनों में एक बार भी न्यायालय में पेश नहीं हुआ। जेल से ही वह खराब सेहत का हवाला देकर 54 बार तारीख लेता रहा। हालांकि रोपड़ जेल प्रशासन के अनुसार गंभीर बीमारियों से पीड़ित मुख्तार को कड़ी सुरक्षा के साथ कई बार इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
मोहाली में एक बिल्डर से रंगदारी मांगने के आरोप में मुख्तार अंसारी 24 जनवरी, 2019 से रोपड़ जेल में बंद है। मुख्तार को काफी समय से पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट करने की कवायद चल रही है। इन दो साल में उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम करीब आठ बार अंसारी को लेने पंजाब आ चुकी है।
हर बार सेहत, सुरक्षा और कोरोना का कारण बताकर जेल प्रशासन उसे सौंपने से इनकार करता रहा है। रोपड़ जेल प्रशासन के अनुसार अंसारी अवसाद, शुगर व रीढ़ की हड्डी की बीमारी से पीड़ित है।
चिकित्सकों ने उसे किसी अन्य जगह शिफ्ट करने से मना किया है। मुख्तार भी अपने वकीलों के जरिए यूपी न जाने के लिए 54 बार तारीख ले चुका है। जेल में बंद मुख्तार इससे पहले भी पंजाब सरकार से यूपी के अपराधी विकास दुबे मुठभेड़ के बाद अपनी जान के खतरे की आशंका जता चुका है। उसने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर आशंका जताई थी कि जैसे विकास दुबे की जीप पलट गई थी, उसके साथ भी यह हो सकता है।
राजनीति भी हुई तेज
आम आदमी पार्टी के पंजाब इकाई के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह बात जनता के सामने आनी चाहिए कि एक राज्य का मुखिया एक अपराधी को बचाने के लिए इस हद तक क्यों आगे आ रहा था। उन्होंने कहा कि यह सांठगांठ जनता के मन में बड़ा संदेह पैदा करती है। कांग्रेस सरकार के मुखिया को स्वयं सामने आकर जनता को बताना चाहिए कि उनकी ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि उन्हें एक अपराधी को बचाने के लिए इस तरह की भूमिका निभानी पड़ी।