Tuesday, December 24

पंचकूला, 25 मार्च:

हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन कृष्ण कुमार ने बताया कि सीवर की साफ-सफाई के दौरान होने वाली मृत्यु के मामलों पर अंकुश लगाने के लिये सेंसर आधारित दो पायलट प्रोजेक्ट रेवाड़ी व गुरुग्राम में शुरू किये गये है।  इन दो पायलट परियोजनाओं की सफलता को देखते हुए इन्हें प्रदेश के दूसरे जिलों में भी चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा।

कृष्ण कुमार आज यहां सेक्टर-4 स्थित अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां सीवर कर्मीयों की सुरक्षा के लिये इस प्रकार के आधुनिक निवारक उपाय लागू किये गये है।

उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा आगामी 4 अप्रैल को करनाल में सफाई मित्र उत्थान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल मुख्यातिथि होंगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री रेवाड़ी व गुरुग्राम में पायलट आधार पर शुरू किये गये दो प्रोजेक्ट का विधिवत शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के समक्ष इन दो प्रोजेक्ट का डेमो भी प्रस्तुत किया जायेगा और उपस्थित सफाई कर्मचारियों को इसकी जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि आज तकनीकी का समय है और इसका समुचित उपयोग कर न केवल सीवर की सफाई के दौरान होने वाली मृत्यु पर अंकुश लगाया जा सकता है बल्कि सीवर की बेहतर साफ सफाई भी सुनिश्चित की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि सीवर में मिथेन जैसी जहरीली गैस होती है और सफाई के दौरान सीवर कर्मियों के शरीर में प्रवेश कर फेफडों को संक्रमित कर देती है। उन्होंने बताया कि पिछले 25 वर्षों में सफाई के दौरान 117 सीवर कर्मियों की मृत्यु हुई जबकि इस वर्ष पांच सीवरमैन ने सफाई के दौरान अपनी जान गवाई। उन्होंने कहा कि सीवर की साफ सफाई के दौरान मृत्यु होने पर ऐसे सीवरकर्मियों के परिवारों को 10 लाख रुपये की राशि मुआवजे के रूप में दी जाती है।

कृष्ण कुमार ने बताया कि इन परियोजनाओं के अंतर्गत रेवाड़ी में आठ व गुरुग्राम में चार सेंसर लगाये गये है। उन्होंने बताया कि इन सेंसर के माध्यम से सीवर की एक निर्धारित सीमा के बाद ओवरफ्लो होते ही संदेश संबंधित जेई व एसडीओ को व्हट्सअप, टैक्सट मैसेज और ई-मेल के द्वारा पंहुचेगा। इसके उपरांत उस क्षेत्र के सीवरमैन को इसकी जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी जो तुरंत मौके पर पंहुचकर सीवर की सफाई करेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली का फायदा यह होगा की सीवरमैन को सफाई के लिये सीवर के अंदर प्रवेश करने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से सीवर के ओवरफ्लो की जानकारी कहीं पर भी बैठकर डेसबोर्ड के माध्यम से देखी जा सकती है।

उन्होंने बताया कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसका मुख्य उद्देश्य सीवरमैन के जीवन की रक्षा करना, समयवद्ध तरीके से सीवर की सफाई व उसकी निगरानी सुनिश्चित करना तथा सीवर कर्मियों को उद्यमी बनाकर रोजगार मुहिया करवाना है। उन्होंने कहा कि आगामी 4 अप्रैल को करनाल में आयोजित होने वाले सफाई मित्रा उत्थान सम्मेलन के दौरान वे मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि रेवाड़ी व गुरुग्राम में इन दो पायलट प्रोजेक्ट की सफलता देखते हुए इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाये।

कृष्ण कुमार ने बताया कि अगले चरण में आयोग द्वारा सफाई कर्मियों को पोर्टेबल जैटिंग व सक्शन मशीन उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि सीवरकर्मी इन मशीनों को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा पायेंगे, जिससे सीवर की साफ सफाई का कार्य सुविधाजनक, सुरक्षित व समयबद्ध तरीके से पूरा हो पायेगा।

इस अवसर पर हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव श्री अनिल नागर व आयोग के मेंबर नामतः श्री रामफल लोट व आजाद सिंह भी उपस्थित थे।