कोरोना संक्रामण काल में आज रात संजय राऊत के घर रात्रि भोज का ऊत्सव है। महाराष्ट्र में चल रही उठापटक में यह आयोजन क्या संयोग मात्र है? जिस प्रकार भाजपा और शिवसेना में खड्ग खींचे हुए हैं सत्ता का ऊंट किसी करवट भी बैठ सकता है, ऐसे में इस उत्सव का औचित्य क्या है? सनद रहे की जब जब शिवसेना सीबीआई के भ्रमर से घबराई है तब तब महाराज द्श्यंत बन भाजपा ने पीर हरी है। सुशांत अत्म/हत्या के मामले में जब जांच की आंच शिवसेना के किसी खास तक पहंचने वाली थी या फिर पहुँच गयी थी तो आनन फ़्नन संजय राऊत पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फाड़नवीस से शिष्टाचार वश मिलने चले गए थे, यह बात दीगर है की उस प्रकरण में उन्होने शिष्टाचार की सारी मर्यादाएं भुला दीं थीं । आज जब खुद देवेंद्र फाड़नवीस शिवसेना और आघाडी सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं तब संजय राऊत जो पुन: वाक द्वंद्व में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं वह फिर से शिष्टाचार निभाते नज़र आएंगे। आज की रात वह महाराष्ट्र से कुछ भाजपा सांसदों को आमंत्रित करेंगे और शायद कल महाराष्ट्र की अघड़ी सरकार पर छाए संकट के बादल छंट जाएँ। जनता का क्या है वह तो सुशांत सिंह राजपूत हो या फिर उनई मैनेजर दिशा की आत्म/हत्या का मामला हो या फिर अब मुकेश अंबानी फिरौती का मामला, वह मूक दर्शक है।
सारिका तिवारी, नयी दिल्ली:
एक तरफ जहाँ महाराष्ट्र कोविड-19 की दूसरी लहर, जबरन घोटाला और ट्रांसफर रैकेट से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ शिवसेना नेता संजय राउत आज (मार्च 24, 2021) रात अपने दिल्ली आवास पर डिनर पार्टी की मेजबानी करने के लिए तैयार हैं। लोकमत की एक रिपोर्ट के अनुसार, गेस्ट लिस्ट में महाराष्ट्र के कई भाजपा सांसद हैं।
बताया जा रहा है कि ‘वसूली’ की खबर सामने आने से पहले ही शिवसेना के सांसद संजय राउत ने इस पार्टी की योजना बनाई थी। यह निमंत्रण महाराष्ट्र के सभी सांसदों को दिया गया था, जिसमें भाजपा भी शामिल थी। भाजपा के आमंत्रित सांसद रात्रिभोज में हिस्सा लेंगे या नहीं यह देखना होगा।
मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में अनिल देशमुख का नाम लेने के बाद भाजपा नेता भ्रष्टाचार में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। महाराष्ट्र के विपक्षी नेता, देवेंद्र फडणवीस, अनिल देशमुख को महाराष्ट्र के गृह मंत्री के रूप में निलंबित करने और जबरन वसूली में उनकी कथित संलिप्तता पर उनके खिलाफ जाँच शुरू करने के लिए महा विकास अघाड़ी सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं।
इस बीच, संजय राउत ने सभी दावों को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि ट्रांसफर रैकेट मामले के बारे में कुछ भी गंभीर नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा की मजबूत महागठबंधन सरकार को अलग करने का प्रयास है। संजय राउत ने एक प्रेस बातचीत में दावा किया, “सरकार इससे खतरे में नहीं आएगी।”
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के पत्र के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने चेताया था।
संजय राउत ने कहा था कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश की जा रही है। जो लोग ऐसा काम कर रहे हैं, उनके लिए ये ठीक नहीं होगा। संजय राउत ने आगे कहा कि अगर ऐसा सोचा तो मैं उन्हें चेतावनी देता हूँ कि ये आग उन्हें भी जला देगी।